-सात दिन में 150 से अधिक किए गए अरेस्ट

-कछारी इलाकों में दिन-रात तैयार की जा रही शराब

ALLAHABAD: पंचायत चुनाव की तारीख नजदीक आते ही अवैध हथियारों के तस्करों के साथ कच्ची शराब के सौदागर भी सक्रिय हो गए हैं। कछारी इलाकों में शराब की भट्ठियां धधकने लगी हैं। भट्ठियों में वोटर्स को बांटने के लिए शराब बनाने का काम दिनरात चल रहा है। पुलिस लगातार रेड डाल रही है। सिर्फ सात दिन के भीतर ही पांच हजार लीटर से अधिक कच्ची शराब को नष्ट करवाया गया तथा 150 लोगों को अरेस्ट किया गया। पुलिस की सख्ती के बावजूद भट्ठियां ठंडी नहीं पड़ी हैं।

सिटी भी अछूता नहीं

शराब बनाने का काम सिर्फ गंगापार एवं यमुनापार के कछारी इलाकों में ही नहीं चल रहा। सिटी भी इससे अछूता नहीं। सिटी के चिल्ला, धूमनगंज, पीपलगांव, करेली के कछारी इलाकों में भी शराब बनाई जा रही है। यमुनापार के घूरपुर, मेजा, करछना, शंकरगढ़, बारा के साथ ही गंगापार में झूंसी, फाफामऊ, सहसों, हनुमानगंज, हंडिया, फूलपुर आदि इलाकों में भी चुनाव के लिए शराब तैयार करने का काम जोरों पर चल रहा है। शराब को पन्नियों और प्लास्टिक की बोतलों में पैक किया जाता है। पुलिस से बचने के लिए शराब को प्लास्टिक के बड़े डिब्बों में भरकर जमीन में गाड़कर रखा जाता है या तालाब में लटका दिया जाता है। लास्ट वीक घूरपुर व नैनी पुलिस ने जमीन में गाड़कर रखी गई शराब को बरामद किया तथा नष्ट करवाया। हजारों कुंतल लहन को भी फिंकवाया गया।

नाव में बार

शराब बनाने का काम यमुना में नाव में भी चल रहा है। नाव में ही भट्ठियां धधकती रहती हैं और शाम होते ही तैयार की गई शराब को किनारे पहुंचा दिया जाता है। नाव में शराब बनाते पकड़े जाने का कोई खतरा भी नहीं होता। यमुना के बीच में बने टापू पर भी शराब बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। पुलिस ने नाव में चल रहे बार की रोकथाम के लिए जल्द ही यमुना में नाव से रेड डालने की योजना बनाई है। नाव में शराब बनाने का काम उस इलाके में ज्यादा चलता है, जहां पर बालू खनन का काम होता है। आबकारी विभाग ने भी कच्ची शराब के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है।

एमपी से भी आ रही बीयर, शराब

चुनाव के मौसम में बांटने के लिए एमपी से भी शराब व बीयर मंगवाई जा रही है। शराब को छोटी-छोटी गाडि़यों से पहुंचाया जा रहा है। रविवार को घूरपुर थाने की पुलिस ने जसरा में नवीन मंडी के पास से एक संदिग्ध बोलेरो को पकड़ा। तलाशी ली गई तो इसमें 20 पेटी बीयर व दो पेटी अंग्रेजी शराब मिली। बीयर व शराब की एमपी में ही बिक्री की अनुमति थी। बीयर की कीमत 54 हजार तथा शराब की कीमत 17 हजार रुपए के आसपास बताई जा रही है। पुलिस ने बोलेरो ड्राइवर चित्रकूट मानिकपुर के लवकुश यादव को भी अरेस्ट किया है। एसओ घूरपुर महेंद्र वर्मा के मुताबिक शराब को चुनाव में खपाने के लिए लाया गया था। इसे मेजा के एक नेता ने मंगवाया था।

दाम में भारी अंतर

एमपी व हरियाणा से शराब मंगाने का काम इस वक्त जोरों पर चल रहा है। दोनों स्टेट से शराब को ट्रकों में मंगवाया जाता है। तस्करी का सबसे बड़ा कारण है यूपी की तुलना में हरियाणा व एमपी की शराब का सस्ता होना। जितने रुपए में यूपी में देसी शराब का पौवा मिलता है, उतने में एमपी व हरियाणा में अंग्रेजी शराब का पौवा बिकता है। एमपी व हरियाणा से मंगवाई गई अंग्रेजी शराब को यूपी में देसी का लेबल लगाकर बेचा जाता है। एसटीएफ को भी भनक लगी है कि जल्द ही शराब की एक बड़ी खेप फिर से पहुंचने वाली है। भनक लगने के बाद से एनएच टू व रीवा रोड पर कड़ी नजर रखी जा रही है।