गंदे पानी की सप्लाई है यहां की सबसे बड़ी समस्या, यहां काम कम खोदाई ज्यादा होती है

ALLAHABAD: नगर निगम का वार्ड नंबर 62 मीरापुर वैसे तो शहर के पाश वार्डो में एक है। लेकिन सेंटर ऑफ अट्रैक्शन वार्ड बहादुरगंज और चौक के आगे मीरापुर वार्ड का डवलपमेंट दब सा गया है। यहां काम तो हुआ है, लेकिन जरूरत से काफी कम। मंगलवार को वार्ड के वाशिंदों के बीच से कुछ इसी तरह की बातें निकल कर आई। उनकी मानें तो इस वार्ड में एक नहीं बल्कि कई समस्याएं हैं। नाला-नाली की सफाई नहीं होती है। रोज कचरा नहीं उठाया जाता है। पूरे एरिया में एक भी कूड़ा अड्डा नहीं है। गलियों में रोड के किनारे ही गंदगी फैली रहती है। लोग इसे लेकर आंदोलन आदि करते हैं तो उन्हें आश्वासन की घुट्टी देकर चुप करा दिया जाता है। लेकिन एक भी आश्वासन आज तक पूरा नहीं किया गया है।

एट ए ग्लांस

वार्ड-62 मीरापुर

पार्षद- संजय गुप्ता

क्वालिफिकेशन- बीकाम

वोटर- 10 हजार

आबादी- 20 हजार

वार्ड के मोहल्ले-

बुद्धनगर, पटेलनगर, हर्षवर्धन नगर, ककरहा घाट, स्वतंत्रता सेनानी नगर, पंजाबी मोहल्ला, रज्जू भैया नगर, सब्जी मंडी, चैतन्य मार्ग

सफाई- 3-10

मीरापुर का पंजाबी मोहल्ला हो, हर्षवर्धन नगर या फिर सब्जी मंडी का इलाका हर जगह यहां-वहां कूड़े का ढेर दिखाई देगा। क्योंकि यहां पर डे कचरा नहीं उठता है। एक-दो दिन तक कचरा यहां-वहां फैला रहता है। इसके बाद यदि गाड़ी आई तभी कचरा वार्ड के बाहर जाता है। वार्ड में एक भी कचरा डिपो नहीं है। डस्टबीन की भी काफी कमी है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन बंद होने से लोग घरों के बाहर कचरा फेंक देते हैं। सफाई व्यवस्था बस भगवान भरोसे है।

आवारा पशु - 2-10

कोतवाली और चौक एरिया से सटे मीरापुर वार्ड में भी आवारा पशुओं का आतंक कम नहीं है। यहां गलियों में जगह-जगह बैठे पशु दिखाई देते हैं। ललिता देवी मंदिर के आस-पास भी पशुओं का जमावड़ा रहता है। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है। कई श्रद्धालु यहां इन पशुओं की वजह से घायल भी हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

बिजली-4-10

भीषण गर्मी में जहां शहर के विभिन्न इलाकों में जबर्दस्त बिजली कटौती हो रही है, वहीं पुराने शहर में 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। लेकिन मीरापुर वार्ड के गलियों में व कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था काफी पुरानी है। बिजली के तार जहां खराब हो चले हैं। वहीं आए दिन तार टूट कर गिरने के साथ ही तारों के जंजाल में आग लगने का खतरा बना रहता है। इसे लेकर कई बार तार बदलने के लिए लोगों ने विभाग से कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

नाला-नाली 3-10

शहर के ज्यादातर वार्डो के नाला व नाली क्षतिग्रस्त हैं। दीवार ढह चुकी है। नालों की सफाई नहीं होती है। सिल्ट जमा रहता है तो फिर मीरापुर वार्ड के नाला-व नाली की सफाई कैसे होगी। यहां भी नाले खुले हुए हैं। नालियों की सफाई नहीं होती है। बरसात होते ही नाला चोक हो जाता है और पानी भर जाता है। लोगों का कहना है कि इस बार भी यह समस्या होगी।

