-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पास हैं अपने कई छात्रावास

-सेंट्रलाइज एडमिशन का सिस्टम हो चुका है खत्म

-सभी हास्टल खुद के लेवल पर लेंगे प्रवेश

<-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पास हैं अपने कई छात्रावास

-सेंट्रलाइज एडमिशन का सिस्टम हो चुका है खत्म

-सभी हास्टल खुद के लेवल पर लेंगे प्रवेश

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: किसी रेप्यूटेड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में दाखिले के बाद स्टूडेंट्स की सबसे बड़ी टेंशन खुद के रहने के लिए जगह की तलाश होती है। ऐसे में छात्रों के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि कोई शिक्षण संस्थान पढ़ाई के साथ ही उसे रहने के लिए जगह भी दे दे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद अपने स्टूडेंट्स को इस तरह की अपाच्र्युनिटी अवेलेबल करवाता है। इस यूनिवर्सिटी के पास अपने खुद के कई हास्टल हैं।

<किसी रेप्यूटेड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में दाखिले के बाद स्टूडेंट्स की सबसे बड़ी टेंशन खुद के रहने के लिए जगह की तलाश होती है। ऐसे में छात्रों के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है कि कोई शिक्षण संस्थान पढ़ाई के साथ ही उसे रहने के लिए जगह भी दे दे। सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद अपने स्टूडेंट्स को इस तरह की अपाच्र्युनिटी अवेलेबल करवाता है। इस यूनिवर्सिटी के पास अपने खुद के कई हास्टल हैं।

बाहरी छात्रों की होती है बड़ी संख्या

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड ऑफ ईस्ट का तमगा प्राप्त सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद में एडमिशन का सपना हर छात्र का होता है। इसका अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ हजार सीटों की तुलना में हर साल इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट फार्म भरते हैं। इनमें बड़ी तादाद पूर्वाचल और दूसरे राज्यों से आए छात्रों की भी होती है। ऐसे में यूनिवर्सिटी हजारों की तादाद में प्रवेश पाने वाले स्टूडेंट्स को हर साल छात्रावासों में प्रवेश की व्यवस्था को सुनिश्चित करती है।

विदेशियों के लिए इंटरनेशनल हाऊस

करेंट में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पास जीएन झा हास्टल, एएन झा, पीसीबी, डायमंड जुबिली, सर सुन्दर लाल, डॉ। ताराचन्द, केपीयूसी, हिन्दू हास्टल, मुस्लिम बोर्डिग हाऊस, हालैंड हाल, एसडी जैन हास्टल हैं, जिनमें स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाता है। इसके अलावा एक इंटरनेशनल हाऊस भी है। जिसमें विदेशों से पढ़ने आने वाले छात्रों को जगह दी जाती है। वहीं प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन पाने वाले छात्रों के लिए अलग से डॉ। एस राधाकृष्णन और उसकी एनेक्सी भी है।

छात्रावासों का रहा है इतिहास

ज्ञातव्य हो कि देशभर में जितना क्रेज इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का है, उतना ही उसके छात्रावासों का भी है। एयू के प्रत्येक छात्रावास का अपना एक इतिहास रहा है। अव्वल तो ये बरसों पुराने हैं। जिनकी इमारतें ही उसकी विरासत की कहानियों को बयां करती नजर आती हैं। इन छात्रावासों में रहकर पढ़ने वाले पुरा छात्रों का डंका देश और दुनिया में बजता रहा है। इन छात्रावासों को आईएएस और पीसीएस की फैक्ट्री भी कहा जाता है। जहां हर साल बड़ी संख्या में प्रशासनिक सेवाओं के लिए अन्त:वासियों का चयन होता है।

एडमिशन प्रॉसेस हो चुका है शुरू

ऐसे समय जब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन ख्0क्भ्-क्म् के लिए एडमिशन प्रॉसेस की शुरुआत हो चुकी है और अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट जैसी प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं भी निपटाई जा चुकी हैं, तब हास्टल्स में प्रवेश की कवायद भी शुरू हो चुकी है। न्यू एकेडमिक सेशन में छात्रावासों में दाखिले की प्रक्रिया सही समय पर शुरू हो सके। इसके लिए पहली बार सेंट्रलाइज एडमिशन की व्यवस्था को समाप्त करके विकेन्द्रीकृत व्यवस्था को लागू किया गया है। इस व्यवस्था के तहत प्रत्येक छात्रावास अलग अलग प्रवेश लेंगे। जबकि पहले दाखिले की प्रक्रिया में डीएसडब्ल्यू ऑफिस का अहम रोल होता था।

