-रियल एस्टेट पर जीएसटी दर घटाए जाने की लगाई जा रही उम्मीद
-उद्योग का भी दर्जा देने की हो रही है मांग
ALLAHABAD: नोटबंदी और जीएसटी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर औंधे मुंह जमीन पर गिरा है। इसके बावजूद मिडिल क्लास सपनों के आशियाने की आस संजोए हैं। ऐसे में आम बजट से लोगों की उम्मीदें काफी ज्यादा हैं। आम आदमी की चाहत है कि इस बार जीएसटी टैक्स स्लैब कम किया जाए। साथ ही आवास योजनाओं के लिए कर्ज की शर्ते और अधिक आसान बनाई जाएं। वहीं बिल्डर्स की ओर से रियल स्टेट मार्केट को उद्योग का दर्जा दिए जाने की भी मांग की जा रही है।
ये हैं खास उम्मीदें
-बजट 2018-19 में एमआईजी फ्लैट्स प्रोजेक्ट्स डिवेलपर्स कंपनियों को भी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर्स की तरह इनकम टैक्स का लाभ दिया जाना चाहिए।
-होम लोन्स पर ब्याज भुगतान पर मिल रहे टैक्स कटौती की सीमा में बढ़ोतरी की जाए।
-रियल एस्टेट में पूंजीगत लाभ के लिए एक या एक से अधिक आवास में निवेश किए जाने पर टैक्स में छूट हो।
-आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आवासीय संपत्तियों से आने वाले किराये की आय पर एकमुश्त 10 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए।
-सरकार को डिवेलपर्स तक फंड्स की व्यवस्था करने के साथ ही खरीदारों के लिए अधिक प्रोत्साहनों की भी घोषणा करनी चाहिए।
-घरों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाए
-जीएसटी लागू करते समय घर की कुल कीमत में जमीन की कीमत की छूट 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए।
-आवासीय क्षेत्र को पीएमएवाई के तहत 30 से 150 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले घरों को, आईटी अधिनियम 2016 की धारा 80 आईबीए के दायरे में लाया जाना चाहिए, जो फिलहाल 60 वर्ग मीटर तक की कारपेट एरिया तक ही सीमित हैं।
- होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती की सीमा बढ़ाई जाए।
- अभी यह सीमा 2 लाख रुपये तक है, जिसे ढाई से तीन लाख रुपए किया जाए।
कॉलिंग
रियल एस्टेट हर बार बजट के एजेंडे में प्रमुखता पर रहता है। लेकिन कोई विशेष चर्चा नहीं होती है। रियल एस्टेट सेक्टर पर टैक्स का बोझ डाल दिया गया है। जीएसटी से पहले 4.30 परसेंट टैक्स था। वहीं अब 12 परसेंट टैक्स लगाया जा रहा है। जब तक जीएसटी का रेट घटाया नहीं जाएगा, तब तक रियल स्टेट मार्केट ठंडा ही पड़ा रहेगा।
-राजेश कुमार गुप्ता
इंप्लॉयमेंट जेनरेशन के मामले में रियल एस्टेट दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। यह इस समय काफी खराब दौर से गुजर रहा है। रियल एस्टेट की ग्रोथ कम करने के लिए कई चीजें हुई। लेकिन पिछले कुछ समय में हुए बदलावों का सकारात्मक असर दिख सकता है। इस बार आम बजट में राहत की उम्मीद है।
-संजीव अग्रवाल
सरकार रियल एस्टेट को कानून से बांधती चली जा रही है। बजट तो पूरे देश के लिए पास होना है, लेकिन उत्तर प्रदेश में बालू खनन पर प्रतिबंध और बालू न मिलना बड़ी समस्या बन चुकी है। इसकी वजह से प्रोजेक्ट कॉस्ट महंगा होता चला जा रहा है। बिल्डरों की लगातार यही मांग है कि रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए।
-निशीथ वर्मा, सिटीजन हाउसिंग
रियल स्टेट सेक्टर में तेजी आए इसके लिए लोन पर मिलने वाले इंट्रेस्ट पर छूट के साथ टैक्स स्ट्रक्चर को बेहतर बनाना होगा। यह सेक्टर पहले से ही टैक्स के दायरे में है और बड़ा टैक्स कॉन्ट्रीब्यूशन भी करता है।
-एसके मिश्रा, नारायण हाइट