पॉपुलर चैनलों के नाम पर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां ले रही हैं अलग से चार्जेस
ऑपरेटरों को हो रही ऊंची कमाई, फिर भी पब्लिक की जेब ढीली
ALLAHABAD: शहर के केबल टीवी उपभोक्ताओं के शौक को कैश कराने में सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जरा भी पीछे नहीं हैं। अभी चैनल्स का पैकेज फॉर्मेट लागू नहीं हुआ है, लेकिन पॉपुलर चैनल्स के नाम पर अलग से पैसे वसूले जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। शौकीन उपभोक्ताओं को मजबूरी में पसंदीदा चैनल के लिए मोटी रकम देनी पड़ रही है।
उपलब्ध हैं कई चैनल
जब तक पैकेज सिस्टम लागू नही होता, सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां एक मुश्त पैसे लेकर सभी चैनल्स केबल टीवी के माध्यम से प्रसारित कर रही हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं से अलग-अलग प्रोवाइडर के ऑपरेटर अपने हिसाब से चार्जेस वसूल रहे हैं। कहीं डेढ़ सौ रुपए मंथली है तो कही दो सौ रुपए तक लिया जा रहा है। बावजूद इसके अब आला काटा साफ्टवेयर के माध्यम से कुछ पॉपुलर एचडी मोड के चैनल्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिनका चार्ज अलग से प्रति चैनल के हिसाब से लिया जा रहा है।
मनमानी सहने को मजबूर
सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की मनमानी सहने को फिलहाल उपभोक्ता मजबूर हैं। प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। फैशन, मूवी, एंटरटेनमेंट आदि कैटेगरी के इन एचडी हाई प्रोफाइल चैनल्स का प्रसारण रोक दिया गया है। यदि उपभोक्ता मांगते हैं तो उन्हें अलग से पचास से सौ रुपए तक प्रति चैनल दिए जाने की बात कही जाती है। यह चैनल आला काटा साफ्टवेयर के माध्यम से दिखाए जाते हैं। सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां अपने ऑपरेटर से प्रति चैनल चार से पांच सौ रुपए वसूल करती हैं जबकि ऑपरेटर उपभोक्ता से इससे कई गुना ज्यादा पैसा प्रति माह लेता है।
बढ़ सकती है महंगाई
हाल ही में डेन नेटवर्क की ओर से चार्जेस बढ़ाए जाने के बाद ऑपरेटरों ने विरोध करते हुए 55 हजार चैनल बंद कर दिए थे। अब उपभोक्ताओं को एंटरटेनमेंट के नाम पर अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं। इसी तरह कहा जा रहा है कि जल्द ही दूसरी नेटवर्क कंपनियां भी अपना चार्जेस बढ़ा सकती हैं। यदि ऐसा हुआ तो उपभोक्ताओं को एंटरटेनमेंट के नाम पर जेब काफी हद तक ढीली करनी पड़ेगी। ऐसे में उपभोक्ताओं को पैकेज सिस्टम का इंतजार है। यदि यह लागू हुआ तो उन्हे अपना मनपसंद पैकेज चुनने का अधिकार होगा और मनमाने पैसे नहीं देने पड़ेंगे।