प्रयागराज ब्यूरो । प्री एप्रूव लोन का मैसेज और अवेल करने पर कैश बैक का ऑफर पब्लिक को जोर का झटका दे रहा है। छोटी रकम मुफ्त में पाने की लालच में लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। साइबर सेल के पास ऐसी तमाम शिकायतें पहुंचती भी हैं तो तब जबकि वह मोटी रकम गंवा चुके होते हैं। शनिवार को साइबर थाने पहुंचे दिनेश कुमार यादव का केस इसका उदाहरण है। इसका एक और महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि पब्लिक अब भी पूरी तरह से अॅवेयर नहीं है कि उसे शिकायत कहां करनी है। इस चक्कर में उसका काफी टाइम भी वेस्ट होता है।
कैसे झांसे में आती है पब्लिक
दिनेश कुमार यादव सराय ममरेज थाना क्षेत्र के सोरों के रहने वाले हैं। बिजली विभाग में प्राइवेट इम्प्लाई के रूप में काम करते हैं। दिनेश भरे पूरे परिवार से हैं और पालिटेक्निक का कोर्स भी किया है। दिनेश बताते हैं कि करीब एक महीने से वह फ्रॉड के चंगुल में हैं। प्री एप्रूव लोन को क्लेम करने पर दो हजार रुपये का कैश बैग मिलने के लालच में दिनेश आ गये और एप डाउनलोड करके रजिस्ट्रेशन कराते समय सिक्योरिटी एलर्ट आने के बाद भी उन्होंने इसे इग्नोर कर दिया। डिटेल फिल करने के बाद उन्हें कैश बैक के रूप में दो हजार रुपये मिल गये तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। दिनेश बताते हैं कि इसके बाद ब्लैकमेलर्स ने खेल शुरू कर दिया। पहले तीन हजार फिर सात हजार मांगा तो उन्होंने जमा कर दिया। इसके बाद उनकी डिमांड बढ़ती चली गई।

आब्जेक्शनेबल फोटोग्राफ हथियार
दिनेश के अनुसार उन्होंने एप पर रजिस्टर करते समय सेल्फी फोटो अपलोड की थी। इस फोटोग्राफ को ब्लैकमेलर्स ने उठा लिया और एडिट करके उसके साथ आब्जेक्शनेबल फोटोग्राफ एड कर दी। एक बार उन्होंने पैसा देने से मना किया तो उन्होंने फोटो ग्राफ दो रिश्तेदारों को भेज दी। इसके बाद वह डर गये और पैसा भेज दिया तो ब्लैक मेलर्स का हौसल बढ़ गया। दो दिन पहले उनके पास मैसेज आया और 1.74 लाख रुपये की मांग की गयी। इसके बाद उनका माथा ठनका और उन्होंने पुलिस के पास जाने का फैसला लिया। सरायममरेज थाना पहुंचे तो वहां की पुलिस ने साइबर थाने भेज दिया। साइबर थाने की पुलिस ने उन्हें साइबर सेल भेज दिया।

पांच लाख से ऊपर की शिकायतें देखता है साइबर थाना
बता दें कि जिले में स्थित साइबर थाना पांच लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू वाले केस ही हैंडिल करता है
साइबर थाने की रिपोर्टिंग सीधे लखनऊ को होती है
पांच लाख रुपये से कम वैल्यू वाले केसेज साइबर सेल के पास दर्ज किये जाते हैं
साइबर सेल की मॉनिटरिंग कमिश्नरेट प्रयागराज द्वारा की जाती है
साइबर थाना की रिपोर्टिंग कमिश्नरेट प्रयागराज को दिये जाने का प्रस्ताव है। लेकिन, इस पर फाइनल मुहर नहीं लगी है।

कैसे होता है पूरा खेल
आटो रिकॉर्डेड मैसेज कॉल रिसीव करते ही सुनायी देने लगता है
इसमें ऑफर दिया जाता है कि आप प्रू एप्रूव लोन के लिए तत्काल अपना रजिस्टे्रशन कराएं
इसके साथ दो हजार रुपये कैश बैक के रूप में दिये जाने का ऑफर होता है
फ्री में मिलने वाले इसी दो हजार के चक्कर पब्लिक फंस जाती है
इलाहाबाद अलावा ह्वाट्सएप पर मैसेज आता है आप अपना प्री एप्रूव लोन क्लेम करें और कैश बैक पाएं
क्लेम करने के लिए लिंक दिया गया होता है

प्ले स्टोर पर नहीं मिलता एप
खास बात यह भी होती है लोन के नाम पर फ्रॉड करने वाले लिंक भेजकर एप तक पहुंचने और रजिस्ट्रेशन की बात करते हैं
यह लिंक जिस एप का होता है वह प्ले स्टोर पर सर्च करने पर भी नहीं मिलता है
लिंक पर क्लिक करते ही रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा जाता है
डिटेल फिल करने के बाद डाक्यूमेंट अपलोड करने का आप्शन आता है
इसमें आपसे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो अपलोड करने को कहा जाता है
गैलरी से फोटो चूज करने के साथ ही सेल्फी फोटो डालने को कहा जाता है
गैलरी को सेफ्टी प्वाइंट से टॅच न करने वाले लोग सेल्फी से फोटो अपलोड करते हैं
इसी सेल्फी को फ्रॉड करने वाले ब्लैकमेल करने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं
सेल्फी की फोटो एडिट करके वह या तो नेकेड कर देते हैं या फिर किस लड़की की आपत्तिजनक फोटो एडिट करके लगा देते हैं।
कस्टमर का भरोसा जीतने के लिए वह दो हजार रुपये खाते में भेजते भी हैं।

कैसे करते हैं ब्लैकमेल और वसूली
लोन एप के जरिए फ्रॉड करने वाले दो हजार रुपये आवेदक के खाते में डालने के बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू करते हैं
तीन हजार रुपये से शुरूआत होती है और फिर दिनो दिन यह राशि बढ़ती चली जाती है
बीच में एक बार भी ब्रेक करने पर वह आपकी कांटैक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों को आपत्तिजनक फोटोग्राफ भेजकर अरदब में लेते हैं
इज्जत बचाने के नाम पर पब्लिक पैसा जमा करती चली जाती है
लेकिन इसका कोई अंत नहीं होता और जब तक वह पुलिस की मदद लेने की सोचती है लाखों गंवा चुकी होती है

कोई भी एप जो प्ले स्टोर पर उपलब्ध न हो उसे कतई न तो डाउनलोड करें और न ही उस पर खुद को रजिस्टर करें। ऐसा करने पर सिक्योरिटी सिस्टम से वार्निंग आती है, इसे भी इग्नोर न करें। गलती से ऐसा कर भी दिया है और लगता है कि सामने वाला फ्रॉड है तो पुलिस को तत्काल सूचना दें।
जय प्रकाश सिंह
साइबर क्राइम ऑफिसर
साइबर क्राइम थाना प्रयागराज