प्रयागराज ब्यूरो ।जार्जटाउन में महिला के साथ एक करोड़ 48 लाख की ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल बेहद शातिर हैं। साइबर क्रिमिनल
ने महिला को वर्चुअल नंबर से व्हाट्स एप कॉल किया था। जिससे साइबर थाने की पुलिस साइबर क्रिमिनल्स की लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। अब साइबर पुलिस के पास केवल बैंक एकाउंट की डिटेल के जरिए साइबर क्रिमिनल तक पहुंचने का रास्ता बचा है। साइबर थाने की पुलिस इसकी कवायद सोमवार से शुरू करेगी।
ये है मामला
जार्जटाउन में रहने वाली एक महिला को 22 अप्रैल को फेडएक्स कोरियर कंपनी के नाम पर फोन आया। कॉलर ने महिला को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल ताइवान भेजा गया है। जिसमें दौ सौ ग्राम एमडीएमए, पांच लैपटॉप और तीन क्रेडिट कार्ड है। इसके बाद वीडियो कॉल कथित रूप से साइबर क्राइम मुख्य शाखा मुंबई ट्रांसफर कर दी गई। जिसमें पुलिस यूनिफार्म में एक शख्स ने अपना परिचय डीसीपी क्राइम ब्रांच दिया। उस शख्स ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए उनके सारे बैंक खातों की जांच होगी। उस वर्दीधारी शख्स ने महिला को डरा धमका कर कई खातों में रकम भेजने के लिए बाध्य किया। साथ ही कहा कि आप डिजिटल हाउस अरेस्ट हैं। महिला से एक करोड़ 48 लाख तीस हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। सारा खेल 22 अप्रैल से 25 अप्रैल तक चला। चार दिन तक महिला को डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इस दौरान महिला को किसी से बात नहीं करने दिया गया।
एक करोड़ आठ लाख की तलाश
मामले की रिपोर्ट महिला ने 27 अप्रैल को साइबर थाना में दर्ज कराई। इसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने तेजी दिखाते हुए करीब महिला द्वारा ट्रांसफर की रकम में से करीब चालीस लाख रुपये फ्रीज करा दिया है। अब बची रकम के लिए साइबर पुलिस ने बैंक में सम्पर्क किया है। साइबर पुलिस के मुताबिक साइबर क्रिमिनल्स ने महिला को तीन बैंक एकाउंट दिए थे। जिसमें रुकम आरटीजीएस कराई गई। दो बैंक एकाउंट स्टेट बैंक के हैं जबकि एक बैंक एकाउंट यश बैंक का है।
स्टेट बैंक के एकाउंट में भेजी गई रकम फ्रीज करा दी गई है। जबकि यश बैंक में भेजी गई रकम के लिए अभी कार्रवाई बाकी है। इसके लिए सोमवार को साइबर पुलिस कार्रवाई करेगी।

वर्चुअल नंबर पकड़ पाना मुश्किल
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक वर्चुअल नंबर से आने वाली व्हाट्स एप वीडियो कॉल को पकड़ पाना मुश्किल होता है। दरअसल, इस नंबर की लोकेशन नहीं मिल पाती है। आजकल साइबर क्रिमिनल्स वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर मोबाइल नंबर को ही ट्रेस किया जा सकता है। वर्चुअल नंबर को ट्रेस करने की प्रक्रिया बहुत कठिन है।


महिला को वर्चुअल नंबर से व्हाट्स एप पर वीडियो कॉल की गई थी। वर्चुअल नंबर को ट्रेस कर पाना बहुत कठिन काम होता है। फिलहाल, अभी बैंक एकाउंट नंबर की डिटेल से साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
- राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना