एमएनएनआईटी के प्रोफेसर्स ने तैयार किया आर्टिफिसियल हैंड

कोरोना पेशेंट का इलाज करने वाले डाक्टर्स और नर्सिग स्टॉफ को इंफेक्शन से बचाने में बनेगा सहायक

prakashmani.tripathi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: कोरोना इंफक्शन से पीडि़त पेशेंट की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में लाख सावधानियों के बाद भी पेशेंट्स के इलाज में जुटे डाक्टर्स भी तेजी से इसके चपेट में आने लगे हैं। पूरे देश में कोरोना से पीडि़त डाक्टर्स की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना वारियर्स यानी डाक्टर्स की हेल्प के लिए एमएनएनआईटी ने आर्टिफिसियल हैंड तैयार किया है। जो डाक्टर्स के इशारे में पेशेंट्स को दवा देने से लेकर टेस्ट के लिए उनकी सैंपलिंग करने में भी पूरी हेल्प करेगा। जिससे डाक्टर्स को कोरोना पीडि़तों का इलाज करते समय संक्रमण से बचाया जा सके।

एप्लाइड मैकेनिक्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने किया है तैयार

डाक्टर्स की हेल्प के लिए आर्टिफिसियल हैंड को तैयार करने का क्रेडिट मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एप्लाइड मैकेनिक्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स का जाता है। इस बारे में डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स ने बताया कि ये आर्टिफिसियल हैंड सेंसर युक्त है। जिससे इसे कंट्रोल करना बेहद आसान होगा। ये आर्टिफिसियल हैंड मोबाइल एप से दिमाग से मिलने वाले डायरेक्शन के अनुसार ही आपरेट होगा। कोरोना वार्ड में यह पेशेंट्स तक दवाओं से लेकर सभी जरूरी सामानों तक पहुंचाने में डाक्टर्स की हेल्प करेगा। इसके साथ ही पेशेंट्स का टेस्ट के लिए सैंपलिंग में भी ये काफी हेल्पफुल होगा।

बॉडी में बनने वाली बायोनिक पावर से होगा संचालित

आर्टिफिसियल हैंड के बारे में जानकारी देते हुए एमएनएनआईटी के प्रोफेसर आरपी तिवारी ने बताया कि इसको रबर और फाइबर के कांबिनेशन से तैयार किया जा रहा है। इसको संचालित करने के लिए बॉडी में बनने वाली बायोनिक ऊर्जा का यूज किया जाएगा। यह ऊर्जा दिमाग से मिलने वाले डायरेक्शन पर वर्क करती है। आर्टिफिसियल हैंड को स्प्रिंग, सर्वो मोटर, और कंट्रोलर सíकट लगाकर तैयार किया जा रहा है। इसमें लगा कंट्रोलर सíकट रिमोट से सिग्नल लेगा। इसके बाद उसे वोल्ट में बदलकर सिग्नल मोटर को देगा। जिससे हाथ ठीक से काम कर सके। इसके साथ ही इसमें इलेक्ट्रो एन्सेफलो ग्राफ भी लगाया जाएगा। यह तरंग के जरिए दिमाग की तरंग को रीड करने के बाद सिग्नल कंट्रोलर को देगा। फिर कंट्रोलर सिग्नल को वोल्ट में बदलकर सर्वो मोटर को देगा। मोटर के इशारे पर हाथ दिमाग से मिलने वाले इशारों के अनुसार वर्क करेंगा। आर्टिफिसियल हैंड तैयार करने में के लिए बनायी गई टीम में प्रो। आरपी के तिवारी के साथ डॉ। आशुतोष मिश्र, डॉ। अभिषेक तिवारी और रिसर्चर सजल कुमार भी शामिल है।

आर्टिफिसियल हैंड तैयार करना अच्छा प्रयास है। जो लोगों के लिए हेल्पफुल होगा।

राजीव त्रिपाठी, डायरेक्टर, एमएनएनआइटी