जलभराव के चलते मंडराने लगा डेंगू-मलेरिया का डर
तैयारियों के नाम पर खानापूर्ति कर रहा जिला प्रशासन
हर साल दस्तक देता है डेंगू, शुरू हो गया सीजन
ALLAHABAD: बारिश होते ही मच्छर जनित रोगों का खतरा मंडराने लगता है। हर साल शहर में डेंगू और मलेरिया जैसे रोग बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लेते हैं। इस साल भी ऐसे हालात बन रहे हैं। इनसे बचाव के लिए चल रही तैयारियां महज खानापूर्ति साबित हो रही है। मच्छरों का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। फागिंग की शुरुआत भी नहीं हुई है। ऐसे में डेंगू फैला तो बचाव करना मुश्किल हो जाएगा।
नाम से कांप जाते हैं लोग
डेंगू जैसे जानलेवा रोग का नाम सुनकर ही लोगों के शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। पिछले साल जिले में डेंगू के ऑफिसियली 192 मरीज चिंहित हुए थे। इससे कहीं ज्यादा मरीज ऐसे थे जिनकी जांच नहीं हो सकी थी, उनका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ था। स्वास्थ्य विभाग भी ऐसी संक्रामक बीमारियों के आंकड़े नाप-तौल कर तैयार करता है। इस साल दमदार बारिश से बन रहे बीमारी के हालात अभी से लोगों को डराने लगे हैं।
फागिंग का अता-पता नहीं
बारिश होते ही शहर के कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसी ठहरे हुए पानी में मलेरिया और डेंगू फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं। इसके उलट अभी तक नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में फागिंग का शेड्यूल तक तैयार नहीं किया है। उधर, जिला मलेरिया विभाग का कहना है कि यमुनापार में मच्छरजनित रोगों के फैलने के खतरे को देखते हुए जसरा, शंकरगढ़, करछना, रामनगर, कोरांव, मेजा, मांडा आदि में डीडीटी का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र में तेलियरगंज, रामबाग और कॉल्विन हॉस्पिटल डिपो के जरिए एंटीलार्वल स्प्रे का छिड़काव शुरू करा दिया गया है।
नहीं है स्टाफ, कैसे हो बचाव
अमूमन अभी तक मलेरिया और डेंगू से निपटने की तैयारियां पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मलेरिया विभाग इस मामले में स्टाफ की कमी का रोना रो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग के पास वर्करों की पोस्ट 131 है लेकिन इसके सापेक्ष महज 48 लोग ही बचे हैं। इनके जरिए पूरे जिले में दवा का छिड़काव तय समय में पूरा कराना मुश्किल है, फिर भी काम शुरू करा दिया गया है।
मलेरिया के लक्षण
सर्दी व कम्पन के साथ एक-दो दिन छोड़कर बुखार
तेज बुखार, उल्टी और सिरदर्द
बुखार उतरते समय पसीना आना, थकावट व कमजोरी
रोकथाम
हैंडपंप, बेकार पड़े टायर, खुली टंकियों, कूलर व फूलदान में इकट्ठा पानी को हटा दें।
रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
ठहरे हुए पानी में गंबोजिया मछली पालें।
डेंगू के लक्षण
तेज सिरदर्द व बुखार का होना
मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द
आंखों के पीछे दर्द
जी मिचलना व उल्टी
गंभीर मामलों में नाक, मुंह और मसूड़ों से खून आना
बचाव
पानी से भरे हुए बर्तन व टंकियों को ढंककर रखें।
सप्ताह में एक बार कूलर को खाली कर सुखा लें।
यह मच्छर दिन में काटता है इसलिए पूरे बदन के कपड़े पहनें
अधिक बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लें
सीजन की शुरुआत हो चुकी है। जून में मलेरिया के 411 मरीज सामने आए थे। डेंगू का एक भी मरीज अभी रिपोर्ट नहीं हुआ है। बीमारियों से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं।
केपी द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी
मौसम ठंडा हो जाता है तो लोग कूलर नहीं चलाते लेकिन उसका पानी भी नहीं बदलते हैं। इसी पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं। लोगों को घर में किसी भी स्थान पर ठहरे हुए पानी को हटा देना चाहिए।
डॉ। आनंद सिंह, फिजीशियन