प्रयागराज ब्यूरो । मंडी परिषद में अफसरों ने ढाई करोड़ का खेल कर दिया। मामला डायरेक्टर तक पहुंचा तो जांच समिति गठित कर दी गई। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट बनाई। जिसमें कई अफसरों को ठेकेदारों की सिक्योरिटी मनी में हेराफेरी का दोषी पाया गया। मामले में तीन आरोपित को निलंबित कर दिया गया है। जबकि एक आरोपित रिटायर हो चुका है। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। साथ ही धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराया गया है। अब पुलिस मामले की विवेचना करेगी।

यह है मामला

मुंडेरा स्थित मंडी परिषद में रवेंद्र सिंह प्रभारी उपनिदेशक निर्माण के पद पर 2021 में तैनात थे। संजीव गंगवार और मैकूलाल लेखा व संपरीक्षाधिकारी के पद पर थे। मंजीत सिंह वरिष्ठ सहायक पद पर थे। कुछ महीना पहले मंडी परिषद के अफसरों को पता चला कि मंडी परिषद के निर्माण खंड में ठेकेदारों की सिक्योरिटी मनी में दो करोड़ 44 लाख रुपये का गबन हुआ है। जानकारी मिलने पर डायरेक्टर ने सहायक निदेशक प्रशासन व विपणन मंडी परिषद कुलभूषण वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। जांच शुरू हुई। पता चला कि 2021 से 2023 के बीच गबन किया गया। इसमें रवेंद्र सिंह, संजीव कुमार गंगवार, मैकू लाल और मंजीत सिंह शामिल हैं। इस दौरान मंजीत सिंह का ट्रांसफर झांसी हो गया था। जबकि मैकूलाल रिटायर हो गया था। प्रारंभिक जांच पर डायरेक्टर ने रवेंद्र सिंह, संजीव कुमार गंगवार और मंजीत सिंह को निलंबित कर दिया। करीब एक हफ्ता पहले जांच खत्म हुई। पता चला कि ठेकेदारों की सिक्योरिटी मनी को चारों मिलकर निकाल लेते थे। चेकों पर रवेंद्र सिंह और संजीव कुमार गंगवार के हस्ताक्षर भी मिले। मैकूलाल और मंजीत सिंह ने कागजों में हेरफेर किया था। ये भी पता चला कि मंजीत सिंह ने पत्नी और करीबियों के नाम पर पैसा जमा किया। धूमनगंज थाने में मंडी परिषद के सहायक उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण वर्मा की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है।

गबन का मामला पता चलने पर मामले की जांच हुई। चार लोगों को दोषी पाया गया। इनमें से तीन को निलंबित कर दिया गया है। जबकि एक रिटायर हो चुका है। जांच पूरी हो गई है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। धूमनगंज थाने में गबन का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

कुलभूषण वर्मा, सहायक निदेशक प्रशासन व विपणन मंडी परिषद