प्रयागराज ब्यूरो । ट्रेन लेट हो गयी तो पैसेंजर्स के पास सिर्फ एक आप्शन है कि वह वेटिंग हॉल में बैठकर टाइम पास करे। प्राइवेट वेटिंग हाल की सुविधा है लेकिन वहां प्राइवेसी मेंटेन नहीं हो पाती। गलती से वेटिंग पीरिएड दो से तीन या चार घंटे का हो गया तो कम्फर्ट भी फील नहीं होता। बैठकर वक्त गुजारने और ट्रेन का इंतजार करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होता। प्रयागराज जंक्शन पर ऐसे पैसेंजर्स को मुंबई और चेन्नई की तज पर पॉड्स की सुविधा इंट्रोड्यूज होने जा रही है। एमओयू फाइनल हो चुका है और रेलवे की तरफ से स्पेश भी फाइनल कर दिया गया है। इससे उम्मींद बंध गई है कि जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। काम पूरा होने में डेढ़ से दो महीने या उससे कुछ ज्यादा वक्त लग सकता है। माना जा रहा है कि न्यू इयर में यह गिफ्ट ट्रेन के पैसेंजर्स को मिल जाएगा।

क्या होता है पॉड्स
बेसिकली यह एक रूम जैसा होता है। सिंगल आक्यूपेंसी पॉड् का एरिया 28 स्क्वॉयर फिट का होता है। इसमें एक व्यक्ति के लिए आराम की सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। बेड से लेकर सेपरेट टॉयलेट की सुविधा के साथ ही इसके भीतर ही आपको आनलाइन काम करने का भी बेहतर एंबियांस मिलेगा और रेस्ट करना है तो बगैर किसी डिस्टर्बेंस के यह भी संभव होगा। इस तरह की सुविधा मुंबई और चेन्नई के स्टेशनों पर पहले से उपलब्ध है। इसकी बुकिंग आन द स्पॉट और आनलाइन दोनो मोड में की जाने की संभावना जताई जा रही है। इस पर फाइनल कॉल इसकी टेक केयर करने वाली एजेंसी को लेना है। प्रयागराज जंक्शन पर जो स्ट्रक्चर डेवलप किया जाना फाइनल किया गया है उसके अनुसार यहां सिंगल, डबल और फैमिली आक्यूपेंसी वाले पॉड्स होंगे।

स्टेशन पर भटकने से मिलेगी मुक्ति
रेलवे स्टेशन पर डेवलप किये जाने वाले आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्लीपिंग पॉडस का सबसे ज्यादा फायदा उन पैसेंजर्स को होगा जिन्हें ट्रेन का वेट करने के चक्कर में प्लेटफॉर्म पर लम्बे समय तक इंतजार में गुजारना पड़ता है। इसका फायदा उन पैसेंजर्स को भी होगा जो देर रात यहां पहुंचते हैं और सुबह का इंतजार करने के चक्कर में पूरे 24 घंटे का रेंट पे करके किसी होटल में स्टे करते हैं। यहां उन्हें आराम से सोने की सुविधा मिलेगी ही साथ ही दूसरे काम भी आराम से कर सकेंगे। बता दें स्लीपिंग पॉडस एक कैप्सूल नुमा छोटे कमरे कि तरह से होता है। नयी और उन्नत तकनीक वाली सुविधाएं इसमें उपलब्ध होती हैं। घंटे के अनुसार पेमेंट की सुविधा उपलब्ध होने के चलते यह पैसेंजर्स की जेब पर भी भारी नहीं पड़ता। जंक्शन प्रिमाइस में ही होने से ट्रेन पकडऩे के लिए उन्हें लम्बी दूरी तय नहीं करनी होगी। उन्हें किसी दूसरे कन्वेंस की भी जरूरत नहीं होगी।

ये सुविधाएं होंगे उपलब्ध
यह पुरी तरह आधुनिक सुविधा से लैस पोड्स होंगे
सभी प्रकार के पाड्स पूरी तरह से वातानुकूलित होंगे
पाड्स की सुविधा लेने वालों के लिए क्लॉक रूम, रिसेप्शन बूथ भी होगा
वाशरूम-टॉयलेट एवं हाउस पेंट्री सर्विस की भी सुविधा उपलब्ध होगी
पेंट्री कार में खाना पकाया नहीं जायेगा लेकिन आर्डर करने पर बाहर से मंगाकर गरम करके सर्व किया जायेगा
इसमें लैपटॉप, मोबाइल आदि चार्ज करने की सुविधा होगी
इसमें स्टे करने का चार्ज प्रति घंटा के अनुसार होगा
प्रति घंटे के चार्ज कितना होगा, यह स्ट्रक्चर कम्प्लीट होने के बाद तय किया जायेगा

कौन कर सकेगा इस्तेमाल
प्रयागराज मंडल के रेलवे के पीआरओ अमित सिंह बताते हैं कि इसका एलॉटमेंट सिर्फ उन पैसेंजर्स को किया जायेगा जिनके पास रेलवे का वैलिड टिकट होगा। बाहरी लोगों को इंट्री नहीं दी जाएगी। इसका फायदा उन पैसेंजर्स को ज्यादा होगा जिन्हें दो चार घंटे ट्रेन का इंतजार करने में गुजारने हैं। यहां उन्हें शानदार एंबियांस मिलेगा तो वे आराम भी कर सकेंगे और आनलाइन कोई काम है तो उसे भी पूरी प्राइवेसी के साथ कर सकेंगे।

रेलवे को जमीन उपलब्ध करानी थी। यह काम पूरा हो चुका है। पूरा स्ट्रक्चर तैयार करने का काम मुंबई की फर्म को सौंपा गया है। वही निर्माण के बाद पांच साल तक इसकी केयर भी करेगी। फेयर आदि बाद में तय किया जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि नए साल में पैसेंजर्स को यह तोहफा मिल जाएगा।
अमित सिंह
पीआरओ, प्रयागराज मंडल