Control room में आई थी सूचना
सिटी के पॉश एरिया सिविल लाइंस में एक मॉडल शॉप पर बियर पीने कुछ लड़के पहुंचे थे। बेहद स्मार्ट दिखने वाले दो युवा भी इसमें शामिल थे। जाम का दौर शुरू हुआ तो कोई किसी से कम आंकने को तैयार नहीं था। बातों ही बातों में दोनों लड़के ने वहां ड्रिंक कर रहे दूसरे युवकों से उलझ गए। मामला  इतना बढ़ गया कि एक दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली। स्थिति बिगडऩे का अंदेशा होने पर किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। इसके बाद सिविल लाइंस इंस्पेक्टर अमर नाथ सिंह ने दो कांस्टेबल को  मौके पर भेजा। पुलिसवाले वहां पहुंचे तो नशे में धुत लड़कों ने उन्हें हड़काया और देख लेने की धमकी दे डाली.

कोतवाली प्रभारी को दी सूचना
पुलिस का नाम आते ही कांस्टेबल ने कोई कार्रवाई करने से पहले ऑफिसर को सूचना देना जरूरी समझा। उन्होंने सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को पूरी बात बताई। इसके बाद सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज शैलेष राय वहां पहुंचे। सब इंस्पेक्टर को देख दोनों लड़कों ने खुद को एसटीएफ का जवान बताया और एरिया के कोतवाल को बुलाने को कहा.

पिस्टल देख खुल गई पोल
सिविल लाइंस पुलिस ने एटीएफ का जवान बताने के बाद भी उसे पकड़ लिय। तलाशी में पुलिस को एक आरोपी के पास से पिस्टल मिल गई। पिस्टल मिला तो पता चला कि वह कंट्री मेड है। फिर क्या था। पुलिस को सारा मजरा समझते देर न लगी। पुलिस ने पहले उस युवक को पकड़ कर इंट्रोगेट करना शुरू किया जिसके पास से पिस्टल मिला था। पूछताछ में उसने अपना नाम बृजेश मिश्र बताया। धूमनगंज का रहने वाला बृजेश मिश्रा हाइली एजुकेटेड है। उसके पिता पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर से रिटायर्ड हुए हैं। बृजेश ने एमसीए की पढ़ाई के बाद एमबीए की डिग्री ली और अब दिल्ली में जॉब करता है। बृजेश के साथ उसका साथी करेली का रहने वाला एजाज कपड़ा गया है। एजाज इलाहाबाद में डांस टीचर है। वह किसी कालेज में नहीं बल्कि प्रोफेशन डांस सिखाता है. 

मुझे लॉकअप में मत बंद करो
इतना सब कुछ होने के बाद दोनों को समझ में आ गया कि मामला बिगड़ गया है। उनका नशा काफूर हो गया। खुद को पुलिस  के लॉक अप में देखकर वे सन्नाटे में आ गए। इसके बाद वे डिफेंसिव हो गए और पुलिस से रिक्वेस्ट करने लगे कि ऐसे गलती दोबारा नहीं होगी। पुलिस मारकर हाथ-पैर तोड़ दे। लेकिन, लॉक अप से बाहर निकाल दे। पुलिस को उनके जामा तलाशी में एक लड़के के नाम का एटीएम कार्ड और अन्य जरूरी कागजात मिले। पुलिस ने उनके पूछा कि ये लड़की कौन है तो पता चला कि वह उनकी प्रेमिका है। रात में ही नहीं सुबह भी वह प्रेमिका उनसे मिलने पहुंची थी. 

आशीष के पास पिस्टल मिला है। इसे उसने 15 हजार रुपए में खरीदा था। किससे खरीदा इसके बारे में वह नहीं बता पा रहा है। उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.
अमरनाथ यादव 
इंस्पेक्टर, सिविल लाइंस 

Control room में आई थी सूचना

सिटी के पॉश एरिया सिविल लाइंस में एक मॉडल शॉप पर बियर पीने कुछ लड़के पहुंचे थे। बेहद स्मार्ट दिखने वाले दो युवा भी इसमें शामिल थे। जाम का दौर शुरू हुआ तो कोई किसी से कम आंकने को तैयार नहीं था। बातों ही बातों में दोनों लड़के ने वहां ड्रिंक कर रहे दूसरे युवकों से उलझ गए। मामला  इतना बढ़ गया कि एक दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली। स्थिति बिगडऩे का अंदेशा होने पर किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। इसके बाद सिविल लाइंस इंस्पेक्टर अमर नाथ सिंह ने दो कांस्टेबल को  मौके पर भेजा। पुलिसवाले वहां पहुंचे तो नशे में धुत लड़कों ने उन्हें हड़काया और देख लेने की धमकी दे डाली।

कोतवाली प्रभारी को दी सूचना

पुलिस का नाम आते ही कांस्टेबल ने कोई कार्रवाई करने से पहले ऑफिसर को सूचना देना जरूरी समझा। उन्होंने सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को पूरी बात बताई। इसके बाद सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज शैलेष राय वहां पहुंचे। सब इंस्पेक्टर को देख दोनों लड़कों ने खुद को एसटीएफ का जवान बताया और एरिया के कोतवाल को बुलाने को कहा।

पिस्टल देख खुल गई पोल

सिविल लाइंस पुलिस ने एटीएफ का जवान बताने के बाद भी उसे पकड़ लिय। तलाशी में पुलिस को एक आरोपी के पास से पिस्टल मिल गई। पिस्टल मिला तो पता चला कि वह कंट्री मेड है। फिर क्या था। पुलिस को सारा मजरा समझते देर न लगी। पुलिस ने पहले उस युवक को पकड़ कर इंट्रोगेट करना शुरू किया जिसके पास से पिस्टल मिला था। पूछताछ में उसने अपना नाम बृजेश मिश्र बताया। धूमनगंज का रहने वाला बृजेश मिश्रा हाइली एजुकेटेड है। उसके पिता पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर से रिटायर्ड हुए हैं। बृजेश ने एमसीए की पढ़ाई के बाद एमबीए की डिग्री ली और अब दिल्ली में जॉब करता है। बृजेश के साथ उसका साथी करेली का रहने वाला एजाज कपड़ा गया है। एजाज इलाहाबाद में डांस टीचर है। वह किसी कालेज में नहीं बल्कि प्रोफेशन डांस सिखाता है. 

मुझे लॉकअप में मत बंद करो

इतना सब कुछ होने के बाद दोनों को समझ में आ गया कि मामला बिगड़ गया है। उनका नशा काफूर हो गया। खुद को पुलिस  के लॉक अप में देखकर वे सन्नाटे में आ गए। इसके बाद वे डिफेंसिव हो गए और पुलिस से रिक्वेस्ट करने लगे कि ऐसे गलती दोबारा नहीं होगी। पुलिस मारकर हाथ-पैर तोड़ दे। लेकिन, लॉक अप से बाहर निकाल दे। पुलिस को उनके जामा तलाशी में एक लड़के के नाम का एटीएम कार्ड और अन्य जरूरी कागजात मिले। पुलिस ने उनके पूछा कि ये लड़की कौन है तो पता चला कि वह उनकी प्रेमिका है। रात में ही नहीं सुबह भी वह प्रेमिका उनसे मिलने पहुंची थी. 

 

आशीष के पास पिस्टल मिला है। इसे उसने 15 हजार रुपए में खरीदा था। किससे खरीदा इसके बारे में वह नहीं बता पा रहा है। उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

अमरनाथ यादव 

इंस्पेक्टर, सिविल लाइंस