- सदा बहार नगमों के तरानों पर झूमा एनसीजेडसीसी का ऑडिटोरियम

- क्लासिकल फिल्मों के गानों पर देर रात तक मस्ती में डूबे रहे श्रोता

ALLAHABAD: पुराने गीतों की धुनें आज भी लोगों को गुनगुनाने और झूमने पर मजबूर कर देती हैं। रविवार को रिमझिम फुहारों के बीच सजी एक शानदार शाम 'बहार से बहार तक' का आयोजन एनसीजेडसीसी में हुआ। जहां सदाबहार तरानों ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को अपनी आगोश में लेकर झूमने पर मजबूर कर दिया। गुजरे जमाने के फेमस संगीतकारों व गायकों के नगमों को अलग-अलग कार्यक्षेत्र में महारथ हासिल करने वाले कलाकारों ने उन्हीं के अंदाज में पेश किया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत चीफ गेस्ट सांसद श्यामा चरण गुप्त व उनकी पत्‍‌नी जमुनोत्री गुप्त ने की।

अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी

क्लासिक फिल्मों के गानों से सजीं शाम की की शुरुआत गणेश वंदना से हुई जिसके बाद कलाकारों ने अपने प्रस्तुति दी। पहला सांग फेमस फिल्म अभिमान के गीत अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी की प्रस्तुति ने पूरे माहौल को संगीतमय कर दिया। उसके बाद एक से बढ़कर एक गानों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। एनसीजेडसीसी के डायरेक्टर गौरव कृष्ण बंसल ने जब हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम की प्रस्तुति दी तो एनसीजेडसीसी का ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। श्रोताओं ने गाने के साथ अपनी तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद डॉ। जेके मिश्रा द्वारा प्रस्तुत किए गए सांग सारंगा तेरे याद में, डॉ। जीके शाग्लू बाबुल मोरा नैहर छूटा जाय, डॉ। सुबोध जैन मेरी महबूब कयामत होगी और रूप तेरा मस्ताना, डॉ। राजकुमार तुम अगर साथ देने का वादा करो, डॉ। शरद वर्मा एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल, डॉ। स्मिता कामरा रोज रोज डाली डाली की प्रस्तुतियों ने भी श्रोताओं की जमकर वाह वाही लूटी। कलाकार पंकज और अनुराधा की प्रस्तुति छुप गए सारे नजारे गाने ने पूरे माहौल को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान अन्य कलाकारों ने भी अपने गानों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ। विदुला दिलीप ने किया।