प्रयागराज ब्यूरो । क्या आपको पता है कि जन्मजात दिव्यांगता के क्या कारण हैं? किस वजह से बच्चे पैदा होते ही शरीर या मानसिक रूप से दिव्यांग होते हैं और उनका जीवन लगभग बर्बाद हो जाता है। एक्सपट्र्स की राय में इसके पीछे एक बड़ा कारण क्लोज रिलेशन या समान गोत्र में शादी होना है। समाज में बढ़ते इस नए ट्रेंड ने कहीं न कहीं जन्मजात दिव्यांगता को बढ़ावा देने का काम किया है।

बाहर आ जाती हैं दबी हुई बीमारियां

रिसर्च बताती हैं कि अक्सर कई बीमारियां होती हैं जो दबी हुई होती हैं। यह सामने उभरकर नही आती हैं। लेकिन जब क्लोज रिलेशन या सेम गोत्र में विवाह होता है तो कही न कहीं से बीमारियों को उभरने का मौका मिल जाता है। यही कारण है कि ऐसे परिवारों में अचानक कोई बच्चा ऐसा पैदा होता है जो जन्म से मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग होता है। इसे सेरेब्रल पाल्सी भी कहा जाता है।

इन कारणों से भी होती है दिव्यांगता

गर्भवती महिलाओं के समय से पहले डिलीवरी हो जाने से भी बच्चा दिव्यांग हो सकता है। इसे प्री मेच्योर डिलीवरी भी कहा जाता है। इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना और अधिक उम्र में शादी होना भी जन्मजात दिव्यांगता का कारण बन जाता है। साथ ही अक्सर देखा गया है कि गर्भवती महिला की ठीक से देखभाल नही होती या खानपान पर ध्यान नही दिया जाता है। ऐसी महिलाओं का बच्चा भी सेरेब्रल पाल्सी का शिकार हो सकता है।

दो फीसदी बच्चे होते हैं शिकार

इंटरनेशनल मानक पर जाएं तो एक हजार आबादी पर दो फीसदी बच्चों में जन्मजात दिव्यांगता पाई जाती है। लेकिन ऐसा भी देखने मं आ रहा हैं कि एक हजार में तीन से पांच बच्चों मे अब यह लक्षण सामने आने लगे हैं। लोगों में ऐसी बीमारियों को लेकर जागरुकता तो आई है लेकिन केसेज कम नही हुए हैं। अभी भी जरा सी लापरवाही से बच्चों में जन्मजात दिव्यांगता सामने आ जाती है।

ऐसे पहचान सकते हैं जन्मजात दिव्यांगता

- छह माह की उम्र तक बच्चे न बैठे।

- 12 से 18 माह के बीच वह चलने न लगे।

- बराबर एक्सप्रेशन न दे, आंखों में आंखे न डाले।

- बच्चे की गर्दन न रुक रही हो।

- शरीर के किसी अंग में तिरछापन हो।

क्यों मनाया जाता है दिवस

वल्र्ड डिसेबल डे को 1992 में यूनाइटेड नेशंस ने प्रमोट किया था। इसका उददेश्य केवल दिव्यांग लोगों के अधिकारियों, सम्मान और देखभाल के बारे में लागों को जागरुक करना था। डिसेबल लोगों को आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और कल्चरल लाइफ हर पहलू के लाभों के बारे में बताना इस दिन का परपज है। 2022 में वल्र्ड डिसेबिलिटी डे की थीम थी ट्रांसफार्मेटिव सालूशंस फार इन्क्लूसिव डेवलपमेंट यानी डिसेबल लोगों को लेकर लोगों की समझ को बढ़ावा देना और दिव्यांग व्यक्तियों की डिग्निटी अधिकारों और देखभाल के लिए समर्थन एकत्र करना है। इस साल अभी तक इस दिवस की थीम नही प्रसारित हुइ्र है।

जन्मजात दिव्यांगता को बढ़ाने वाले जेनेटिक इश्यूज का मतलब क्लोज रिलेशन या सेम गोत्र में शादी करना है। यह एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। यही कारण है कि पूर्व में ऐसी शादियों का विरोध किया जाता था। लेकिन अब यह ट्रेंड आ रही हैं। इससे जनमजात दिव्यांगता को भी बढ़ावा मिल रहा है।

डॉ। जितेंद्र जैन, आर्थोपेडिक सर्जन

उम्र के साथ या एक्सीडेंट मामलों की वजह से दिव्यांगता होना अलग चीज है लेकिन जन्मजात दिव्यांगता एकदम अलग है। इसको अगर समय से पहचान लिया जाए तो अधिकतर बच्चे ठीक हो जाते हैं। इन मामलों में परिजनों को हमेशा होशियार रहना चाहिए।

डॉ। एआर पाल, आर्थोपेडिक सर्जन