प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक के 1996 से लगातार चार बार एमएलसी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता डा। यज्ञदत्त शर्मा गुरुवार को चिरनिद्रा में लीन हो गए। वे सांस और हृदय की बीमारी से पीडि़त थे। उनका इलाज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में हो रहा था। वहीं अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलने पर शिक्षकों, शुभचिंतकों और जनप्रतिनिधियों में शोक व्याप्त हो गया। अंतिम यात्रा शुक्रवार की सुबह उनके मीरापुर स्थित निवास से आरंभ होगी। अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया जाएगा। शिक्षकों में उनकी गहरी पकड़ थी। सभी उन्हें बाबूजी कहकर संबोधित करते थे। डा। यज्ञदत्त उस दौर में चुनाव जीतते थे, जब भाजपा की लहर नहीं हुआ करती थी। उनके बोलने का तेजतर्रार अंदाज लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता, शिक्षक हित के लिए पार्टी लाइन से हटकर भी चले जाते थे।

फतेहपुर में हुआ था जन्म
फतेहपुर जिले के ग्राम मौदीन का पुरवा, धाता में पांच मार्च 1941 को यज्ञदत्त का जन्म हुआ था। प्रारंम्भिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई। माध्यमिक शिक्षा उन्होंने बहन के घर में रहते सिराथू में पूरी की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने हिंदी में परास्नातक किया और पीएचडी कर संस्कृत विद्यालय बहादुरगंज से बतौर शिक्षक चयनित हुए। जमुना क्रिश्चियन इंटर कालेज में भी अध्यापन किया। फिर सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कालेज रामबाग में प्रधानाचार्य रहते सेवानिवृत हुए। शिक्षकों के हित में हमेशा आवाज उठाते रहे। डा। यज्ञ दत्त छात्र राजनीति में रहते कांग्रेस का झंडा थामकर चले थे। उनकी पत्नी प्रधानाचार्य रही हैं जिनका चार साल पहले निधन हो चुका है। इनके बेटे मलयज शर्मा जारी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं। बेटी मिलित शर्मा लखनऊ में अधिवक्ता हैं।

यज्ञदत्त ने हमेशा शिक्षकों के हित की लड़ाई लड़ी। वे महान नेता थे। उनका निधन समाज के लिए अपूर्णनीय क्षति है। शोक संतप्त परिवार को ईश्वर इस दु:ख की घड़ी को सहने की शक्ति प्रदान करें।
रीता बहुगुणा जोशी
सांसद, इलाहाबाद

यज्ञदत्त जी का निधन अपूरणीय क्षति है। यज्ञदत्त के रूप मेें राजनीति का एक सूरज आज अस्त हो गया।
केशव प्रसाद मौर्या
उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश