प्रयागराज ब्यूरो । सेहत के लिए दुश्मन बना डेंगू लोगों को कई तरह से चोट दे रहा है। डेंगू पीडि़त ज्यादातर मरीज शहरी क्षेत्र में रहते हैं। इनका इलाज एसआरएन हॉस्पिटल के डेंगू वार्ड में चल रहा है। एक ही परिवार में दो से तीन लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। परिवार के कई सदस्यों को डेंगू होने से घर के सभी सदस्य परेशान हैं। मरीजों की सेहत तो खराब हो रही है, समय व इलाज में पैसा भी भी बर्बाद हो रहा है। हॉस्पिटल में एक परिवार ऐसा है जिसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। यहां मरीजों की मानें तो यह बीमारी शहर में ज्यादा है। बीमार छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

डेंगू ने बिगाड़ दिया है पूरा रूटीन
एसआरएन हॉस्पिटल के पाजिटिव डेंगू वार्ड में कोई ऐसा बेड नहीं जिस पर मरीज नहीं हों। वार्ड में भर्ती ज्यादातर मरीजों का प्लेटलेट्स 70 से 20 हजार पर लुढ़क गया है। घटे हुए प्लेटलेट्स को लेकर सिर्फ मरीज ही नहीं तीमारदारी कर रहे परिजन भी परेशान हैं। पटना मध्य प्रदेश निवासी लवकुश पासवान मां, पिता व भाई बहन के साथ शहर के दारागंज में रहता है। बताया कि तीन दिन पूर्व उसकी सेहत ज्यादा खराब हुई। जांच कराया तो डेंगू निकला और लेटलेट्स 73 हजार पाया गया। वह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था। बताया उसी मां कविता देवी व छोटे भाई अभिषेक को भी डेंगू हुआ था। पूरी तरह से भाई और मां ठीक नहीं हुई कि खुद लवकुश भी डेंगू की चपेट में आया। वृद्ध पिता कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं। पढ़ाई करने वाली बहन सभी की देखभाल कर रही है। हालात बयां करते हुए कविता देवी की आंखें छलक आईं। वह कहती है कि पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। बेटा लवकुश ही पूरे परिवार की गाड़ी चला रहा था। उसे भी डेंगू हुआ और एडमिट है। इस वार्ड में एडमिट कौशाम्बी स्थित समदा निवासी प्रकाश साहू व उसका भाई सूरज एवं दीपक है। इन तीनों को डेंगू हुआ है। इनका प्लेटलेट्स क्रमश: 60 , 70 व 80 हजार है। तीनों भाई यहां झलवा में रहकर पढ़ाई किया करते हैं। एक ही परिवार में एक साथ तीन लोगों को डेंगू होने से पूरा घर डिस्टर्ब हो गया है। प्रकाश साहू की मानें तो एक तीनों को एडमिट हुए करीब पांच दिन का वक्त बीत गया है। सेहत में कुछ खास सुधार नहीं है। परिवार के बचे हुए लोग काम धंधा छोड़कर यहां तीमारदारी में ही लगे। पूरा घर डिस्टर्ब हो गया है। वक्त के साथ पढ़ाई और सेहत तीनों चीजों बर्बाद हो रही हैं। परिवार का काम धंधा जो प्रभावित है वह अलग।

पीडि़त कोट
हम मंझनपुर समदा के निवासी हैं। यहां झलवा में रहकर पढ़ाई करते हैं। शरीर में दर्द व फीवर आया तो घर चले गए थे। वहां एडमिट हुआ तो डॉक्टर रेफर कर दिए। आज तीन दिन हो गया, तेज फीवर व बदन में दर्द हो रहा है। जोड़ों में भी काफी पेन है।
सूरज उर्फ सोनू, झलवा

घर हमारा मेजा के मरहा गांव में है। नैनी में रहकर काटन मिल के पास एक शो-रूम में काम करते हैं। दो दिन पूर्व पूरे बदन में दर्द होने लगा। तेज फीवर भी था। जांच में 30 हजार प्लेटलेट्स आया तो एडमिट होना पड़ा।
इंद्रजीत गौड़, काटन मिल नैनी

हमारा प्लेटलेट्स बीस हजार जांच में आया है। पूरे बदन में असहनीय दर्द हो रहा है। एडमिट हुए चार दिन हो गया, बहुत आराम नहीं है। डॉक्टर धीरे-धीरे रिलीफ होने की बात बोले हैं। पूरा घर तीमारदारी में परेशान है।
अब्दुल कादिर, राजरूपपुर

दारागंज में रूम लेकर हम बीएससी की पढ़ाई करते हैं। मूल रूप से कोरांव पत्थर ताल के निवासी हैं। जांच में डेंगू आया है। प्लेटलेट्स 32 हजार है। शरीर के जोड़ों में दर्द है। पीड़ में इतना दर्द है कि लेटने तक में परेशानी हो रही है।
विनीत मिश्रा, दारागंज

हम तीन भाई यहां झलवा में रहकर पढ़ाई करते हैं। तीनों को एक साथ तेज फीवर आया है। फीवर की दवा लिए आराम नहीं होने पर कराए गए जांच में डेंगू निकला। तीनों भाइयों को डेंगू होने से पूरा परिवार परेशान है। पढ़ाई का नुकसान हो रहा वह अलग।
प्रकाश साहू, मंझनपुर समदा

हम परिवार संग पटना से आकर यहां दारागंज रहकर ई-रिक्शा चलाते हैं। परिवार में मां, वृद्ध पिता व छोटा भाई और बहन की जिम्मेदारी हम पर है। कुछ दिन पूर्व भाई व मां को डेंगू हुआ वह दोनों अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुए कि हमें भी हो गया। अकेली बहन देखरेख कर रही। पूरा परिवार डिस्टर्ब व परेशान है।
लवकुश पासवान, दारागंज