होम आइसोलेशन में कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों की बड़ी शिकायत है कि उन्हें सरकार की तरफ से दवा नहीं मिल रही है। मरीजों का हाल चाल लेने के लिए पहले कॉल आती थी। अब ऐसा नहीं होता। बॉडी में कुछ चेंज है तो डॉक्टर से कांटैक्ट कैसे करें? ये वे सवाल हैं जो पेशेंट्स की तरफ से उठाये जा रहे हैं। इस पर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने होम आइसोलेशन और आईसीसीसी कंटोल रूम इंचार्ज डॉ। अनुपम द्विवेदी से बातचीत की।

सवाल- होम आइसोलेशन में रहने वालों की अगर तबियत खराब हो जाए तो क्या करें। तत्काल सहायता कैसे मिलेगी।

जवाब- होम आइसोलेशन में रहने वालों का आक्सीजन लेवल कम हो रहा है या लगातार बुखार आ रहा है तो कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराएं। यहां सुनवाई होती है। उन्हें रेफर किया जाना है तो दिए गए पते पर एंबुलेंस भेजी जाती है और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर 7447179060 और 9649418686 है। इस पर भी कॉल की जा सकती है।

सवाल- होम आइसोलेशन में रहने वालों को अगर डॉक्टर की जरूरत हो तो क्या करें?

जवाब- अगर किसी मरीज को डॉक्टर की सलाह की जरूरत है तो वह ऊपर दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं। इस नंबर पर टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से भी हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है। इस नंबर 9783520230 पर कॉल करके उपलब्ध डॉक्टर्स से बात की जा सकती है।

सवाल- मरीज की देखभाल करने वाला कोई परिजन संक्रमण की चपेट में आता है तो क्या उसकी दोबारा जांच होगी। पहली जांच की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, तब क्या होगा?

जवाब- बिलकुल उसकी दोबारा जांच होगी। ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पहली जांच में परिजन की रिपोर्ट निगेटिव आई है और देखभाल के दौरान छठें से सातवें दिन में लक्षण सामने आने लगे। ऐसे में दोबारा जांच कराई जा सकती है।

सवाल- बहुत से लोगों की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है लेकिन वह घर पर रहकर इलाज कराना चाहते हैं। ऐसे लोगों की कैसे सहायता हो सकती है।

जवाब- अगर मरीज की उम्र 60 साल से अधिक है तो उन्हें घर पर रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उम्र कम है लेकिन बीपी, शुगर या अन्य खतरनाक बीमारी है तो उन्हें भी घर पर रहने की इजाजत नहीं दी जाती है। इस समय संक्रमण की गति कम होने से बेली और एसआरएन में बेड अवेलेबल हैं इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे संक्रमितों का बेहतर इलाज उपलब्ध हो जाएगा।

सवाल- बहुत से मरीजों को शिकायत है कि होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद भी उनको खांसी की समस्या है। ऐसे लोग क्या करें?

जवाब- मरीज के कोरोना निगेटिव होने के बावजूद गले में संक्रमण के प्रभाव रह जाते हैं। इसकी वजह से उन्हें खांसी आती है। इसमें अधिक चिंता की जरूरत नहीं है। हम मरीजों को लक्षण के आधार पर जरूरी दवाएं बताते हैं। इनका सेवन करते रहने से खांसी कुछ दिन बाद काबू में आ जाती है।

सवाल: होम आइसोलेशन किट घरों तक नहीं पहुंचायी जा रही है?

जवाब: पहले रश ज्यादा था तब परिस्थितियां थोड़ी भिन्न थीं। अब बिल्कुल ऐसा नहीं है। सभी को किट घर तक भेजवाई जा रही है। किसी को नहीं मिली है तो वह हेल्प लाइन के नंबर पर इसकी शिकायत करे। इसे टॉप प्रायोरिटी पर चेक किया जाएगा।