प्रयागराज ब्यूरो । गुरुवार को भी पारा चढ़ा रहा। ऐसे में सूरज चढ़ा तो सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बहुत जरुरतमंद ही सड़कों पर दौड़ते भागते दिखे। वहीं, पुरवइया का असर रहा कि अन्य दिनों की अपेक्षा लू में तपिश का असर कम रहा। शाम को सूरज ढला तो पारा गिरा मगर हवाओं में तपिश बरकरार रही। वहीं रात में हवाओं की स्पीड में तेजी आ गई। जिससे आंधी का माहौल बन गया। खैर, प्रचंड गर्मी पड़ रही है, मगर सब्र रखने की जरुरत है। ये साल लानीना का है। और लानीना अच्छी बारिश लेकर आएगा। उम्मीद है कि इस बार मानूसन समय पर आ जाएगा और बारिश भी अच्छी होगी।

पुरवइया ने बिगाड़ा लू का खेल
पुरवइया ने लू का खेल बिगाड़ दिया। गुरुवार को राहत की बात रही कि सुबह से ही पुरवइया ने मोर्चा संभाल लिया था। जब पुरवइया का असर मौसम में होता है तो हवाओं में तपिश यानि लू का असर कम रहता है या बिल्कुल नहीं रहता है। क्योंकि पुरवइया हवाएं नमी वाली होती हैं, मगर सूरज की गर्मी ने पारे को 47 पार बनाए रखा। गुरुवार को पछुआ हवाओं का असर नहीं रहा। जिससे लू में ज्यादा तपिश नहीं आ सकी। बता दें कि जब पछुआ हवाओं का जोर रहता है तो हवाएं लू में तब्दील हो जाती हैं और हवाओं में आग की तपिश महसूस होने लगती है।

ये साल है लानीना का
गर्मी के मध्य में जब पछुआ हवाओं का जोर हो जाता है तो पुरवइया को आगे बढऩे का मौका नहीं मिल पाता है। ऐसा इस बार हो रहा है। पुरवइया के आगे नहीं बढ़ पाने से उसका असर मध्य प्रशांत महासागर में ही रह जा रहा है। जिससे मध्य प्रशांत महासागर में ठंडक की स्थिति बन गई है। जब मध्य प्रशांत महासागर के ठंडा होने की स्थिति बनती है तो उसे लानीना कहते हैं। लानीना की ठंडी हवाएं उत्तर भारत में तेज बारिश का कारण बनती हैं। गुरुवार को पारा अधिकतम 47.7 रहा वहीं न्यूनतम तापमान 34.2 डिग्री रहा।


बस तीन दिन और
अचानक बढ़ी प्रचंड गर्मी नौ तपा की वजह से है। नौ तपा 25 मई से शुरू हुआ था। और दो जून तक चलेगा। ऐसे में प्रचंड गर्मी से राहत अगले दिन बाद मिलने के आसार हैं। मगर नौ तपा के दौरान जितनी प्रचंड गर्मी पड़ चुकी है ये आने वाले वक्त में मानसून के लिए अच्छा संकेत है।



ये वर्ष लानीना का है। मध्य प्रशांत महासागर की सतह में निम्न वायुदाब से लानीना का असर पैदा होता है। जिससे महासागर क्षेत्र में जल सामान्य से ठंडा हो जाता है। ऐसे में इस एरिया से आने वाली हवाएं ज्यादा नमी वाली होती हैं। जिनसे जोरदार बारिश की संभावना बनती है। इस बार मानसून अपने वक्त पर आएगा और बारिश भी अच्छी होगी।
प्रो.डा.शैलेंद्र राय, के.बनर्जी वातावरणीय एवं समुद्रीय विज्ञान केंद्र, एयू