प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड सचिव के नाम से जालसाजों द्वारा किया गया बड़ा फ्राड सामने आया है। सचिव के फर्जी लेटर पैड पर जौनपुर जिले के माध्यमिक विद्यालय में क्लर्क की फर्जी नियुक्ति का पत्र जारी कर दिया गया। शातिरों द्वारा किए गए इस फ्राड की खबर मिलने से विभाग में हड़कंप मच गया। आननफानन सचिव के जरिए उप सचिव देवव्रत सिंह से जालसाज के खिलाफ तहरीर सिविल लाइंस पुलिस को भेजी गई। मामला जौनपुर जिले का बताते हुए पुलिस ने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया। थाना पुलिस द्वारा इंकार किए जाने के बाद सचिव के जरिए मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस विभाग के शीर्ष अफसरों से बात की गई है। नियुक्ति के लिए जारी फर्जी लेटर पर स्कैन करके शातिरों के द्वारा सचिव दिव्यकांत शुक्ल का सिग्नेचर भी बना दिया गया था।
स्कैन कर लगाया सचिव का सिग्नेचर
सिविल लाइंस थाने भेजी गई तहरीर में सचिव ने बताया है कि राजीव रतन सिंह पुत्र संजय सिंह की नियुक्ति पब्लिक इंटर कॉलेज केराकत जौनपुर में क्लर्क के पद पर किए जाने की बात लिखी गई है। वह युवक जौनपुर जिले के बीरमरपुर गांव का रहने वाला है। बताते हैं कि इस नियुक्ति के फर्जी लेटर की जानकारी माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को हुई तो वह जांच बैठा दिए। जांच के बाद फ्राड का पूरा मामला सामने आया। इसके बाद उन्होंने एफआईआर के लिए तहरीर थाने भेज दिया। मुकदमा लिखने से इंकार के बाद सचिव ने कहा कि उनका कार्यालय यहीं है। खुद इसी कार्यालय में बैठते हैं। कार्यालय सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में आता है। इसलिए भेजी गई तहरीर पर केस इसी थाने में लिखा जाना चाहिए। पुलिस की हरकत से नाराज सचिव ने प्रकरण में शासन को पत्र लिखने की बात कही है।

इस तरह प्रकाश में आया पूरा मामला
नियुक्ति के फर्जी लेटर पैड पर परिषद का नाम ही गलत लिखा गया है। सचिव के मुताबिक शातिर फ्राड के जरिए लेटर पैड पर माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड लिखा गया है। नियुक्ति पत्र में युवक की फोटो भी लगाई गई है। भवदीय में सचिव के नाम का मुहर और हस्ताक्षर भी फर्जी है। इसमें लिखा गया है कि प्रबंधक समिति द्वारा बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में विद्यालय इंटर कॉलेज अनुभाग ब में होने के कारण तथा आप की योग्यता को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि आप की नियुक्ति इंटर कॉलेज में क्लर्क के पद पर शासन द्वारा वेतनमान के नियमावली के तहत की जाती है। आपकी नियुक्ति पूर्णतया स्थायी है, 23 सितंबर से अपने मूल शैक्षिक व प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों के साथ कार्यभार ग्रहण करने का कष्ट करें। इस फर्जी नियुक्ति का यह फेक लेटर किसी ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को वाट्सएप पर भेज दिया। भेजे गए नियुक्ति लेटर पर अपना हस्ताक्षर देखकर सचिव सन्न रह गए। हस्ताक्षर सेम था लिहाजा तुरंत वह इसकी छानबीन शुरू कराए। जांच में पता चला कि उनका हस्ताक्षर फ्राड के जरिए स्कैन करके उस फर्जी नियुक्ति पत्र पर लगाया गया है।


वर्जन
विभाग के द्वारा इस तरह नियुक्ति पत्र किसी को जारी नहीं किया जाता। इतना ही नहीं, माध्यमिक शिक्षा परिषद का कोई लेटर पैड नहीं बनवाया गया है। फेक लेटर के बूते फ्राड के द्वारा फर्जी नियुक्ति की गई है। मामले में केस दर्ज कराया जाएगा। मुकदमा के लिए पुलिस के शीर्ष अफसरों से भी बात की गई है।
दिव्यकांत शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश

वर्जन
फ्राड का पूरा मामला जौनपुर जिले से संबंधित है। जिस स्कूल में नियुक्ति दी गई वह भी उसी जिले में है और आरोपित भी वहीं का निवासी है। इसलिए केस भी जौनपुर में ही दर्ज होगा। प्रकरण सिविल लाइन थाना क्षेत्र का नहीं है।
-=भानु प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर सिविल लाइन