सड़क- 4-10

मीरापुर के लोगों का कहना है कि साल भर पहले तक मीरापुर वार्ड की सड़कें चकाचक थीं। गलियां भी चलने लायक थीं। लेकिन गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने जब से सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया है। तब से सड़क व गलियों की ऐसी-तैसी हो गई है। चकाचक सड़कों पर धूल उड़ रही है। गलियां भी चलने लायक नहीं रह गई हैं।

वार्ड बोलता है

मीरापुर का गुजराती मोहल्ला हो, पंजाबी मोहल्ला या फिर कोई अन्य इलाका, कहीं भी रोज झाड़ू नहीं लगती है। पर डे कचरा उठाया भी नहीं जाता है। इलाके में चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। हवा चलते ही गंदगी घर में पहुंच जाती है।

जितेंद्र सिंह

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की टीम ने कुछ महीने पहले पूरे वार्ड में जगह-जगह गली व सड़क की खोदाई की। लेकिन सीवर लाइन डालने के बाद रोड जस की तस छोड़ दी गई। इससे काफी दिक्कत होती है। बारिश होने पर सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

शम्मी सिडाना

कुछ दिनों पहले पेपर में पढ़ा था कि अपना इलाहाबाद सफाई के मामले में काफी पिछड़ा है। इलाहाबाद की ये वास्तविक स्थिति है। नगर निगम की लापरवाही और मनमानी का ये उदाहरण है। मीरापुर भी लापरवाही का शिकार वार्ड है। लापरवाही के कारण ही इलाहाबाद की रैंकिंग गिरी है।

मनीष सिडाना

वार्ड में आवारा पशुओं का काफी आतंक है। इससे पूरा इलाका परेशान है। इनकी वजह से आए दिन लोग घायल होते रहते हैं। इलाके के दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। अक्सर ये पशु आपस में भिड़ते हैं तो राहगीर भी चोटिल होते हैं।

शुभम मालवीय

पब्लिक डिमांड

ऐतिहासिक ललिता देवी मंदिर के आस-पास के एरिया का हो विकास

पश्चिमी भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के आस-पास हो विशेष इंतजाम

वार्ड में हो कूड़ा अड्डे का निर्माण, ताकि गलियों व सड़क पर जमा न हो कचरा

वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि चौक की तरह लगे सुबह-शाम झाड़ू

जवाब दो पार्षद जी

1. क्या आप अपने वार्ड में हुए कार्यो से संतुष्ट हैं?

हां बिल्कुल संतुष्ट हूं। मैने अपने वार्ड की 20-25 गलियों को बनवाया है। गोल पार्क से सब्जी मंडी रोड, हर्षवर्धन नगर रोड का निर्माण कराया है। कई ट्यूबवेल लगवाए हैं। मलिन बस्ती में जहां कभी काम नहीं हुआ था वहां विकास कार्य कराया है।

2. वार्ड के वाशिंदों का कहना है कि पर डे कचरा नहीं उठता है?

ऐसा नहीं है, कूड़ा उठता है। लेकिन पूरे वार्ड में कहीं भी कूड़ा अड्डा न होने से दिक्कत होती है। क्योंकि कूड़ा अड्डा के लिए कहीं जमीन नहीं मिल पा रही है। इसके लिए काफी समय से प्रयास किया जा रहा है। जमीन मिलते ही समस्या खत्म हो जाएगी।

3. अपने वार्ड को मॉडल वार्ड बनाने के लिए कुछ विशेष काम किया?

हां बिल्कुल किया है। ऐतिहासिक ककरहा घाट को डवलप कराया। सांसद निधि से धन मुहैया कराया गया। रसूलाबाद की तरह ही यहां भी प्लेटफार्म बनवाया गया है, ताकि लोगों को दिक्कत न हो। बरगद घाट का ब्यूटीफिकेशन कराया है। उसे पिकनिक स्पॉट की तरह डवलप किया गया है।