Allahabad: पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब के लिए खाक न छाननी पड़े, इसके लिए स्टूडेंट्स अभी से एलर्ट हैं। अपने इंटरेस्ट को ध्यान में रखने के साथ ही वे इंजीनियरिंग की उस ब्रांच में एडमिशन लेने की तैयारी में हैं, जिसमें उन्हें जॉब की बेहतर अपॉच्र्युनिटी मिलने की संभावना दिख रही है। गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी की ओर से ट्यूजडे को डिक्लेयर किए गए यूपीएसईई के रिजल्ट में क्वालिफाई कैंडिडेट्स की प्लानिंग को देखते हुए ऐसा लगता है.
CS का बढ़ गया graph
यूपीएसईई (उत्तर प्रदेश स्टेट एंटे्रंस एग्जाम) में क्वालिफाई कैंडिडेट्स के रुझान के मुताबिक सीएस यानी कम्प्यूटर साइंस का ग्राफ सबसे ऊपर है। इंजीनियरिंग की मैकेनिकल व इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच कैंडिडेट्स की सेकंड च्वॉइस है। जबकि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तीसरे नम्बर पर है। सिविल और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच की स्थिति एक जैसी है। ये ब्रांच कैंडिडेट्स की चौथी प्रियॉरिटी में शामिल है। हालांकि कुछ अच्छे रैंक वाले कैंडिडेट्स भी सिविल ब्रांच में एडमिशन लेना चाहते हैं.
One fourth की पसंद है CS
यूपीएसईई में क्वालिफाई कैंडिडेट्स पर आईनेक्स्ट की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक कम्प्यूटर साइंस एक चौथाई कैंडिडेट्स की पसंद हैं। 25 प्रतिशत कैंडिडेट सीएस ब्रांच में एडमिशन लेना चाहते हैं। जबकि मैकेनिकल में एडमिशन के लिए 20 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने अपनी इच्छा जाहिर की है। कुछ ऐसी ही स्थिति इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन ब्रांच की है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए 15 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने प्लानिंग की है। इसी प्रकार सिविल में 10 प्रतिशत व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 10 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने एडमिशन लेने की इच्छा जताई है.
Expert की ले रहे advise
हालांकि कैंडिडेट्स इसके अलावा एक्सपट्र्स की एडवाइज भी ले रहे हैं। आने वाले सालों में किस ब्रांच के स्टूडेंट्स की जॉब के लिए डिमांड अधिक होगी और किसकी कम? कैंडिडेट इस बात की तफ्तीश में जुट गए हैं। इतना ही नहीं वे डिफरेंट कॉलेजेज के प्लेसमेंट इंचार्ज से भी कांटैक्ट कर आने वाले सालों की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं.
Expert suggestions
-मैकेनिकल है सदाबहार। इसमें जॉब की हर समय एक जैसी संभावना होती है। सालों से एक जैसी पोजिशन चल रही है.
-हाल के कुछ सालों में सीएस ब्रांच से संबंधित कंपनियों की संख्या बढऩे के साथ ही जॉब की संभावना भी बढ़ी है.
-मैकेनिकल की तरह ईसी भी सदाबहार ब्रांच मानी जाती है। जॉब के मामले में ये ब्रांच गल्र्स के लिए परफेक्ट मानी जाती है.
-सिविल ब्रांच में जॉब की संभावना कम होती है। कॉम्पिटिशन देने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट इसे प्रिफर करते हैं.
-कुछ सालों से आईटी की स्थिति कुछ ठीक हुई है। स्टूडेंट्स को जॉब मिलती है, लेकिन शुरुआत जैसी स्थिति नहीं है.
CS का बढ़ गया graph
यूपीएसईई (उत्तर प्रदेश स्टेट एंटे्रंस एग्जाम) में क्वालिफाई कैंडिडेट्स के रुझान के मुताबिक सीएस यानी कम्प्यूटर साइंस का ग्राफ सबसे ऊपर है। इंजीनियरिंग की मैकेनिकल व इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच कैंडिडेट्स की सेकंड च्वॉइस है। जबकि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तीसरे नम्बर पर है। सिविल और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच की स्थिति एक जैसी है। ये ब्रांच कैंडिडेट्स की चौथी प्रियॉरिटी में शामिल है। हालांकि कुछ अच्छे रैंक वाले कैंडिडेट्स भी सिविल ब्रांच में एडमिशन लेना चाहते हैं।
One fourth की पसंद है CS
यूपीएसईई में क्वालिफाई कैंडिडेट्स पर आईनेक्स्ट की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक कम्प्यूटर साइंस एक चौथाई कैंडिडेट्स की पसंद हैं। 25 प्रतिशत कैंडिडेट सीएस ब्रांच में एडमिशन लेना चाहते हैं। जबकि मैकेनिकल में एडमिशन के लिए 20 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने अपनी इच्छा जाहिर की है। कुछ ऐसी ही स्थिति इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन ब्रांच की है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए 15 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने प्लानिंग की है। इसी प्रकार सिविल में 10 प्रतिशत व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 10 प्रतिशत कैंडिडेट्स ने एडमिशन लेने की इच्छा जताई है।
Expert की ले रहे advise
हालांकि कैंडिडेट्स इसके अलावा एक्सपट्र्स की एडवाइज भी ले रहे हैं। आने वाले सालों में किस ब्रांच के स्टूडेंट्स की जॉब के लिए डिमांड अधिक होगी और किसकी कम? कैंडिडेट इस बात की तफ्तीश में जुट गए हैं। इतना ही नहीं वे डिफरेंट कॉलेजेज के प्लेसमेंट इंचार्ज से भी कांटैक्ट कर आने वाले सालों की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं.
Expert suggestions
-मैकेनिकल है सदाबहार। इसमें जॉब की हर समय एक जैसी संभावना होती है। सालों से एक जैसी पोजिशन चल रही है।
-हाल के कुछ सालों में सीएस ब्रांच से संबंधित कंपनियों की संख्या बढऩे के साथ ही जॉब की संभावना भी बढ़ी है।
-मैकेनिकल की तरह ईसी भी सदाबहार ब्रांच मानी जाती है। जॉब के मामले में ये ब्रांच गल्र्स के लिए परफेक्ट मानी जाती है।
-सिविल ब्रांच में जॉब की संभावना कम होती है। कॉम्पिटिशन देने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट इसे प्रिफर करते हैं।
-कुछ सालों से आईटी की स्थिति कुछ ठीक हुई है। स्टूडेंट्स को जॉब मिलती है, लेकिन शुरुआत जैसी स्थिति नहीं है।
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