इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने चलाया था हस्ताक्षर अभियान

ALLAHABAD: डीएवी इंटर कालेज में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन गुरुवार को हो गया। इस दौरान प्रख्यात कथावाचक पं। देवकीनंदन ठाकुर द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग करने की मुहिम को जनता का भरपूर समर्थन मिला। सात दिनों में 22 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना समर्थन दिया। कथा के समापन पर एडीएम सिटी पुनीत शुक्ला को विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव विजय शर्मा ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दिया।

सबके सहयोग की कामना

नाम बदलवाने की मुहिम का श्रीगणेश करने वाले कथावाचक पं। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि किसी को भी इस बात पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। चाहे वह हिन्दू, मुसलमान, सिख या ईसाई ही क्यों ना हो। सबको मिलकर प्रयाग नाम को सहमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयाग नाम के लिए इलाहाबाद में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। जो इस अभियान को अंतिम दिशा तक लेकर जाएगी।

श्रीकृष्ण विवाह का प्रसंग सुनाया

डीएवी कालेज परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर पं। देवकीनंदन ठाकुर ने प्रभु श्रीकृष्ण के विवाह का रोचक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया। नरकासुर ने 16100 कन्याओं को बंदी बना रखा था। नरकासुर का वध कर प्रभु ने कन्याओं को बंधन से मुक्त कराया। तब इन कन्याओं ने प्रभु से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। प्रभु ने कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से 16100 रुप बनाकर एक मुहूर्त में एक साथ विवाह किया। ऐसा उन्होंने किसी कामनावश नहीं बल्कि करुणा के तहत किया।