प्रयागराज ब्यूरो । बढ़ते डेंगू केस को देखते हुए हर व्यक्ति को सतर्क रहने की जरूरत है। एडीज एजिप्टी नामक मादा मच्छरों के काटने से यह डेंगू की बीमारी होती है। इस बीमारी के चलते हर साल तमाम लोगों की मौत हो जाती है। जिले में बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए डॉक्टर इलाज के साथ सुरक्षा के टिप्स भी बता रहे हैं। चिकित्सक कहते हैं कि डेंगू मच्छर आम मच्छर से अलग होता है। इसके शरीर पर चीते जैसी धामियां पाई जाती हैं। इसे रोशनी ज्यादा पसंद होती है। इसी लिए दिन या बल्ब की चटख रोशनी में इसके काटने का खतरा अधिक होता है। इस लिए यदि आप ऐसे उजाला वाले स्थानों पर रहते हैं तो मच्छरों से बचने का जतन कर लें।

धीरे-धीरे दिखाता है अपना रंग
जिले की हॉस्पिटलों के डेंगू वार्ड मरीजों से भरे पड़े हैं। डेंगू होने के शुरुआती लक्षण नार्मल फीवर जैसा ही होता है। धीरे-धीरे बदन के जोड़ों में दर्द जैसी तमाम तकलीफें शुरू हो जाती हैं। समय से इलाज नहीं होने पर यह बीमारी जान लेवा भी हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि डेंगू फीवर एक वायरस के कारण होता है। इसके वायरस को फैलाने के लिए किसी माध्यम की जरूरत नहीं होती। इस बीमारी का जरिया वह मच्छी ही होते हैं। इनके काटने के तीन से 5 दिनों डेंगू बुखार लक्षण समझ आते हैं। बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिन बताई जाती है। डेंगू की जांच लगभग सभी अस्पतालों में है। रिपोर्ट 24 घंटों में आ जाती है। कुछ हाईटेक लैब तो 2-4 घंटे में ही रिपोर्ट थमा देते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1.5 - 3.3 लाख प्लेटलेट होती है। यह प्लेटलेट्स बॉडी में ब्लीडिंग रोकने का काम करती है । प्लेटलेट अगर एक लाख से कम होने पर पेसेंट को एडमिट करने की नौबत आ जाती है। इससे भी कम होने पर इसे चढ़ाना भी पड़ता है। डेंगू का वायरस प्लेटलेट्स ही कम करता है। इस लिए इस बीमारी से बचने के लिए डेंगू मच्छरों से बचने की जरूरत है।


यह दिक्कत है तो कराएं डेंगू जांच
ठंड लगने के बाद तेज बुखार का आना।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द दर्द का होना।
आंखों के पिछे दर्द और आंखों दबाने या हिलाने पर दर्द बढऩा
कमजोरी लगना भूख न लगना और जी मिचलाना और स्वाद खराब होना
गले में हल्का दर्द होना चेहरे गर्दन, छाती पर लाल गुलाबी रंग चकत्ता पडऩा


पर्दे में भी होते हैं यह मच्छर
पानी को किसी जगह इक_ा नहीं होने दें, मच्छरों से बचने के जरूरी जतन करें
लंबी बाजू की शर्ट और फुल पैंट के साथ शूज व शॉक्स भी पहलें।
कूलर, टायर में पानी इक_ा ना होने दें, घर में कीटनाशक दवा छिड़कें
पर्दे और बेड के नीचे अच्छी तरह कीटनाशक स्प्रे रोज जरूर करें


इन चीजों को खाने से बचें
डेंगू होने पर पेट की भी समस्या हो जाती है। इस लिए मसालेदार भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें। खान-पान पर विशेष ध्यान दें और हरी सब्जी व फलों की मात्रा विशेष तौर पर बढ़ा दे। खासतौर पर अनार पपीता, कीवी का सेवन नियमित रूप से करें। कॉफी, चाय, शराब ,जैसे पदार्थों का सेवन करने से बचें। सुगंध जैसे परफ्यूम, रूम फ्र शनर का उपयोग करने से बचें।

डेंगू के इलाज व रोकथाम में होम्योपैथिक दवा यूपाटोरियम परफोलिएटम 200 बेहद कारगर है। यह प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी मददगार होती है। डेंगू से बचाव के लिए इसकी 4 डोज काफी है। हफ्ते में एक बार खुराक लगातार 4 हफ्ते तक लेनी होती है । प्लेटलेट बढ़ाने के लिए कैरीका पपाया भी कारगर है।
लायन डॉ अर्पण धर दुबे, एमडी मेडिसिन, पीएचडी होम्योपैथ