एक अक्टूबर से नहीं बिकेगा संशोधित एमआरपी स्टीकर वाला माल
ALLAHABAD: त्योहारों के मौसम में व्यापारियों का दीवाला निकल सकता है। कारण साफ है कि एक अक्टूबर से संशोधित एमआरपी स्टीकर वाला माल नही बिकेगा। फिलहाल करोड़ों रुपए का माल मार्केट में फंसा हुआ। अगर इसकी बिक्री नहीं हुई तो व्यापारी कहीं के नहीं रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से माल बिक्री की अंतिम तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है। जीएसटी लगने के बाद सरकार ने संशोधित एमआरपी वाला स्टीकर लगाकर पुराने माल को बेचने की छूट दी थी।
यह है मामला
बता दें कि तीस जून की रात से देश में जीएसटी लागू हुआ था। उस समय देश में कई लाख करोड़ का माल ऐसा था जिस पर 5 से 15 फीसदी तक टैक्स बढ़ गया था। ऐसे में इस माल को खपाना जरूरी था। कम पैसे में व्यापारी बेचते तो उन्हें नुकसान होता। चूंकि पैकेजिंग अधिनियम के अंतर्गत यह प्रावधान है कि कोई भी पैक्ड वस्तु पर अधिकतम खुदरा मूल्य छपा हो सकता है। उस पर स्टीकर नहीं लगाया जा सकता। ऐसे में व्यापारियों ने तीस जून तक बचे हुए माल को स्टीकर लगाकर बेचने की छूट मांगी थी। केंद्र सरकार तीस सितंबर तक इसकी परमिशन भी दी थी।
बड़ी मुश्किल
-9 लाख करोड़ का माल बाजार में फंसा।
-6 लाख करोड़ का माल ऐसा है जिसमें संशोधित एमआरपी वाला स्टीकर लगा है।
-इसमें अधिकतम वस्तुएं रोजाना की उपयोग की हैं।
- व्यापारियों ने केंद्र सरकार से इस माल को बेचने की डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग की है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली से मांग है कि इस तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च किया जाए, जिससे सप्लाई चेन और बाजार में मौजूद माल को व्यापारी आसानी से बेच सकें।
-महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स
त्योहारों का सीजन है। बहुत सा माल मार्केट में अभी भी डंप है। महज एक दिन बचा है। ऐसे में सरकार से टाइम लिमिट बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है।
-विभु अग्रवाल, व्यापारी