हेल्दी हार्ट के तीन मंत्र

Follow three steps & keep your heart healthy


Allahabad: दिल को सदा जवान रखना है तो तीन मूलमंत्र फॉलो करने पड़ेंगे। वेट कंट्रोल, स्ट्रेस कंट्रोल और एक्सरसाइज। इन तीनों को लेकर कांशियस रहने पर हार्ट की डिजीज आपके आसपास भी भटकने नहीं पाएगी। प्राब्लम यह है कि इन तीनों चीजों को हर कोई इग्नोर करता है। सैटरडे को फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। नरेश त्रेहान ने ये बातें कहीं। वह वात्सल्य हॉस्पिटल में नवनिर्मित एडवांस कैथलैब की इनॉगेरशन सेरेमनी में आए थे। उन्होंने बताया कि अवेयरनेस के जरिए खतरनाक हार्ट डिजीजेज से बचा जा सकता है. 

इन मूलमंत्र को आत्मसात कर लें
इंडिया में तेजी से हार्ट डिजीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसका सीधा सा कारण हमारी लाइफ स्टाइल है। फैसिलिटी अवेलेबल होने की वजह से लोग आलसी हो गए हैं। वह एक्सरसाइज करना तो दूर पैदल चलने से भी परहेज करते हैं। डॉ। त्रेहान ने कहा कि तीन चीजों पर ध्यान देकर हम हार्ट अटैक से दूर रह सकते हैं। ये हैं एक्सरसाइज, वेट कंट्रोल और स्ट्रेस कंट्रोल। लोगों को वीक में पांच दिन कम से कम 45 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए। भागदौड़ भरी लाइफ में स्ट्रेस लेवल काफी हाई हो गया है। इससे बचने के लिए योगा व प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है। वेट को कंट्रोल करने के लिए तली-भुनी चीजों से दूर रहने की आदत डालनी होगी। एक बार ओवरवेट हो गए तो समझिए हार्ट अटैक सहित कई दूसरी बीमारियां आपको अपना शिकार बना सकती हैं। इसके साथ ही शुगर लेवल भी कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है.

अब नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली-मुंबई
सीरियस हार्ट केसेज में अब लोगों को दिल्ली-मुंबई नहीं भागना होगा। उनका इलाज शहर में ही पॉसिबल हो सकेगा। कैथलैब के इनॉगरेशन के दौरान डॉ। त्रेहान ने कहा कि यहां टेलीमेडिसिन की फैसिलिटी अवेलेबल है। पेशेंट को हम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधे मेदांता से एडवाइज दे सकते हैं। कैथलैब में होने वाली एंजियोग्राफी को भी ऑनलाइन दिल्ली में देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले वात्सल्य हॉस्पिटल के डॉ। नीरज अग्रवाल से इस बारे में चर्चा हुई थी और उन्होंने करोड़ों रुपए की लागत से यह सौगात दी है। कैथलैब का फायदा पूर्वांचल के हार्ट पेशेंट्स को मिलेगा। समय-समय पर मेदांता के डॉक्टर्स इलाहाबाद में आकर लोगों को एडवाइज भी देंगे. 

Please, डॉक्टर्स पर बिलीव करिए
डॉ। त्रेहान ने कहा कि आजकल लोगों का विश्वास डॉक्टर्स पर से उठता जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। कैथलैब में पेशेंट्स को रीजनेबल फीस में इलाज अवेलेबल कराया जाएगा। इस मौके पर मेदांता के डॉ। रजनीश कपूर ने कहा कि फ्यूचर में हमारी प्लानिंग इलाहाबाद के लोगों को एंजियोग्राफी के अलावा सर्जरी की फैसिलिटी अवेलेबल कराने की भी है। खुद डॉ। त्रेहान का गाइडेंस वात्सल्य हॉस्पिटल के साथ है और कैथलैब में इमरजेंसी केसेज के लिए राउंड द क्लॉक हार्ट स्पेशलिस्ट मौजूद रहेंगे। टाइमली पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट की ओपीडी भी चलाई जाएगी. 


Parents heart patient हैं तो
आमलोगों के मुकाबले उन लोगों को हार्ट डिजीज की संभावना अधिक होती है जिनके पैरेंट्स हार्ट पेशेंट होते हैं। मदर-फादर दोनों हार्ट पेशेंट हैं तो बच्चों में यह चांसेज 50 परसेंट और दोनों में से किसी एक को है तो यह चांस 25 फीसदी रह जाता है। इसके लिए रिवर्सल ऑफ हार्ट डिजीज प्रोग्राम चलाया जा रहा है। ऐसे बच्चों का 25 साल की एज से चेकअप शुरू कर दिया जाता है। उनमें ब्लड शुगर या ओवर वेट पाया जाता है तो उनकी रिवर्सल थेरेपी शुरू कर दी जाती है। यह फैसिलिटी वात्सल्य हॉस्पिटल में भी अवेलेबल है.

