प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वैसे तो हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। इस दिन कपल अपने प्रेमी के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद करते है। अपने पार्टनर को गिफ्ट देकर प्रेम का इजहार करते हंै। इस बार संयोग ऐसा था कि वेलेंटाइन डे और बसंत पंचमी दोनों एक ही दिन पड़ गये। कपल्स ने इसका फायदा उठाया और रिस्क लेकर पार्क या किसी रेस्टोरेंट में मिलने के स्थान पर मेला क्षेत्र में मिलने को तवज्जो दी क्योंकि यहां उन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं था। यहां उन्होंने एक दूसरे से अपनी फीलिंग्स शेयर की।

पार्क में रोज से भी कम कपल पहुंचे
भारद्वाज पार्क के टिकट वितरक शानू का कहना है की आम दिनों में रोजाना लगभग डेढ़ से दो सौ टिकट बिक जाते थे। बुधवार को वैलेंटाइन डे के दिन इससे भी कम टिकट बिके। टिकट वितरक का कहना है की हर साल वैलेंटाइन डे के दिन पार्क में इतने सारे प्रेमी जोड़ों की इतनी भीड़ हुआ करती थी कि बैठने के लिए उचित जगह नहीं मिल पाती थी। जिसके चलते वो टिकट लेनेे के बाद भी पार्क छोड़कर चले जाते थे। मगर इस बार प्रेमी जोड़े बहुत कम आए। पार्क के टिकट वितरक शानू का कहना है की इस बार प्रेमी जोड़ों से ज्यादा मैरिड कपल और शादी शुदा लोग अपने परिवार वालों संग आए थे।

माघ मेला बना मुफीद स्थान
इस बार श्रद्धालुओं के साथ कई कपल भी अपने पार्टनर्स के साथ गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचे। रेनू और पंकज ने बताया की इस बार बसंत पंचमी और वैलेंटाइन डे दोनों एक ही पड़ा। अपने वैलेंटाइन डे को यादगार बनाने के लिए दोनों ने गंगा में एक साथ डुबकी लागई। कपल का कहना था कि दोनों के प्रयागराज के रहने वाले है। जिस वजह से पार्क में एक साथ बैठने के दौरान घर वालों या फिर किसी रिश्तेदार की नजर में आ सकते हैं तो इन दोनों ने माघ मेले में मिलना ज्यादा अच्छा समझा। आशीष और रागिनी ने भी माघ मेले में ही अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना ज्यादा अच्छा समझा। आशीष बताते हैं वो रागिनी पिछले सात साल से रिलेशनशिप में इस बार का वैलेंटाइन डे दोनों को याद रहेगा।