प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दिवाली पर पटाखों को चलाते समय अगर कान या आंख क्षतिग्रस्त हो जाए तो कोई भी अनजान नुस्खा इस्तेमाल मत करें। इससे बेहतर हो कि डॉक्टर की सलाह लें। गुरुवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की प्रेस काफ्रेंस में डॉक्टर्स ने इन तरीकों से बचने की अपील की। उनका कहना था कि इससे कान और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। पटाखों को छूकर उसे आंख और कान में लगाना भी खतरनाक हो सकता है। इस मौके पर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष राय और आई स्पेशलिस्ट डॉ। अंकिता अग्रवाल ने चर्चा की। कांफ्रेंंस में एएमए सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता, वैज्ञानिक सचिव डॉ। अनुभा श्रीवास्तव, पीआरओ डॉ। अनूप चौहान, डॉ। सुभाष वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए।

इस बात का रखना होगा ख्याल

- कान में चोट लगने पर हाइड्रोजन पराक्साइड केमिकल का यूज मत करें। इससे कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है।

- कान में खुजली हो तो कतई इसे मत खुजाएं।

- नुकीली चीज, माचिस की तीली या अन्य चीज से कान में खुजली कतई न करें।

- बिना डॉक्टरी सलाह किसी प्रकार का आइड्राप कान में मत डालें।

- लहसुन का तेल गरम कर कान में डालने से पर्दा खराब हो सकता है।

- कान में बार बार उंगली डालने से ईयर कैनाल में सूजन आ जाती है।

- लगातार पटाखों की आवाज से एकोस्टोमिक ट्रामा हो सकता है जिससे बचना होगा।

- आंखों में चश्मा लगाकर ही आतिशबाजी चलाएं।

- कान में रुई लगाकर बम को चलाना बेहतर होगा।

- पटाखे को छूने के बाद इसे कान में लगाने पर जलन पैदा हो सकती है।

- आंख में चोट लगने पर उसे रगडना घातक हो सकता है।

- पटाखे से जलने पर ठंडे पानी से उसे धोएं। इस बीच जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से कंसल्ट करें।