प्रयागराज ब्यूरो । बोर्ड परीक्षा का आगाज हो चुका है और इससे जितना तनाव में स्टूडेंट हैं, उससे अधिक परेशान उनके पैरेंट्स हो रहे हैं। इसकी वजह से वह मनोचिकित्सा केंद्र का चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चा जरूरत से ज्यादा तनाव ले रहा है और इसकी वजह से उसकी दिनचर्या डिस्टर्ब हो रही है। उन्हे डर है कि बोर्ड परीक्षा के दबाव से उनका लाडला या लाडली बीमार न हो जाए।

अब तक आ चुके बीस से अधिक मामले

फिलहाल बोर्ड परीक्षा का आगाज हो चुका है। आईएससी और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी है। यूपी बोर्ड के साथ आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं दो से चार दिन में शुरू होने जा रही हैं। जैसे जैसे बोर्ड एग्जाम अपने पीक पर आ रहा है, वैसे वैसे स्टूडेंट्स का तनाव बढ़ रहा है। जिसका असर सीध्ेा पैरेंट्स पर पड़ रहा है। वह बच्चों का तनाव देखकर चिंतित हो रहे हैं। उनका कहना है कि यही हालत रही तो पास-फेल होने के पहले वह बीमार पड़ सकते हैं।

कैसी-कैसी आ रही हैँ समस्याएं

काल्विन अस्पताल स्थित मनोचिकित्सा केंद्र में जनवरी में स्टूडेंट से जुड़ी 15 समस्याएं आई थीं। केवल फरवरी में अभी तक इनकी संख्या दोगुनी के आसपास पहुंच रही हैं। और यह सभी पैरेंट्स लेकर आ रहे हैं। वह स्टूडेंट के साथ खुद की परेशानी साझा कर रहे हैं। डॉक्टर्स को मजबूरी में दोनों का इलाज करना पड़ रहा है। आइए जानते हैं किस किस तरह की समस्याएं आ रही हैं सामनें-

- पूरी पूरी रात हमारा बच्चा सोता नही है, उसके चक्कर में हमें भी जागना पड़ता है।

- मेरा बेटा/बेटी दिन रात तनाव में रहता है, लगता है कि कही उसकी तबियत खराब न हो जाए।

- बच्चे को पढ़ाने के लिए हमें भी सेलेबस पढऩा पड़ता है। इससे माता-पिता घर और नौकरी का काम नही कर पा रहे हैं।

- बेटा या बेटी को पढ़ाते पढ़ाते हमें कई चैप्टर याद हो गए हैं लेकिन उसे कुछ याद ही नही होता है।

- बेटा/बेटी का बोर्ड का एग्जाम है और वह घबराहट और बैचैनी का शिकार हो रहा है। उसकी वजह से हमारा ब्लड प्रेशर भी लगातार बढ़ रहा है।

डॉक्टर्स के मुताबिक किस तरह से होगा बचाव

- बच्चों पर बहुत अधिक अच्छे माक्र्स लाने का प्रेशर मत बनाएं।

- उनके सामने पड़ोस या रिश्तेदार के किसी मेधावी बच्चे के परफार्मेंस की बार बार बात मत करें।

- पढ़ाई को लेकर एक्स्ट्रा दबाव बनाना ठीक नही, जितना पढ़ रहा है उतना ही बेहतर है।

- बच्चे को पढ़ाने के लिए मारपीट या गाली गलौज का यूज मत करें।

- हर बच्चे का आई क्यू लेवल अलग होता है, जबरन उस पर किसी प्रकार प्रेशर मत बनाएं।

सबसे अहम है कि एग्जाम बच्चे दे रहे हैं और तनाव उनके माता पिता ले रहे हैं। जब िकउनको ऐसा नही करना चाहिए। पैरेंट्स के तनाव लेने से बच्चों का मनोबल डाउन होता है। कायदे से माता पिता को बच्चो की केवल मानीटरिंग करनी चाहिए और संतुलित दिमाग के साथ सही और गलत की परिभाषा बतानी होगी।

डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक