प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डर का एक नया हथियार लेकर साइबर शातिर मैदान में आ गये हैं। इस टूल को डिजिटल हाउस अरेस्ट नाम दिया गया है। इसमें ब्लैकमेल करने के लिए इंटरनेशनल लेवल का फेक सीन क्रिएट किया जाता है। ह्वाट्सएप पर पूरा कन्वर्सेशन होता है और लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। सामने से आने वाली वीडियो पूरी तरह से फेक होती है लेकिन सीन में पुलिस का ऑफिस या फिर नारकोटिक्स का दफ्तर अथवा कोर्ट रूम को लाइव फील कराती है। प्रयागराज में सामने आया यह पहला मामला है और महिला के खाते से करीब डेढ़ करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिये गये। उसे तीन दिन तक डिजिटली अरेस्ट रखा गया। चौथे दिन मामला पुलिस तक पहुंचा तो साइबर थाने की टीम एक्टिव हो गयी। इस टीम को महिला के खाते से ट्रांसफर हुए करीब 40 लाख रुपये होल्ड करा लेने में सफलता मिल चुकी है। नेक्स्ट लेवल की वर्किंग होनी बाकी है। इस तरह का केस हाल फिलहाल के दिनों में वाराणसी और बरेली में भी सामने आ चुका है।

जार्जटाउन एरिया में रहती है महिला
साइबर शातिरों का शिकार बनी महिला मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। प्रयागराज में वह जार्जटाउन एरिया में स्थित बंगाली कालोनी में रहती है। उसका नाम विनीता बताया गया है। उसके पति गवर्नमेंट ऑफिसर थे और रिटायर हो चुके हैं। महिला के दो बच्चे हैं। एक बेटा फॉरेन में रहकर पढ़ाई करता है। महिला के खाते से कुल करीब 1.48 करोड़ रुपये दिन में ट्रांसफर कराये गये हैं। शातिरों ने मनी ट्रांसफर करने के लिए तीन एकाउंट नंबर शेयर किये थे। महिला ने इसमें से दो एकाउंट में ही पैसे भेजे। इन दोनो एकाउंट में अब भी मौजूद करीब चालीस लाख रुपये को फ्रीज करा दिया गया है। महिला का एक भतीजा फॉरेन में साइंटिस्ट है। वह इन दिनों अवकाश पर इंडिया में है। उसी के साथ महिला शुक्रवार को साइबर थाने पहुंची थी।

कूरियर में ड्रग्स होने का झांसा
साइबर थाने की पुलिस के सामने महिला ने जो कुछ भी बताया उसके मुताबिक कुछ दिन पहले फेडएक्स इंटरनेशनल कोरियर का कर्मचारी बनकर एक व्यक्ति ने उसे कॉल किया था। वह अपना नाम अब्बी कुमार बता रहा था। कॉलर ने बताया कि उनके नाम से एक कूरियर भेजा गया है। कूरियर को ताइवान में चेक किया गया तो उसमें गांजा, लैपटाप और क्रेडिट कार्ड आदि हैं। भरोसा दिलाने के लिए महिला से कहा गया कि इंटरनेशनल मामला है और आपके साथ आपके परिवार पर कार्रवाई हो सकती है। अपनी बात को जस्टिफाई करने के लिए कॉलर ने कॉल को ट्रांसफर करना बताया और इंट्रोडक्शन दिया गया कि यह ऑफिस डीसीपी क्राइम ब्रांच मुंबई का है। कहा गया कि उनके बैंक खाते में इतनी रकम कैसे आई, इसकी जांच की जाएगी। महिला को डराने के बाद कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया गया।

वीडियो कॉल करके कहा आप हैं डिजिटली अरेस्ट
महिला के अनुसार जब तक वह कुछ सोच समझ पातीं उसके पास वीडियो काल आ गयी और बताया गया कि उन्हें डिजिटली हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। वह घर से बाहर नहीं जा सकतीं। उन्हें लगातार वीडियो कॉल पर बने रहना होगा और किसी से बात भी नहीं कर सकती हैं। इसके बाद साइबर शातिर बचाने के नाम पर बैंक एकाउंट शेयर करते गए और महिला पैसा ट्रांसफर करती चली गयी। महिला के अनुसार यह खेल 23 अप्रैल को शुरू हुआ और 25 अप्रैल तक चला। इसके बाद उसने इसकी जानकारी फॉरेन में रहने वाले अपने भतीजे को दी तो उसने साइबर थाने चलने की सलाह दी। इसके बाद साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने टीम के साथ एक्टिव हो गये।

