ALLAHABAD: हजार और पांच सौ के नोट बंदी के बाद बैंकों में लग रही भीड़ ने बैंक कर्मियों का सिरदर्द बढ़ा दिया है। सुबह से देर रात तक काम करते वह बेहद तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसी ही एक घटना रविवार का सुबह हुई जब बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की मेन ब्रांच के कैशियर पीयूष शुक्ला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि काम के दबाव के चलते उनकी जान गई है। उन पर दूसरी ब्रांचों को छोटी नोट देने और बड़ी नोट लेने की बड़ी जिम्मेदारी थी। इससे उन पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा था। आजकल वह सुबह आठ से रात डेढ़ बजे तक काम कर रहे थे। पत्‍‌नी और बेटियों ने पीएम मोदी के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए दोबारा समीक्षा करने की मांग केंद्र सरकार से की है। लोगों को नोट बंदी को लेकर हो रही दिक्कतों को लेकर पीयूष ने फेसबुक एकाउंट पर भी पोस्ट अपलोड की थीं। नैनी के रहने वाले पीयूष का अंतिम संस्कार सोमवार को अरैल घाट पर किया गया। उनकी वाइफ श्वेता और दो बेटियां भी हैं और छोटे भाई मुकेश ने चिता में आग लगाई। इस संबंध में परिवार ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है। हालांकि, इस घटना को लेकर बैंक यूनियनों ने जानकारी न होने की बात कही है। फिर भी मामले की चर्चा दिनभर लोगों की जुबान पर बनी रही। उनका कहना था कि नोट बंदी के फैसले के बाद आम जनता समेत बैंक कर्मियों को भी काम के बोझ और अवसाद की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।