-पहले दिन से ही धड़ल्ले से बिकने शुरू हुए फार्म

-दुकानदारों ने चिपकाया पम्पलेट, लगाए बोर्ड

-निर्धारित दर से अधिक वसूल रहे, छात्र भी ले रहे हाथों-हाथ

-बेबस है एयू एडमिनिस्ट्रेशन, रखी जा रही है नजर

<-पहले दिन से ही धड़ल्ले से बिकने शुरू हुए फार्म

-दुकानदारों ने चिपकाया पम्पलेट, लगाए बोर्ड

-निर्धारित दर से अधिक वसूल रहे, छात्र भी ले रहे हाथों-हाथ

-बेबस है एयू एडमिनिस्ट्रेशन, रखी जा रही है नजर

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रवेश भवन पर फ्राइडे से यूजीएटी के ऑफलाइन फार्मो की बिक्री क्या शुरू हुई, मानो दुकानदारों की लॉटरी निकल आई हो। दुकानदारों ने अंडर ग्रेजुएट <इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रवेश भवन पर फ्राइडे से यूजीएटी के ऑफलाइन फार्मो की बिक्री क्या शुरू हुई, मानो दुकानदारों की लॉटरी निकल आई हो। दुकानदारों ने अंडर ग्रेजुएट ((बीए, बीएससी, बीकाम<बीए, बीएससी, बीकाम) ) के फार्मो के अलावा दूसरे कोर्सेस के फार्मो की कालाबाजारी शुरू कर दी है और इन्हें यूजी फार्मो के प्रवेश भवन से बिक्री के पहले दिन से ही मार्केट में धड़ल्ले से बेचना शुरू कर दिया है। दुकानदारों की ब्लैक मार्केटिंग के आगे एयू एडमिनिस्ट्रेशन भी पूरी तरह से बेबस नजर आ रहा है।

छात्र ही नहीं पैरेंट्स भी लगा रहे हैं चक्कर

फ्राइडे को यूनिवर्सिटी रोड, कटरा, गऊघाट, जानसेनगंज जैसी जगहों पर जो नजारा देखने को मिला वह खासा चौकाने वाला रहा। पहले ही दिन से इन जगहों पर एयू के फार्म खरीदने वाले स्टूडेंट्स की भीड़ देखने को मिली। यही नहीं इस कालाबाजी में स्टूडेंट्स तो पूरा सपोर्ट कर ही रहे हैं, ज्यादातर पैरेंट्स भी इन दुकानों पर मधुमक्खी की तरह मंडरा रहे हैं। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।

<के फार्मो के अलावा दूसरे कोर्सेस के फार्मो की कालाबाजारी शुरू कर दी है और इन्हें यूजी फार्मो के प्रवेश भवन से बिक्री के पहले दिन से ही मार्केट में धड़ल्ले से बेचना शुरू कर दिया है। दुकानदारों की ब्लैक मार्केटिंग के आगे एयू एडमिनिस्ट्रेशन भी पूरी तरह से बेबस नजर आ रहा है।

छात्र ही नहीं पैरेंट्स भी लगा रहे हैं चक्कर

फ्राइडे को यूनिवर्सिटी रोड, कटरा, गऊघाट, जानसेनगंज जैसी जगहों पर जो नजारा देखने को मिला वह खासा चौकाने वाला रहा। पहले ही दिन से इन जगहों पर एयू के फार्म खरीदने वाले स्टूडेंट्स की भीड़ देखने को मिली। यही नहीं इस कालाबाजी में स्टूडेंट्स तो पूरा सपोर्ट कर ही रहे हैं, ज्यादातर पैरेंट्स भी इन दुकानों पर मधुमक्खी की तरह मंडरा रहे हैं। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।

PGATPGAT और < और LLBLLB के फार्मो का है इंतजार

जो दुकानदार इस ब्लैक मार्केटिंग में शामिल हैं। वे ज्यादातर सड़क पर प्रतियोगी परीक्षाओं के फार्म बेचने वाले और किताब कापी की दुकान चलाने वाले हैं। इन दुकानदारों ने बाकायदा अपनी दुकानों पर बड़े-बड़े पोस्टर भी टांग रखे हैं। जिनपर मोटे मोटे अक्षरों में लिखा हुआ है कि यहां पर बीए, बीएसएससी, बीकॉम, बीएएलएलबी जैसे कोर्सेस के फार्म बेचे जा रहे हैं। यही नहीं दुकानदारों की नजर फ्यूचर में आने वाले पीजीएटी और तीन वर्षीय विधि पाठ्यक्रम एलएलबी के फार्मो पर भी है। पीजीएटी के ऑफलाइन फार्म क्ख् मई और एलएलबी के ख्ब् मई से मिलने शुरू होंगे।

ख्0 से भ्0 रुपए तक ले रहे

स्टूडेंट्स को प्रवेश भवन तक का चक्कर और लम्बी लाइन न लगाना पड़े, इसके लिए दुकानदार बेहतर फैसिलिटी भी प्रोवाइड करवा रहे हैं। प्रवेश भवन पर मिलने वाले फार्मो की निर्धारित कीमत से अधिक ख्0 से भ्0 रुपए तक अधिक वसूले जा रहे हैं। दुकानदारों का दावा है कि वे अधिक पैसा इसलिए ले रहे हैं, जिससे स्टूडेंट्स को प्रवेश भवन तक जाकर फार्म जमा करने की मशक्कत न करनी पड़े। इसके बदले वे खुद जाकर फार्म जमा करेंगे।

गुर्गे हैं सक्रिय, पकड़े जाने पर भुगतना होगा अंजाम

जहां तक ब्लैक मार्केटिंग की बात है तो इसमें एयू के एडमिशन सेल का भी कोई दोष समझ में नहीं आता। क्योंकि कोई भी व्यक्ति फार्म का पैसा चुकाकर इसे ले सकता है। दुकानदार इसी बात का फायदा उठा रहे हैं और अपने गुर्गो को प्रवेश भवन भेजकर फार्मो को खरीद ले रहे हैं और फिर इसे मार्केट में बेच रहे हैं। इस बारे में एडमिशन डायरेक्टर प्रो। जगदम्बा सिंह का कहना है कि वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोई डुप्लीकेट फार्म न छाप सके। इसके लिए प्रत्येक ओएमआर शीट पर नम्बर दर्ज किया गया है। इन अधिकृत नम्बरों के अलावा कोई दूसरे नम्बर का फार्म स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक छात्र अधिकतम चार फार्म ही परचेज कर सकता है। प्रवेश भवन के इम्प्लाइज से भी कहा गया है कि वे अनाधिकृत लोगों पर नजर बनाए रखें। पकड़ में आने पर इनके अगेंस्ट सख्त कार्रवाई होगी।

कोई डुप्लीकेट फार्म न छाप सके। इसके लिए प्रत्येक ओएमआर शीट पर नम्बर दर्ज किया गया है। इन अधिकृत नम्बरों के अलावा कोई दूसरे नम्बर का फार्म स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रवेश भवन के इम्प्लाइज को हिदायत दी गई है कि वे अनाधिकृत लोगों पर नजर रखें।

प्रो। जगदम्बा सिंह, एडमिशन डायरेक्टर