प्रयागराज ब्यूरो । शक्ति वर्धक दवा तैयार करने के लिए अंतरराज्यीय गैंग के गुर्गे जल जीव कछुआ के दुश्मन बन गए हैं। गैंग के तीन गुर्गे एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार किए गए। पकड़े गए गुर्गे अमेठी व बाराबंकी के रहने वाले हैं। इनके पास से विभिन्न दुर्लभ प्रजातियों के 741 कछुआ बरामद किए गए हैं। तस्कर 27 बोरियों में सारे कछुआ को भरकर पश्चिम बंगाल ले जाने की तैयारी में थे। शातिर रास्ते में थे तभी स्पेशल टास्क फोर्स को भनक लग गई। शुक्रवार रात करीब ढाई बजे वह नवाबगंज टोल प्लाजा पर पहुंचे थे कि टीम ने दबोच लिया। पूछताछ में गुर्गों के जरिए जो बातें बताईं वह हर किसी को चौंकाने वाली रही। इस सफलता के बाद अब एसटीएफ गैंग की जड़ खोदने में जुट गई है। गैंग के सरगना तक पहुंचने के लिए टीम देर रात तक जाल बिछाने में जुटी रही। आगे टीम को सफलता कहां तक मिल पाएगी? यह बात अब वक्त ही बताएगा।

अमेठी से खरीदे थे शातिर कछुआ
रात के अंधेरे में प्रयागराज एसटीएफ की फील्ड यूनिट गश्त पर थी। बताते हें कि टीम भ्रमण करते हुए नवाबगंज टोल प्लाजा जा पहुंची। टोल प्लाजा पर उनकी यूनिट इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह की टीम को लखनऊ यूनिट के कांस्टेबल अंकित पांडेय व अंकित सिंह मिल गए। उनसे इंस्पेक्टर को कछुआ तस्कर की खबर मिली। यह सुनते ही वे भी तस्करों की टोह में एक्टिव हो गए। बताते हैं कि लखनऊ टीम ने बताया था कि इसी रास्ते से कछुआ लेकर कुछ तस्कर पश्चिम बंगाल जाने के लिए निकले हैं। प्रयागराज की टीम एक्टिव हुई और वन विभाग के अफसरों को भी बुला ली। इस बीच एक पिकअप गाड़ी तेज गति से आती हुई दिखाई दी। शक होने पर टीम के द्वारा उसे रोककर पूछताछ व छानबीन शुरू की गई। छानबीन में यह वह गाड़ी निकली जिसकी तलाश टीम को थी। गाड़ी के अंदर 27 बोरियों में भरे हुए कछुआ बरामद हो गए। कछुआ के बरामद होते ही टीम सख्ती गाड़ी में रहे तीनों आरोपितों को दबोच ली। छानबीन आगे बढ़ी तो बोरी के अंदर 741 जीवित कछुआ बरामद किया गया। मौजूद वन विभाग के अफसरों ने एसटीएफ को बताया कि बरामद कछुआ दुर्लभ प्रजाति के हैं। पूछताछ में पकड़े गए गुर्गों में एक का नाम शनि पुत्र मुन्ना बताया गया। वह अमेठी जनपद में जगदीशपुर के गांधीनगर पालपुर गांव का निवासी है। जबकि दूसरे ने अपनी पहचान शातिर सूरज पुत्र मिथुन निवासी गांधीनगर पालपुर थाना जगदीशपुर जिला अमेठी के रूप में दी। तीसरे अभियुक्त आदर्श सिंह ने बताया कि वह कामीपुर थाना कुर्सी जिला बाराबंकी निवासी अमर सिंह का बेटा है। मौजूदा समय में वे रायबरेली के भवानीगढ़ थाना शिवगढ़ में रहता है।


इस तरह से बनाते हैं कुछआ से दवा
गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में गुर्गों ने बताया कि वे तीनों सारा कछुआ अमेठी के जगदीशपुर निवासी सलमान, अकबर, फूल मोहम्मद से खरीदे थे। जिसे पश्चिम बंगाल ले जाकर वहां के लोकल एजेंटों से संपर्क करते। एजेंट शक्ति वर्धक दवा बनाने वालों से सेटिंग करा कर महेंगे दाम में सेल करा देते। बताया गया कि कछुआ की कैलिपी (झिल्ली) को निकाल कर दवा बनाने वाले सुखा लेते हैं। इसी सूखी हुई झिल्ली से वे शक्तिवर्धक दवा बनाया करते हैं। तैयार दवाएं सिर्फ देश ही नहीं वे विदेश भी महंगे दाम पर बेचा करते हैं। शक्ति बढ़ाने के लिए विदेशों में तमाम लोग कछुओं के मांस और सूप बना कर सेवन करते हैं।

गिरफ्तार किए गए गुर्गों से मिली जानकारी के आधार पर अब गैंग के सरगना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए मुखबिरों को लगा दिया गया है।
अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर
एसटीएफ यूनिट यूनिट प्रयागराज