प्रयागराज ब्यूरो । यूपी बोर्ड एग्जाम में हाईस्कूल टॉपर प्राची निगम के चेहरे पर उगे बालों की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब छाई हुई है। लोग प्राची के टैलेंट को दरकिनार कर उसके बालों पर मीम्स बनाने के साथ उसे ट्रोल भी कर रहे हैं। अचानक यह मामला गर्म होने से डॉक्टर्स के पास खूब कॉल्स भी आ रही हैं। जिन गल्र्स को ऐसी प्राब्लम्स हैं वह अस्पतालों की ओपीडी डॉक्टर से सलाह ले रही हैं। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि यह हार्मोनल डिसबैलेंस की समस्या है और इसका इलाज भी संभव है। इसलिए घबराने की जरूरत नही है।

बीमारी को कहते हैं हरस्यूटिजम

गल्र्स के चेहरे और शरीर पर कम उम्र में बाल उग जाने को हरस्यूटिजम कहा जाता है। इस बीमारी के रोजाना दो से तीन मरीज एसआरएन अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं। डॉक्टर्स की भाषा में इसे हार्मोनल डिसबैलेंस कहा जाता है। गल्र्स की बॉडी में मेल हार्मोन के अधिक बनने से यह दिक्कतें पैदा होने लगती है। इसकी वजह से गल्र्स के पीरियड समय से पहले शुरू हो जाते हैं या यह डिस्टर्ब होने लगते हैं। अल्ट्रासाउंड से देखने में गल्र्स की ओवेरी में सिस्ट भी नजर आते हैं। इसे पालिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी कहा जाता है।

मोटापा और शुगर को बढ़ावा

हरस्यूटिजम में गल्र्स में मोटापा और कम उम्र में शुगर की समस्या भी देखने को मिलती है। डॉक्टर्स का कहना है कि इसका अहम कारण अनहेल्दी लाइफ स्टाइल और मनमाना खानपान है। जंक फूड, तले भुने आइटम, पिज्जा, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक आदि का अधिक सेवन इस बीमारी का कारण बनता है। बच्चों में इनका सेवन अधिक देखा जा रहा है। इसकी वजह से मेटोबोलिक सिंड्रोम का भी जन्म होता है। आजकल के बच्चे एक्सरसाइज तो दूर घर से बाहर खेलने भी नही जाते हैं। अधिक वर्क आउट नही होने से उनमें हार्मोनल प्राब्लम्स होने लगती है। इंसुलिन रजिस्टेंस होने से डायबिटीज भी जल्द होने का खतरा बढऩे लगता है।

यह भी बन रहा है बड़ा कारण

आजकल खानपान की चीजों में अधिक मिलावट और केमिकल का यूज होना भी हरस्यूटिजम का बड़ा कारण बनता जा रहा है। खासकर आक्सीटोसिन का अंधाधुंध यूज भी इसमें से एक है। दूध निकालने के लिए गाय भैंस और हरी सब्जियों को बड़ा करने के लिए आक्सीटोसिन का इंजेक्शन दिया जाता है। एक्सपट्र्स का कहना है कि इससे भी हार्मोनल डिसबैलेंस की समस्या बढ़ रही है। जबकि सरकार ने आक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री को बैन कर रखा है। फिर भी इसका चोरी छिपे यूज किया जा रहा है।

हार्मोनल जांच के बाद आसान है इलाज

इस बीमारी का इलाज आसान है। डॉक्टर्स का कहना है कि जो गल्र्स इस समस्या से जूझ रही हैं वह अपना हार्मोनल कम्प्लीट चेकअप जरूर कराएं। इसकी रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है। दवाओं के साथ बालों को इलेक्ट्रोलाइसिस और लेजर थेरेपी की मदद से भी हटाया जाता है। अगर बचपन से ही माता पिता बच्चों के खानपान और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें तो इस समस्या को पैदा होने से बचाया जा सकता है।