- क्लासिकल फिल्मों के गानों ने बांधा समां

- एनसीजेडसीसी ऑडिटोरियम में आयोजित हुई संगीत संध्या

ALLAHABAD: क्लासिकल फिल्मों के सदा बहार गानों की मधुरता आज भी लोगों को गुनगुनाने में मजबूर कर देती है। ऐसे में जब पुरानी फिल्मों के एवरग्रीन गानों की कंपोजिशन से खुद को लीजेंड बनाने वाले संगीतकारों को याद करने की बारी आये तो फिर कौन यह मौका खोना चाहेगा। इलाहाबाद म्यूजिक फाउण्डेशन एवं म्यूजिक केयर के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में ऐसे ही संगीत से सजी शाम का आयोजन किया गया। इसमें पुराने गानों की प्रस्तुति ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में एनसीजेडसीसी के डायरेक्टर गौरव कृष्ण बंसल द्वारा पेश किए गए गाने ये जो मोहब्बत है, ये उनका है काम पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजायी। दर्शकदीर्घा में बैठे लोगों की डिमांड पर उन्होंने कर्ज फिल्म का सदाबहार नगमा एक हसीना की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

क्ब् पीस आर्केस्ट्रा के साथ सजी संगीत की महफिल

एनसीजेडसीसी ऑडिटोरियम में सजी संगीत की महफिल में क्ब् पीस आर्केस्ट्रा ने पूरे माहौल को संगीत के रंग में रंग दिया। इस दौरान संगीतकारों के साथ ही मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, आशा भोसले, आरडी बर्मन जैसे बेजोड़ कलाकारों द्वारा गाये गए गीतों के संग्रह को पेश किया। इस दौरान कई डाक्टर्स ने भी अपने संगीत की कला को प्रदर्शित किया। इस मौके पर इलाहाबाद म्यूजिक फाउण्डेशन की डॉ। मनीषा द्विवेदी व डॉ। एसपी मिश्र कार्यक्रम के समापन पर सभी श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।