रिजल्ट में देरी को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को कई बार नोटिस दिया है। नोटिस के थ्रू उनसे रिक्वेस्ट किया गया है कि वे कॉलेज लॉगिन से स्टूडेंट्स के इंटरनल माक्र्स की डिटेल जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी को अवेलेबल कराएं, जिससे स्टूडेंट्स का रिजल्ट डिक्लेयर किया जा सके। दरअसल रिजल्ट में स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत माक्र्स एक्सटरनल व 50 प्रतिशत इंटरनल माक्र्स दिया जाता है। दोनों माक्र्स को मिलाकर ही उनका रिजल्ट तैयार किया जाता है.
कोई किसी से कम नहीं
माक्र्स की डिटेल न भेजने वालों में स्टेट के लगभग सभी डिस्ट्रिक्ट के टेक्निकल कॉलेज शामिल हैं। सिटी के कॉलेजों की भी संख्या काफी अधिक है। हालांकि इनमें से कुछ कॉलेजों का दावा है कि उनकी ओर से डिटेल समय से भेज दी गई थी। लेकिन फाइल करप्ट हो जाने की स्थिति में यूनिवर्सिटी को रिसीव नहीं हो सकी है। ऐसे में उन्हें ये डिटेल दोबारा भेजना पड़ रहा है। इस स्थिति में बीटेक, बीफार्म, बीआर्क, एमबीए व एमसीए के स्टूडेंट्स का रिजल्ट नहीं डिक्लेयर हो पा रहा है। यूनिवर्सिटी को फस्र्ट, थर्ड, फिफ्थ व सेवेंथ सेमेस्टर का रिजल्ट डिक्लेयर करना है। सोर्सेज की मानें तो ये रिजल्ट जनवरी के अंतिम सप्ताह में डिक्लेयर होना था.
तो फिर incomplete होगा result
यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स ने कॉलेजों को नोटिस जारी करने के साथ ही उन्हें आगाह भी किया है। ऑफिसर्स का कहना है कि इसके बाद किसी भी कॉलेज के डिटेल का इंतजार नहीं किया जाएगा। जिन कॉलेजों से डिटेल नहीं मिली, वहां के रिजल्ट को अनडिक्लेयर्ड घोषित कर बाकी का रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि बाकी के स्टूडेंट्स को और इंतजार न करना पड़े। ऑफिसर ये बात एक्सेप्ट करते हैं कि जब तक करेंट सेमेस्टर का रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हो जाता है, स्टूडेंट अगले सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं शुरू कर पाते हैं.
बेचैन है दिल
रिजल्ट को लेकर खास तौर पर बीटेक स्टूडेंट काफी परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह भी वाजिब है। स्टूडेंट की परेशानी उस पेपर को लेकर है जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक क्वेश्चन आउट ऑफ सिलेबस आ गए थे। पेपर में करेक्शन के साथ स्टूडेंट्स को इसके लिए टाइम तो दिया गया था, लेकिन इस आपा धापी में स्टूडेंट्स का पेपर खराब हो गया था। रिजल्ट को लेकर उनकी टेंशन की मेन वजह यही है.
कई बार भेजा message
रिजल्ट में देरी को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को कई बार नोटिस दिया है। नोटिस के थ्रू उनसे रिक्वेस्ट किया गया है कि वे कॉलेज लॉगिन से स्टूडेंट्स के इंटरनल माक्र्स की डिटेल जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी को अवेलेबल कराएं, जिससे स्टूडेंट्स का रिजल्ट डिक्लेयर किया जा सके। दरअसल रिजल्ट में स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत माक्र्स एक्सटरनल व 50 प्रतिशत इंटरनल माक्र्स दिया जाता है। दोनों माक्र्स को मिलाकर ही उनका रिजल्ट तैयार किया जाता है।
कोई किसी से कम नहीं
माक्र्स की डिटेल न भेजने वालों में स्टेट के लगभग सभी डिस्ट्रिक्ट के टेक्निकल कॉलेज शामिल हैं। सिटी के कॉलेजों की भी संख्या काफी अधिक है। हालांकि इनमें से कुछ कॉलेजों का दावा है कि उनकी ओर से डिटेल समय से भेज दी गई थी। लेकिन फाइल करप्ट हो जाने की स्थिति में यूनिवर्सिटी को रिसीव नहीं हो सकी है। ऐसे में उन्हें ये डिटेल दोबारा भेजना पड़ रहा है। इस स्थिति में बीटेक, बीफार्म, बीआर्क, एमबीए व एमसीए के स्टूडेंट्स का रिजल्ट नहीं डिक्लेयर हो पा रहा है। यूनिवर्सिटी को फस्र्ट, थर्ड, फिफ्थ व सेवेंथ सेमेस्टर का रिजल्ट डिक्लेयर करना है। सोर्सेज की मानें तो ये रिजल्ट जनवरी के अंतिम सप्ताह में डिक्लेयर होना था.
तो फिर incomplete होगा result
यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स ने कॉलेजों को नोटिस जारी करने के साथ ही उन्हें आगाह भी किया है। ऑफिसर्स का कहना है कि इसके बाद किसी भी कॉलेज के डिटेल का इंतजार नहीं किया जाएगा। जिन कॉलेजों से डिटेल नहीं मिली, वहां के रिजल्ट को अनडिक्लेयर्ड घोषित कर बाकी का रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि बाकी के स्टूडेंट्स को और इंतजार न करना पड़े। ऑफिसर ये बात एक्सेप्ट करते हैं कि जब तक करेंट सेमेस्टर का रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हो जाता है, स्टूडेंट अगले सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं शुरू कर पाते हैं।
बेचैन है दिल
रिजल्ट को लेकर खास तौर पर बीटेक स्टूडेंट काफी परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह भी वाजिब है। स्टूडेंट की परेशानी उस पेपर को लेकर है जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक क्वेश्चन आउट ऑफ सिलेबस आ गए थे। पेपर में करेक्शन के साथ स्टूडेंट्स को इसके लिए टाइम तो दिया गया था, लेकिन इस आपा धापी में स्टूडेंट्स का पेपर खराब हो गया था। रिजल्ट को लेकर उनकी टेंशन की मेन वजह यही है।
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