- जुड़ते गए लोग बनता गया कारवां

- प्लास्टिक के विकल्प को आजमाने पर सबकी सहमति

ALLAHABAD: 22 अप्रैल को अर्थ डे है। लेकिन इससे पहले ही लोग पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आ चुके हैं। आई नेक्स्ट की ओर से प्लास्टिक के विकल्प पर लगातार चलाई जा रही मुहिम को लेकर लोग संजीदा हैं। उनके बीच इस मुद्दे पर गहन सोच-विचार शुरू हो चुका है। कोई ई-कचरे से तौबा करने को तैयार है तो कोई मेडिकल वेस्ट से। लोग दैनिक कार्यो में उपयोग लायी जाने वाली प्लास्टिक के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल, सभी एक बात पर सहमत हैं कि रोजमर्रा के जीवन में उपयोग में लायी जाने वाली प्लास्टिक बैन होनी चाहिए।

बढ़-चढ़कर की हिस्सेदारी

जैसे-जैसे आई नेक्स्ट ने पब्लिक को प्लास्टिक वेस्ट, उसके खतरे, कानून और बेहतर विकल्प के बारे में अवेयर करना शुरू किया, पब्लिक भी इस कैम्पेन का हिस्सा बनती चली गई। इसी कड़ी में हमने मंडे को सिटी के विभिन्न प्लेसेस में प्लास्टिक की जगह दूसरी चीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की मुहिम चलाई तो पब्लिक ने भी हाथ बढ़ाकर इसमें सहयोग किया। इससे यह मिथक भी टूट गया कि प्रयाग के बाशिदों में जागरूकता की कमी है। सबने यह मैसेज देने की कोशिश की कि अगर सिस्टम सही ढंग से काम करने की कोशिश करे तो कोई भी बदलाव मुश्किल नहीं है।

बच्चों ने खुद बनाए पेपर बैग

इस दौरान डिफरेंट डिफरेंट स्कूल्स में भी एक्टिविटी का आयोजन किया गया। जहां बच्चों ने खुद अपने हाथों से पेपर बैग बनाए और इनके इस्तेमाल पर जोर दिया। सैनिक बाल विकास इंटर कॉलेज के बच्चों ने अलग अलग टाईप्स के बैग बनाकर अपनी मेधा का परिचय दिया। उनका टीचर्स ने भी खूब उत्साहवर्धन किया। इस दौरान बच्चों ने क्लीन सिटी ग्रीन सिटी के साथ ही पर्यावरण बचाओं का भी संदेश देने की कोशिश की।

उठाया झाड़ू और शुरू हो गई सफाई

इस दौरान एक और सीन क्रिएट हुई। लोग प्लास्टिक कचरे को साफ करने के लिए सड़क पर उतर आए। सीएमपी डिग्री कॉलेज में एनुअल एग्जाम होने के बावजूद भी छात्र कैम्पेन का हिस्सा बने और सांकेतिक रूप से कॉलेज कैम्पस के बाहर जमा कचरे में से प्लास्टिक वेस्ट को बटोरकर कूड़ाखाने तक पहुंचाने का प्रबंध किया। वहीं प्रयागवाल सभा के कोषाध्यक्ष मनोज शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने संगम एरिया में कचरे की सफाई का काम किया। इस दरम्यान लोगों ने हाथों में झाड़ू लेकर एक बड़े एरिया को साफ किया। इसमें यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज के छात्रनेता अंकुश शर्मा भी शामिल हुए। अंकुश शर्मा ने काली सड़क पर जगह जगह लगाई गई क्षतिग्रस्ट डेस्टबन को व्यवस्थित करवाया।

प्लास्टिक को रोकने के लिए हमें खुद स्टेप लेना होगा। हम जहां जाएं कैरी बैग लेकर जाएं और दूसरों को भी जागरूक करें।

शान्तनु तिवारी, कालिन्दीपुरम

मैं तो पॉलीथिन का यूज नहीं करता हूं। लोगों को कपड़े से बना बैग यूज करना चाहिए। सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

रवीन्द्र मिश्रा

मेरी कोशिश होती है कि प्लास्टिक का यूज न करूं। लोगों को पेपर बैग यूज करने का प्रयास करना चाहिए।

9918609501

हमारी कोशिश होती है कि नियमों का पूरा पालन करें। आई नेक्स्ट के कैम्पेन से काफी कुछ जानने को मिला है।

आकाश ठाकुर

हम तो वेस्ट प्लास्टिक कबाड़ी वाले को बेच देते हैं जो बच जाता है उसे जला देने के अलावा कोई विकल्प समझ नहीं आता।

एमके सोनी

वैसे तो हम वेस्ट प्लास्टिक को कलेक्ट करके रोड पर रख देते हैं और कचरा वाला ले जाता है।

आकाश सिंह

प्लास्टिक वेस्ट से नदियों को भी नुकसान पहुंच रहा है। गंगा और यमुना के पानी में रहने वाले जीव जन्तुओं के लिए यह हानिकारक है।

मनोज शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रयागवाल सभा

इलाहाबाद में पॉलीथिन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित है। यूपी एक्ट और भारत सरकार की ओर से बताया गया पॉलीथिन उत्पादन के लिए माइक्रान का मानक भी अलग-अलग है। क्या फॉलो करना है। इसकी सही सही जानकारी लोगों को होनी चाहिए।

अंकुश शर्मा, छात्रनेता इसीसी

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प्लास्टिक वेस्ट का सही प्रबंधन सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। तभी शहर की सफाई सम्भव है।

रितेश चौरसिया

प्लास्टिक मैनेजमेंट का कार्य प्राइवेट हाथों में दिया जाना चाहिए। सरकार के बस में कुछ भी नहीं रह गया है।

सोनू

यूपी से बाहर के अधिकांश शहरों की हालत वैसी नहीं है। जैसी इलाहाबाद की है। जबकि यहां की पॉपुलेशन को देखते हुए तेजी से स्टेप उठाने की जरूरत है।

राजकुमार साहू

सभी विभागों, सामाजिक संगठनों और पब्लिक को एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सरकारी स्तर से इसे अभियान बना देने की जरूरत है।

रिषभ