दो स्टेट के बैंक में ट्रांसफर कराया पैसा
साइबर थाने में तैनात अनुराग यादव बताते हैं कि महिला के खाते से ट्रांसफर कराया गया पैसा दो एकाउंट में डाला गया था। एक एकाउंट पश्चिम बंगाल का है और दूसरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का। दोनो एकाउंट भारतीय स्टेट बैंक में है। इसकी जानकारी होने पर साइबर थाने ने कोलकाता और लखनऊ में बैठने वाले स्टेट बैंक के सर्किल ऑफिसर से सम्पर्क किया और डिटेल शेयर की। उन्होंने एकाउंट फ्रीज कराना इनीशिएट कर दिया है। इसके चलते करीब चालीस लाख रुपये इन दोनो खातों में होल्ड हो गये हैं। जो लीगल फॉर्मेलिटीज पूरी होने के बाद महिला के खाते में वापस आ जाएंगे। साइबर शातिरों ने महिला को मनी ट्रांसफर करने के लिए यश बैंक का भी एक एकाउंट नंबर शेयर किया था। संयोग से उसने इस खाते में कोई एमाउंट ट्रांसफर नहीं किया। इस खाते को भी साइबर सेल ने ब्लाक करवा दिया है। इस खाते में करीब साठ हजार रुपये डिपाजिट हैं।

कई स्टेट ब्लाक करा चुके हैं मनी
इस केस में एक इंट्रेस्टिंग फैक्ट यह भी है कि पश्चिम बंगाल के जिस बैंक एकाउंट का इस्तेमाल साइबर शातिरों ने किया है उसमें 23 से 25 मई के बीच दूसरे स्टेट से भी खाता फ्रीज करने की रिक्वेस्ट बैंक को पहले ही मिली थी। एक और इंट्रेस्टिंग फैक्ट यह है कि स्टेट बैंक में खोले गये दोनो एकाउंट कंपनी के नाम पर हैं। साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि कंपनी के नाम पर करंट एकाउंट होने के चलते यह खाते बैंक की इंटरनल आडिट में चेक नहीं किये जाते। करंट एकाउंट होने से किसी भी एमाउंट का ट्रांजैक्शन इन खातों में किया जा सकता है।

कैसे होती है बैंक खातों पर कार्रवाई
साइबर क्राइम को इंवेस्टिगेट करने वाली टीम दो तरह की वर्किंग करती है। पहला तरीका होता है खाता फ्रीज करा दिया जाना। इसके बाद इस खाते से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो पाता है। दूसरा तरीका होता है लीन लगवाना। इस कार्रवाई के दौरान एक एमाउंट को फ्रीज करा दिया जाता है। मसलन ऐसे खाते में एक लाख रुपये हैं और 90 हजार रुपये पर लीन लगा दिया गया तो यह इस एमाउंट का ट्रांजैक्शन नहीं हो सकेगा। सिर्फ दस हजार रुपये ही इधर उधर किये जा सकते हैं।

फाइनली दुबई पहुंचने के संकेत
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि खाता फ्रीज कराने के बाद नेक्स्ट लेवल की वर्किंग होगी तो पता चला कि करीब एक करोड़ से अधिक रुपये किन खातों में ट्रांसफर किये गये हैं। साइबर एक्सपट््र्स के अनुसार साइबर क्रिमिनल पैसा लेयर में ट्रांसफर करते हैं। पांच लेयर तक का इस्तेमाल इसमें होता है। प्रत्येक खाते को डिटेक्ट करने के बाद इंड यूजर का पता चलता है। अब तक जो फाइंडिंग्स आयी हैं उसके मुताबिक पैसा खाड़ी देश ट्रांसफर होता है। ज्यादातर यह क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर दिया जाता है।

वाराणसी और बरेली में भी आ चुके केस
इस तरह का केस दो महीने के भीतर वाराणसी और बरेली में भी सामने आ चुका है। वाराणसी में साढ़े तीन करोड़ से अधिक रुपये ट्रांसफर कराये गये थे। बरेली में छात्रा को टारगेट करके नौ लाख रुपये ट्रांसफर कराये गये थे।

कैसे बचाएं खुद को
पुलिस, सरकारी अफसर किसी को कॉल करके डराते-धमकाते नहीं हैं, इसलिए यदि आपको ऐसी कॉल आती है तो उसे पहले वेरीफाई करें
इस तरह के कॉल्स पर किसी भी स्थिति में अपने एकाउंट का डिटेल किसी से शेयर न करें
कानूनी कोई मामला डर पैदा करने के लिए बताया जा रहा है तो उसे ऑफिशियल चैनल से वेरीफाई करें
नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर या फिर कॉल से इसकी सूचना दें
खुद को स्कैम और फ्र ॉड जैसी घटनाओं से अपडेट रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं से आप पहले ही अलर्ट हो जाएं
साइबर क्राइम से जुड़े हेल्प लाइन नम्बर नहीं पता तो फोन में 1930 नंबर सेव रखिए। यह नेशनल साइबर क्राइम हेल्प लाइन नम्बर है।

साइबर फ्रॉड की दुनिया में डिजिटल अरेस्ट का नया ट्रेंड आया है। इसमें कॉल करने वाला खुद को इंटेलीजेंस या फिर कस्टम का अफसर बताता है। वीडियो कॉल पर सामने वाले को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहता है। धौंस में आने के बाद साइबर क्रिमिनल बैंक एकाउंट से रकम ट्रांसफर करा लेता है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर, साइबर थाना