- कार्रवाई के नाम पर न हो व्यापारियों का उत्पीड़न
- शहर में जागरुकता अभियान चलाने की है जरूरत
- आईनेक्स्ट के संवाद में दिल खोलकर बोले व्यापारी ALLAHABAD:
शहर के छोटे-बड़े व्यापारी भी चाहते हैं कि पॉलीथिन की बिक्री पूरी तरह बंद हो। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि शहर में इस्तेमाल हो रही प्रतिबंधित पॉलीथिन के लिए अकेले वही जिम्मेदार नहीं है। सिस्टम और मैनुफैक्चरर्स भी दोषी हैं। पॉलीथिन की बिक्री रोकने के लिए कार्रवाई से ज्यादा जागरुकता अभियान की जरूरत है। शनिवार को आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित संवाद में व्यापारियों ने खुल कर अपनी बात रखी।
आदत छूटने में लगेगा वक्त
लोग पहले बड़ा सा झोला लेकर मार्केट जाते थे और सामान खरीद कर ले आते थे। अब सिस्टम बदल गया है। सारी चीजों के लिए पॉलीथिन मौजूद है। व्यापारियों का तर्क है कि 20-25 साल पुरानी आदत को बदलने में थोड़ा वक्त तो लगेगा ही।
विभाग ने नहीं किया क्लियर
व्यापारी महेंद्र गोयल के मुताबिक किसी तरह की पॉलीथिन प्रतिबंधित है, पूरी तरह से इसे क्लियर नहीं किया गया। इस सिलसिले में नगर निगम के अधिकारी राजकुमार द्विवेदी से बात की गई, लेकिन तसल्लीबख्श जवाब नहीं मिला.केवल टाल-मटोल करते रहे।
पॉलीथिन ही क्यों?
- प्लास्टिक के बॉटल पर प्रतिबंध क्यों नहीं?
- रेलवे स्टेशन से पर डे निकलते हैं 10 से बीस हजार बॉटल, क्या ये बॉटल होते हैं रिसाइकल
-प्लास्टिक के प्लेट और ग्लास पर भी लगना चाहिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध,
- हरिद्वार में गोमुख से लेकर हरिद्वार तक हर तरह के पॉलीथिन और प्लास्टिक पर है बैन
- यूपी में केवल कैरी बैग पर ही प्रतिबंध क्यों?
इनका जवाब चाहते हैं व्यापारी
- क्या है कैरी बैग का विकल्प?
- पैकिंग के लिए किस तरह के पॉलीथिन का हो सकता है इस्तेमाल?
- 40 माइक्रॉन से उपर का पॉलीथिन यूज करने पर भी क्या जुर्माना भरना पड़ेगा?
- साड़ी, कपड़ा व अन्य सामान कैसे करें पैक?
- धूल, गंदगी व वेस्टेज से कैसे बचाएंगे सामान को?
व्यापारियों के सुझाव
- पॉलीथिन के प्रोडक्शन पर लगनी चाहिए रोक
- मैनेफैक्चरिंग कंपनियों के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई
- नगर निगम पब्लिक को करे अवेयर
- व्यापारियों को बताया जाए कि कितने माइक्रॉन वाले पॉलीथिन का हो इस्तेमाल।
- दुकानों पर लगाए जाएं पोस्टर।
- चेकिंग के दौरान पहली बार पॉलीथिन मिलने पर चेतावनी देकर छोड़ा जाए।
- पॉलीथिन मिलने पर व्यापारियों के साथ अभद्रता न किया जाए
- व्यापारियों का हरासमेंट न किया जाए।
- पॉलीथिन के प्रोडक्शन पर ही रोक लगनी चाहिए।
व्यापारियों के आरोप-
- कार्रवाई के नाम पर हो रहा है उत्पीड़न
- नगर निगम के अधिकारी व पुलिस वाले व्यापारियों से ऐसे करते हैं बात जैसे पॉलीथिन नहीं, बल्कि बम रखा हो।
- प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई करने आए पुलिस वाले माइक्रॉन पर ध्यान नहीं देते हैं।
- 40 माइक्रॉन से उपर की पॉलीथिन रखने पर भी हो चुकी है कार्रवाई
- लगाया गया था जुर्माना, पैसा निकालने में पांच मिनट का समय लगने पर जबर्दस्ती पकड़ लिया गया था व्यापारी का कॉलर
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पॉलीथिन का विकल्प भी तो बताएं
सरकार ने एक झटके में पॉलीथिन यानी कैरी बैग पर प्रतिबंध तो लगा दिया। लेकिन विकल्प नहीं बताया। विकल्प का भी प्रचार प्रसार करने के साथ ही सुविधा भी देनी चाहिए। पॉलीथिन पर बैन लगने के बाद अब कागज का इस्तेमाल बढ़ेगा।
पीयूष अग्रवाल
प्रेसीडेंट
इलाहाबाद डिस्ट्रिीब्यूटर्स एसोसिएशन
असली गुनहगार तो मैनुफैक्चरर हैं
सरकार के नुमाइंदें व्यापारियों पर शिकंजा कस रहे हैं, प्रतिबंधित पॉलीथिन के लिए व्यापारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए असली गुनहगार तो मैनुफैक्चरर हैं, जिन्होंने मानक के विपरीत तैयार पॉलीथिन को मार्केट में उतारा। मैनुफैक्चरर पर कार्रवाई नहीं होती।
महेंद्र गोयल
संयोजक यूपी ईस्ट
सीएआईटी
पॉलीथिन रखा है, बम नहीं
पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगने के बाद भी थोड़ी-बहुत पॉलीथिन दुकानों पर ही नहीं, बल्कि लोगों के घर में भी मिल जाएगी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि थोड़ा-बहुत पॉलीथिन मिलने पर भी व्यापारी का कॉलर पकड़ा जाए, गाली-गलौज किया जाए। व्यापारी ने पॉलीथिन ही रखा है, बम थोड़ी न रखा है। पहले चेतावनी दी जाए, फिर कार्रवाई की जाए।
रिशी केसरवानी
जनरल सेक्रेटरी
प्रयाग मित्र मंडल
अवेयरनेस की है जरूरत
जिला प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी प्रतिबंधित पॉलीथिन बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई तो कर रहे हैं, लेकिन लोगों व व्यापारियों को जागरुक नहीं कर रहे हैं। कार्रवाई से ज्यादा ताकत अवेयरनेस प्रोग्राम पर लगाना चाहिए। क्योंकि व्यापारी और ग्राहक अब खुद धीरे-धीरे जागरुक हो रहे हैं।
सुमित केसरवानी
नगर अध्यक्ष
सीएआईटी, इलाहाबाद
पॉलीथिन रिसाइकल पर दे ध्यान पॉलीथिन के खतरे को देखते हुए कुछ वर्ष पहले पॉलीथिन रिसाइकल की योजना बनाई गई थी। सड़क निर्माण में भी प्लास्टिक का यूज करने का निर्णय लिया गया था। बसवार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का मकसद भी यही था, लेकिन प्लांट केवल कूड़ा निस्तारण केंद्र तक सीमित रह गया।
अरुणेश जायसवाल
सचिव
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन