प्रयाग संगीत समिति में चल रहे 56वें अखिल भारतीय संगीत समारोह का रंगारंग समापन

मेघालय के आधा दर्जन कलाकारों ने बम्बू डांस की मनमोहक प्रस्तुति की

ALLAHABAD: प्रयाग संगीत समिति में चल रहे 56वें अखिल भारतीय संगीत समारोह का अंतिम दिन यादगार बन गया। समिति के मेहता आडिटोरियम में पहली बार मेघालय के आदिवासी नृत्य बम्बू डांस का मनमोहक नजारा वहां के कलाकारों ने एकजुट होकर दिखाया। फसल उगने पर या बड़ी खुशी मनाने के लिए स्त्री और पुरुष के संयुक्त डांस की बेहतरीन प्रस्तुति का आकर्षण दिखाकर कलाकारों ने उपस्थित दर्शकों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया।

कलाकारों ने दूसरी प्रस्तुति के अन्तर्गत स्टिक डांस का विहंगम दृश्य प्रस्तुत किया। तलवार की जगह कलाकारों ने लकडि़यां लेकर मनमोहक स्टिक डांस की प्रस्तुति की। ढोलक पर प्रदीप सिंह व इबोसोउवा और मंजीरा पर धनरानी ने कलाकारों का साथ दिया।

समापन पर कानपुर के पं। विनोद कुमार द्विवेदी ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति से समां बांधा। उन्होंने भजन 'जठ आसर में सार रसना हरि है' और राग बसंत में बंदिश 'आई बसंत बहार की' मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति की। इसके अलावा पं। द्विवेदी ने राग बागेश्वरी ध्रुपदा बोल पर 'पायो महाराज आज तीनों लोक तेरो नाम' का गायन किया। समिति के सचिव अरूण कुमार ने कलाकारों को नटराज की मूर्ति भेंटकर सम्मानित किया।

संचालन डॉ। मधू रानी शुक्ला व सुनील गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया। समापन पर समिति के अपर निदेशक देवेन्द्र सिंह, शंकरी गुहा, श्याम लाल विद्यार्थी, बनवारी लाल शर्मा, सुनील मिश्रा, पं। पूरन मिश्रा, उमा दीक्षित, सपना खरे, संजीव किशोर, सुभाष चक्रवर्ती आदि मौजूद रहे।