किडनी के भी बढ़ रहे हैं पेशेंट
इलाहाबाद में किडनी पेशेंट की संख्या भी कहीं से कम नहीं है। ऐसे में मेदांता और वात्सल्य के कोआर्डिनेशन से किडनी की ओपीडी भी चलाए जाने की प्लानिंग भी चल रही है। इसमें किडनी पेशेंट्स को एडवांस थेरेपी अवेलेबल कराई जाएगी। इस दौरान डॉ। कीर्तिका अग्रवाल, डॉ। नीरज अग्रवाल, डॉ। रितेश मौजूद थे. 

इन मूलमंत्र को आत्मसात कर लें

इंडिया में तेजी से हार्ट डिजीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसका सीधा सा कारण हमारी लाइफ स्टाइल है। फैसिलिटी अवेलेबल होने की वजह से लोग आलसी हो गए हैं। वह एक्सरसाइज करना तो दूर पैदल चलने से भी परहेज करते हैं। डॉ। त्रेहान ने कहा कि तीन चीजों पर ध्यान देकर हम हार्ट अटैक से दूर रह सकते हैं। ये हैं एक्सरसाइज, वेट कंट्रोल और स्ट्रेस कंट्रोल। लोगों को वीक में पांच दिन कम से कम 45 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए। भागदौड़ भरी लाइफ में स्ट्रेस लेवल काफी हाई हो गया है। इससे बचने के लिए योगा व प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है। वेट को कंट्रोल करने के लिए तली-भुनी चीजों से दूर रहने की आदत डालनी होगी। एक बार ओवरवेट हो गए तो समझिए हार्ट अटैक सहित कई दूसरी बीमारियां आपको अपना शिकार बना सकती हैं। इसके साथ ही शुगर लेवल भी कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है।

अब नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली-मुंबई

सीरियस हार्ट केसेज में अब लोगों को दिल्ली-मुंबई नहीं भागना होगा। उनका इलाज शहर में ही पॉसिबल हो सकेगा। कैथलैब के इनॉगरेशन के दौरान डॉ। त्रेहान ने कहा कि यहां टेलीमेडिसिन की फैसिलिटी अवेलेबल है। पेशेंट को हम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधे मेदांता से एडवाइज दे सकते हैं। कैथलैब में होने वाली एंजियोग्राफी को भी ऑनलाइन दिल्ली में देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले वात्सल्य हॉस्पिटल के डॉ। नीरज अग्रवाल से इस बारे में चर्चा हुई थी और उन्होंने करोड़ों रुपए की लागत से यह सौगात दी है। कैथलैब का फायदा पूर्वांचल के हार्ट पेशेंट्स को मिलेगा। समय-समय पर मेदांता के डॉक्टर्स इलाहाबाद में आकर लोगों को एडवाइज भी देंगे. 

Please, डॉक्टर्स पर बिलीव करिए

डॉ। त्रेहान ने कहा कि आजकल लोगों का विश्वास डॉक्टर्स पर से उठता जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। कैथलैब में पेशेंट्स को रीजनेबल फीस में इलाज अवेलेबल कराया जाएगा। इस मौके पर मेदांता के डॉ। रजनीश कपूर ने कहा कि फ्यूचर में हमारी प्लानिंग इलाहाबाद के लोगों को एंजियोग्राफी के अलावा सर्जरी की फैसिलिटी अवेलेबल कराने की भी है। खुद डॉ। त्रेहान का गाइडेंस वात्सल्य हॉस्पिटल के साथ है और कैथलैब में इमरजेंसी केसेज के लिए राउंड द क्लॉक हार्ट स्पेशलिस्ट मौजूद रहेंगे। टाइमली पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट की ओपीडी भी चलाई जाएगी. 

Parents heart patient हैं तो

आमलोगों के मुकाबले उन लोगों को हार्ट डिजीज की संभावना अधिक होती है जिनके पैरेंट्स हार्ट पेशेंट होते हैं। मदर-फादर दोनों हार्ट पेशेंट हैं तो बच्चों में यह चांसेज 50 परसेंट और दोनों में से किसी एक को है तो यह चांस 25 फीसदी रह जाता है। इसके लिए रिवर्सल ऑफ हार्ट डिजीज प्रोग्राम चलाया जा रहा है। ऐसे बच्चों का 25 साल की एज से चेकअप शुरू कर दिया जाता है। उनमें ब्लड शुगर या ओवर वेट पाया जाता है तो उनकी रिवर्सल थेरेपी शुरू कर दी जाती है। यह फैसिलिटी वात्सल्य हॉस्पिटल में भी अवेलेबल है।

किडनी के भी बढ़ रहे हैं पेशेंट

इलाहाबाद में किडनी पेशेंट की संख्या भी कहीं से कम नहीं है। ऐसे में मेदांता और वात्सल्य के कोआर्डिनेशन से किडनी की ओपीडी भी चलाए जाने की प्लानिंग भी चल रही है। इसमें किडनी पेशेंट्स को एडवांस थेरेपी अवेलेबल कराई जाएगी। इस दौरान डॉ। कीर्तिका अग्रवाल, डॉ। नीरज अग्रवाल, डॉ। रितेश मौजूद थे.