मेरिट के बेस पर होगा एडमिशन

बता दें कि पहले सेंट्रलाइज एडमिशन के चलते नवप्रवेशियों को छात्रावास नवम्बर दिसम्बर तक मिल पाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब दाखिले की प्रक्रिया जुलाई में ही शुरू हो जाएगी। छात्रों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाऊनलोड करना होगा और जिन छात्रावासों में वे प्रवेश लेना चाहते हैं। वहां जाकर आवेदन पत्र जमा करना होगा। एप्लीकेशन फार्म जमा करने की डेट प्रत्येक हास्टल द्वारा घोषित की जाएगी। खास बात यह है कि छात्रों को हास्टल सरकारी रेट पर मिलेंगे। हास्टल फार्म भरने के लिए एयू में दाखिला पाने वाला प्रत्येक छात्र अर्ह होगा। उसे हास्टल में एडमिशन प्रवेश परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के बेस पर मिलेगा।

इविवि के हास्टल और कुल सीटें

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अमरनाथ झा हास्टल क्म्म्

डायमंड जुबली हास्टल क्फ्म्

सर गंगानाथ झा हास्टल क्7ब्

सर पीसी बनर्जी हास्टल क्भ्म्

सर सुन्दर लाल हास्टल क्9फ्

ताराचन्द हास्टल फ्0म्

एस राधाकृष्णन हास्टल ख्म्8

शताब्दी ब्वायज हास्टल क्भ्0

हिन्दू हास्टल फ्म्8

केपीयूसी क्म्8

हालैंड हाल ख्फ्ख्

मुस्लिम बोर्डिग हाऊस ख्08

एसडी जैन हास्टल 9ख्

इंटरनेशनल हास्टल म्क्

यूनिवर्सिटी के छात्रावासों में पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल होता है। यहां पढ़ने आने वाले जूनियर्स सीनियर्स के सानिध्य में विकास करते हैं। जिससे कमजोर छात्रों की प्रतिभा भी निखरती जाती है।

प्रोफेसर जगदम्बा सिंह, डायरेक्टर एडमिशन एयू

एयू के छात्रावासों का अपना गौरवमयी इतिहास रहा है। यहां से निकले अनगिनत अन्त:वासी ऊंचे पदों पर आसीन होकर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन कर रहे हैं।

डॉ। एआर सिद्दकी, एक्स। डीएसडब्ल्यू एयू

पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी कैम्पस और रहने के लिए भी यूनिवर्सिटी का हास्टल, इससे अच्छा काम्बिनेशन और क्या हो सकता है। किसी भी छात्र के मानसिक विकास के लिए यही तो चाहिए।

भाष्कर झा, एक्स। मेम्बर एक्जिक्यूटिव काउंसिल एयू

क्यों है एयू के हास्टल्स की खास पहचान

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- सभी छात्रावासों में अन्त:वासियों के बीच एकजुटता देखने को मिलती है।

- अन्त:वासियों को एक साथ छात्रावासों के कमरे में पढ़ाई करते हुए देखा जा सकता है।

- यूनिवर्सिटी के माहौल की ही देन है कि कमजोर छात्र भी प्रशासनिक सेवाओं को क्वालीफाई करने के लायक हो जाते हैं।

- एयू के छात्रावासों को आईएएस व पीसीएस की फैक्ट्री भी कहा जाता है।

- नव प्रवेशी छात्र यहां वरिष्ठ छात्रों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ते हैं।

- एएन झा जैसे छात्रावास में लाईब्रेरी की भी सुविधा है।

- सभी छात्रावासों में मेस की भी सुविधा है।

- हास्टल्स में समय समय पर कल्चरल एक्टिविटी का भी आयोजन होता है।

- हास्टल्स को बहुत जल्द वाई फाई सुविधा से भी लैस किया जाएगा।