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टेंट के रैन बसेरा बनाने की हुई थी बात इस बार माघ मेला के दौरान

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टेंट का रैन बसेरा इस बार संगम नोज पर बनाने का दावा

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टेंट के दो रैन बसेरा इस बार परेड ग्राउंड में बनेंगे जो यात्रियों को उपलब्ध रहेंगे

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टेंट के तीसरे रैन बसेरा को परेड ग्राउंड में आपात स्थिति के लिए रिजर्व रखने का है प्लान

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स्थानों पर पिछले साल माघ मेला के पांच सेक्टरों में अलाव की व्यवस्था की गई थी

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सेक्टरों में माघ मेला के दौरान प्रतिदिन प्रमुख स्थानों के साथ ही चौराहों पर जलाए जाएंगे अलाव

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क्विंटल लकड़ी प्रतिदिन अलाव के लिए मंगाने की व्यवस्था की गई है

-मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के लिए मेला प्रशासन ने किए थे कई दावे

ALLAHABAD: संगम की रेती पर दो जनवरी से शुरू होने जा रहे माघ मेले में इस बार स्नानार्थियों को ठिठुरन से बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। खासतौर से मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में चार रैन बसेरा बनाए जाएंगे। क्योंकि इस बार एक दिन के अंतराल पर दोनों स्नान पर्व पड़ रहे हैं। इसके लिए संगम नोज पर पहली बार एक हजार टेंट का रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया गया है।

ढाई हजार टेंट का रैन बसेरा

मेला को कुंभ के रिहर्सल के तौर पर देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से पर्याप्त रैन बसेरा बनाने की योजना बनाई गई है। परेड ग्राउंड में पांच-पांच सौ टेंट के दो रैन बसेरा बनाए जाएंगे तो संगम नोज पर दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था करने के लिए एक हजार टेंट का रैन बसेरा बनेगा। इसके अलावा परेड ग्राउंड में ही पांच सौ टेंट का एक रैन बसेरा रिजर्व के तौर पर रखा जाएगा, ताकि भीड़ का दबाव बढ़े तो उन्हें रात में ही बसेरे में शिफ्ट किया जा सके।

सभी सेक्टर में अलाव

रैन बसेरा के अलावा मेला प्रशासन सर्द रात की ठिठुरन से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था करेगा। मेला क्षेत्र के खाक चौक, त्रिवेणी मार्ग, काली मार्ग, ओल्ड जीटी रोड व गंगोत्री-शिवाला मार्ग के बीस प्रमुख चौराहों पर अलावा जलाने की योजना बनाई गई है। मेला प्रशासन के अमीन किशोरी लाल गुप्ता ने बताया था कि लेकर 31 जनवरी तक प्रतिदिन सभी पांच सेक्टरों में अलाव जलाया जाएगा। इसके लिए प्रतिदिन 20 क्विंटल लकड़ी मंगाई जाएगी।

माघ मेला के प्रमुख स्नान

पौष पूर्णिमा स्नान: 02 जनवरी

मकर संक्रांति: 14 जनवरी

मौनी अमावस्या: 16 जनवरी

बसंत पंचमी: 22 जनवरी

माघी पूर्णिमा: 31 जनवरी

तब साहब ने यह कहा था, अब फोन ही नहीं उठा

मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा और उन्हें ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त रैन बसेरा बनाया जाएगा। इसकी सबसे ज्यादा जरुरत संगम नोज पर थी। इसलिए वहां एक हजार टेंट का वाटर प्रूफ रैन बसेरा दो जनवरी तक बनाने का निर्देश दिया गया है।

राजीव कुमार राय, मेला अधिकारी