प्रयागराज ब्यूरो ।चुनाव में प्रचार प्रसार और अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया लगातार बड़ा मंच बनता जा रहा है। इसके माध्यम से अक्सर प्रत्याशियों के पक्ष-विपक्ष में माहौल बनाने के साथ वोटर्स को दिग्भ्रमित करने का काम भी किया जाता है। इससे बचने के लिए चुनाव आयोग द्वारा सोशल मीडिया सेल का गठन करने का आदेश दिया गया है। यह सेल 24 घंटे मुस्तैदी से काम करेगी। लोग इस सेल से कंट्रोल रूम के जरिए शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।

18 सदस्यीय कमेटी को जिम्मेदारी
चुनावी सीजन में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, यू ट््यूब, इंस्टाग्राम आदि वेबसाइट को सोशल मीडिया का मुख्य माध्यम माना गया है। इन पर नजर रखना आसान नही है। इसके लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर 18 सदस्यीय सोशल मीडिया सेल का गठन किया गया है। यह सेल 24 घंटे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखेगी। सेल का नोडल अधिकारी एडीएम राजस्व कुंवर पंकज को बनाया गया है।
इस गाइडलाइन पर काम करेगी सेल
- सोशल मीडिया सेल का गठन अभी नही हुआ है। चुनाव में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के ज़रिये सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री को चुनाव आचार संहिता के दायरे में लाने का फैसला 2014 के आम चुनाव के दौरान किया था.
- चुनाव आयोग का कहना है कि इलेक्शन में पारदर्शिता और बराबरी के अवसर बनाए रखने के लिये सोशल मीडिया पर नियंत्रण की ज़रूरत है.
- चुनाव आयोग का यह भी कहना था कि सोशल मीडिया पर चुनाव कानूनों का निश्चित रूप से उल्लंघन होता है।
- प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करते समय दिये जाने वाले हलफनामे में अपनी ई-मेल आईडी और अन्य अधिकृत सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी देनी होगी.
- प्रत्याशियों को किसी भी इंटरनेट आधारित माध्यम पर राजनीतिक विज्ञापन देने से पहले चुनाव आयोग द्वारा तय अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।
- राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से असत्यापित विज्ञापन, डिफेंस संबंधी, हेट स्पीच, फेक न्यूज आदि पोस्ट नही कर सकेंगे।
- चुनावी प्रक्रिया बाधित हो या शांति, सामाजिक सदभाव और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो, ऐसी किसी पोस्ट को नही डाला जाएगा.
- फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप सहित प्रमुख सोशल मीडिया वेबसाइट पर मतदान से 48 घंटे पहले कोई राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- नियम का उल्लंघन होने पर तीन घंटे के भीतर जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 के तहत किसी भी नियम के उल्लंघन को लेकर कदम उठाए जाएंगे.
कंट्रोल रूम में की जा सकती है शिकायत
सेल के प्रभारी एडीएम राजस्व कुंवर पंकज ने बताया कि हमारी ओर से बनाई गई टीम लगातार सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। अगर कहीं नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो इसकी शिकायत कंट्रोल रूम में की जा सकती है। इस कंट्रोल रूम में ऑनलाइन सी विजिल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का भी समाधान किया जा रहा हैं। इस मौके पर बताया गया कि लोकसभा निर्वाचन 2024 की आदर्श आचरण संहिता लागू है। लोकसभा निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज संबंधी मामलों, प्रिंट मीडिया में प्रकाशित एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल में प्रसारित खबरों की 24 घंटे सतत् मॉनिटरिंग/रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अगर कुछ सामने आता है तो उसकी जांच की जाएगी।