उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्शन के बाद निदेशालय ने दिखाई सख्ती

सभी राजकीय महाविद्यालयों में लगवाने का निर्देश

ALLAHABAD: कैम्पस में मारपीट और छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। एवीडेंस के आभाव में बरी हो जाने वाले दबंग अब बच नहीं पायेंगे। क्योंकि, कैम्पसेस अब बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरे की निगाहबानी में होंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिये शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद को दिशा- निर्देश जारी किया है। जिसमें संवेदनशील जगहों पर भी कैमरा लगाने की बात कही गई है।

सबूत का अभाव नहीं रह जाएगा

उच्च शिक्षण संस्थानो में अभद्रता, मारपीट और छेड़छाड़ जैसी बातें आम हैं। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन कार्रवाई का मन तो बनाता है। लेकिन, सबूतों के आभाव में आरोपी अक्सर बच निकलते हैं। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए परिसर को सीसीटीवी कैमरे से लैस किये जाने के लिये कहा गया है। देशभर के केन्द्रिय विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में गंभीरता से काम किया है। लेकिन, यूपी में राज्य सरकार के अन्तर्गत आने वाले महाविद्यालयों में अभी भी यह काम अधूरा पड़ा है।

UG-PG कॉलेजेज को भेजा पत्र

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद ने सभी राजकीय महाविद्यालयों को इस दिशा में कड़ाई से कदम उठाये जाने के लिये कहा है। संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ। सूर्य प्रकाश खरे की ओर से सभी राजकीय यूजी एंड पीजी कॉलेजेस को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि परिसर में सर्विलांस रिकार्डिग कैमरा लगवाना हर हाल में सुनिश्चित करें। इसे मुख्य द्वार के अलावा प्रिंसिपल रूम, लाइब्रेरी और ऑफिस रूम में अनिवार्य रूप से लगाने के लिये कहा गया है।

छुट्टी की सूचना निदेशालय को भेजें

डॉ। सूर्य प्रकाश खरे ने कहा है कि राजकीय महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा न लगाया जाना अत्यंत चिंता का विषय है। इससे कोई भी अप्रिय घटना होने की संभावना के साथ असुरक्षा बनी रहती है। उनकी ओर से दो और महत्वपूर्ण निर्देश दिये गये हैं। जिसमें कहा गया है कि कॉलेज की महत्वपूर्ण समितियों और पदों पर वरिष्ठ प्राध्यापकों को ही शामिल किया जाये। यह देखने में आ रहा है कि वरिष्ठ की जगह कनिष्ठ को कार्य सौंपा जा रहा है जो शासनादेशों का खुला उल्लंघन है। यह भी कहा है कि कॉलेज के प्राचार्य जब भी अवकाश पर रहें। इसकी सूचना अनिवार्य से निदेशालय को भी दें।

राजकीय महाविद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा न लगाया जाना अत्यंत चिंता का विषय है। इससे कोई भी अप्रिय घटना होने की संभावना के साथ असुरक्षा बनी रहती है।

डॉ। सूर्य प्रकाश खरे

संयुक्त शिक्षा निदेशक