प्रयागराज (ब्यूरो)कथक केन्द्र के प्रेक्षागृह में 11 दिवसीय कथक पखवारा की चौथी संध्या पर चीफ गेस्ट के रूप में मानसिंह तोमर यूनिवर्सिटी ग्वालियर की पूर्व वीसी स्वतंत्रबाला शर्मा का स्वागत गुरू उर्मिला शर्मा ने बुके भेंटकर किया। महोत्सव का शुभारम्भ प्रो। शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। सर्वप्रथम नीलवर्ण, पीताम्बर, सुदर्शन चक्र धारी शांत चित, नाभि में कमल तथा गगन की तरह विशाल भागवान विष्णु की वन्दना 'शांताकारं भुजंग शयनं' से सुश्री अमृता सिंह द्वारा सफेद और नीले वस्त्रों को धारण कर भक्तिमय प्रस्तुति दी गयी।
आज की दूसरी प्रस्तुति में कथक के अन्तर्राष्ट्रीय नर्तक एवं हाल ही में भारत सरकार की तरफ से बतौर सांस्कृतिक दूत कोरिया, जापान में करीब एक वर्ष तक कथक की शिक्षा देकर स्वदेश वाराणसी लौटे कथक नृत्य के वरिष्ठ कलाकार अभिजीत चक्रवर्ती द्वारा 'रूद्राष्टक नमामि शमीशान निर्वाण रूपं' पर भावपूर्ण अभिव्यक्ति की गयी। कथक के शास्त्रीय पक्ष में विभिन्न लय-लयकारी बिखेरते हुए टुकड़े, तोड़े, आमद, तिहाई, परन व गत-निकास बड़े ही सुन्दर ढ़ंग से प्रस्तुत किया। अंतिम प्रस्तुति 'होरी रंग में रंग डारूँगी नन्द के लाला' पर भाव से प्रेक्षागृह में उपस्थित सभी दर्शकों को रंग दिया जिससे सम्पूर्ण वातावरण होरीमय हो गया। संचालन निर्मल यमदग् ितथा मुख्य अतिथि प्रो। स्वतंत्रबाला शर्मा द्वारा सभी कलाकारों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। निरंकार सरन, अमरनाथ खरे, अमित शर्मा, डॉ। विमला व्यास, नवीन पाठक, प्रमोद दूबे आदि गणमान्य उपस्थित रहे।