प्रयागराज ब्यूरो । पुस्तक मेले में सातवें दिन बच्चों के लिये 'अपने मन की बातÓ विषय पर हिन्दी व अंग्रेजी में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इसके साथ ही चुटकुले और शेरो-शायरी का भी दौर चला। दोनों प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों के नाम की घोषणा पुस्तक मेला समापन से पूर्व कर ली जाएगी और उन्हें 31 दिसम्बर समापन के दिन पुरस्कृत किया जाएगा। मंच से शेरो शायरी के दौरान एक छात्र ने पढ़ा कि 'पानी पीना है तो गिलास से पियो, बेचारी बोतल में क्या रखा, सेवा करनी है, तो मॉ-बाप की करो, लड़कियों में क्या रखा हैÓ पर जमकर तालियॉ बजी।
काला पानी की खोज
एंग्लों बंगाली इंटर कालेज परिसर में चल रहे तृतीय प्रयागराज पुस्तक मेले में लगभग सभी स्टालों पर आजादी की गौरव गाथा और देश के लिये प्राण न्योछावर करने वाली विभूतियों से जुड़ी पुस्तकें बरबस ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर रहीं हैं। ज्ञान कुंभ थीम पर आधारित पुस्तक मेले में चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, अशफाक उल्ला, बिरसा मुण्डा जैसे नायकों की पुस्तकें तो लगी ही हैं, लेकिन इन सबसे अलग देश के अलग-अलग राज्यों के शहीदों से जुड़ी गाथाएं बताने वाली पुस्तकें भी स्टाल पर मौजूद हैं। लोकेश कुमार शरण की भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में 'काला पानीÓ की खोज करने वाले पुस्तक प्रेमी पहुंचे तो रमाशंकर की 'शहीदों की कहानियॉÓ भी देखी गयी। वीरांगना प्रीति लता, रानी चेन्नमा, खुदीराम बोस, ओडि़सा के शहीद लक्ष्मण नायक सहित अन्य शहीदों की गाथाएं उपलब्ध हैं। अशिमा सिंह की 'सर-जमीन-ए-हिंन्दÓ जैसे शीर्षक वाली किताब भी शहीदों की कहानियां बयां कर रही है। मोहनदास नैमिसराय की 'वीरांगना झलकारी बाईÓ और विश्वनाथ वैशम्पायन की शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुस्तक राज कमल प्रकाशन पर मौजूद है। खुदीराम बोस, राजगुरू, अशफाक उल्ला, तात्या टोपे और वीर सावरकर आदि की जीवन गाथा से परिचित कराने वाली पुस्तकें मेले में हैं। प्रकाशन विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के स्टाल पर भगत सिंह से जुड़ी चमन लाल की चार खण्डों की पुस्तकें उपलब्ध हैं।