प्रयागराज ब्यूरो । रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है। मामूली बातों का शक न जाने कितनी जिंदगी बर्बाद कर देता है। हाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें शक ने कई जिंदगियां तबाह कर दीं। इसके बाद भी लोग ऐसी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं। जिसका नतीजा है कि मामूली सी बातों पर शक के बाद होने वाली घटना पुलिस थाने का चक्कर काटने पर मजबूर कर देती है। पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है।

प्रेमी ने प्रेमिका को मार डाला
ये घटना हाल की है। एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के काठगांव के रहने वाले त्रिभुवन और शादीशुदा गीता के बीच दस साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। गीता के लिए परिवार और गांव से दुश्मनी मोल लेने वाले त्रिभुवन को शक के कीड़े ने काट लिया। गीता आशा बहु थी। उसके मोबाइल पर अक्सर फोन आता रहता था। वह मोबाइल पर हंस कर बात करती थी। जिससे त्रिभुवन चिढऩे लगा था। आखिरकार त्रिभुवन ने गीता को गला घोटकर मार डाला। एयरपोर्ट पुलिस ने त्रिभुवन को पकड़ा तो सारा राज खुला। इस घटना में शक के कीड़े ने त्रिभुवन को हत्या का आरोपित बना दिया। अब त्रिभुवन नैनी जेल में है।

मामा ने भांजी को मार डाला
ये घटना 23 सितंबर की है। एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के तिवारी का तालाब निवासी राजकुमार के घर उसकी छोटी भांजी निशा रहती थी। निशा के पिता भल्लू भारतीया की मौत हो चुकी थी। इसके बाद से वह अपने मामा के घर रह रही थी। कई बार राजकुमार ने भांजी निशा को मोबाइल पर बात करते हुए पकड़ा। राजकुमार ने डाट फटकार से मामला हल करना चाहा। मगर निशा की आदत में बदलाव नहीं आया। गांव में तरह तरह की चर्चा होने लगी। आखिरकार राजकुमार ने अपनी भांजी निशा को चापड़ से काट डाला। निशा की मौत हो गई। पुलिस ने राजकुमार को अरेस्ट कर लिया। राजकुमार अब नैनी जेल में सलाखों के पीछे है।


भाई ने बहन को मार डाला
ये घटना 13 सितंबर की है। एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के असरावे खुर्द गांव के रहने वाले आशीष यादव ने अपनी बहन शिवानी को गोली मार दी। घरवाले शिवानी की शादी करना चाहते थे। मगर शिवानी शादी से इंकार कर रही थी। जिसे लेकर भाई आशीष यादव और बहन शिवानी के बीच आए दिन झगड़ा होने लगा। घरवाले कभी शिवानी की तरफ तो कभी आशीष की तरफ बोलते। जिसका नतीजा रहा कि आशीष शिवानी से चिढऩे लगा। आखिरकार 13 सितंबर को आशीष और शिवानी के बीच बहस हो गई। इस दौरान आशीष ने तमंचा से गोली चला दी। शिवानी की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने आशीष को पकड़ा। मां विमला देवी की तहरीर पर पुलिस ने आशीष के खिलाफ केस दर्ज किया। अब आशीष नैनी जेल में है।

शक को हल करें बातचीत से
-रिश्तों को पर्याप्त समय दें।
-अनावश्यक दबाव न बनाएं।
- बातचीत से हल निकालें।
- हर बात पर शक करना ठीक नहीं।
- परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग लें।
- शक होने पर पहले पूरी तस्दीक करें।
- रिश्तों को छोड़ देना ठीक है, बजाए इसके कि खुद कानूनन फंस जाएं।


किसी को आपसी रिश्तों में किसी भी बात पर शक हो सकता है। शक होने पर हाईपर होने के बजाए ठंडे दिमाग से समस्या का समाधान करने का प्रयास करें। आपसी झगड़ों का कोई अंत नहीं होता है। अगर साधारण बातचीत से हल नहीं निकल रहा है तो कानून हाथ में लेकर अपनी जिंदगी बर्बाद करने के बजाए रिश्तों से दूरी बना लेना ज्यादा ठीक है।
डा.राकेश पासवान, मनोचिकित्सक