2008
में ली गई थी राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2007 की लि2िात परीक्षा, परिणाम अगस्त 2011 में घोषित किया गया
2011
परीक्षा का परिणाम मई 2016 में आया। लि2िात परीक्षा जनवरी 2012 में करवाई गई थी।
2008
का परिणाम वर्ष 2014 में घोषित किया गया। लिखित परीक्षा अगस्त 2008 में ली गई थी
2004
में घोषित किया गया अवर अभियंता 1998 की भर्ती परीक्षा का परिणाम
2000
की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2015 में घोषित किया गया
2004
की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2008 में घोषित किया गया
2005
की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2010 में घोषित किया गया
2008
की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2015 में घोषित किया गया
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2013 में शुरू हुई 5ार्ती 2017 में 5ाी पूरी नहीं
स6िमलित राज्य अ5िायंत्रण सेवा परीक्षा एवं अवर अ5िायंता परीक्षा का मामला
ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की स6िमलित राज्य अभियंत्रण सेवा 2013 सहायक अभियंता भर्ती परीक्षा और अवर अभियंता 2013 भर्ती परीक्षा का परिणाम न घोषित होने से अ5यर्थियों में काफी आक्रोश है। 5ार्ती परीक्षा परिणाम की मांग को लेकर अ5यर्थी फिर आंदोलन की राह पर हैं। इससे पहले अ5यर्थियों ने अगस्त 2017 में लोक सेवा आयोग कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। तब उन्हें आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने आश्वस्त किया था कि परिणाम दिस6बर के प्रथम सप्ताह तक घोषित कर दिया जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
अफसरों की आनाकानी से चिढ़े
आक्रोशित छात्र लोक सेवा आयोग कार्यालय पर सोमवार को जुटे। उनका कहना था कि इंजीनियरिंग की डिग्री उन्हें चार साल में मिलती है। तकरीबन चार साल ही उन्हें किसी 5ार्ती के तहत नौकरी पाने के लिये इंतजार करना पड़े। यह कहां का न्याय है? तत्काल परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर छात्र अनिश्चितकालीन 5ाू2ा हड़ताल पर बैठ गये हैं। सोमवार को सड़क पर उतरे छात्रों में इस बात को लेकर 5ाी आक्रोश रहा कि उनसे आयोग के अफसर मिलने में 5ाी आनाकानी करते हैं। प्रदर्शन में विनय, आनन्द, सुरेन्द्र, नन्दलाल, देवनाथ, ओम प्रकाश, प्रतीक, हिमांशु, मयंक त्रिपाठी, ब्रजेश यादव, शंकर तिवारी आदि शामिल रहे।
2016 में हुई थी लि2िात परीक्षा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा वर्ष 2013 की राज्य अभियंत्रण सेवा भर्ती की लिखित परीक्षा अप्रैल 2016 में ली जा चुकी है। इसी प्रकार अवर अ5िायंता 2013 की लि2िात परीक्षा 5ाी मई 2016 में करवाई गई थी। इसके परिणाम को लेकर कई बार छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन आयोग मनमानी पर उतारू है। अ5यर्थियों का कहना है कि किसी भी परीक्षा का परिणाम यदि चार से छह वर्ष के अंतराल पर निकलता है तो हताशा का स्तर बढ़ता ही जाता है।