अप्रैल में ही परवान चढ़ी बिक्री, दुकानदारों की हुई चांदी

20 से 30 फीसदी तक बढ़ गए दाम, पंखों के भी बहुरे दिन

ALLAHABAD: अप्रैल में पारा 45 डिग्री के पार क्या पहुंचा, एसी-कूलर के दिन बहुर गए। जिन आइटम्स की बिक्री मई के महीने में होती थी, उनकी डिमांड अप्रैल में ही परवान चढ़ने लगी है। इतना ही नहीं, पंखे और फ्रिज के दाम भी काफी तेजी से बढ़े हैं। दुकानदारों का कहना है कि समर अप्लायंसेज का बिजनेस मौसम पर निर्भर करता है। जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है उससे आने वाले दिनों में दामों में अधिक इजाफा होने की संभावना है।

कूलर एक हजार तक महंगा

एसी महंगा होता है इसलिए मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए गर्मी से बचने के लिए कूलर बेहतर विकल्प साबित होता है। यही कारण है कि तापमान के बढ़ते ही इसकी बिक्री को पंख लग गए हैं। खासतौर से रूम कूलर की अधिक मांग है। वर्मा इलेक्ट्रानिक्स के संचालक विनोद वर्मा बताते हैं कि पिछले साल से तीस फीसदी अधिक बिक्री का ग्राफ चल रहा है। मई में यह नई ऊंचाइयों पर जा सकता है। उन्होंने बताया कि जो कूलर पिछले साल आठ हजार का था वह इस बार नौ से साढ़े नौ हजार रुपए कीमत का हो चुका है।

इनवर्टर से चलने वाली फ्रिज की मांग

बिजली की आंख-मिचौनी से परेशान लोगों में इस बार गर्मी में इनवर्टर से चलने वाली फ्रिज की डिमांड बढ़ गई है। इस समय मार्केट में 16 से 40 हजार रुपए की कीमत तक की फ्रिज मौजूद हैं। इनमें दामों में पिछले साल की अपेक्षा पांच से आठ सौ रुपए तक बढ़ोतरी हुई है। जबरदस्त गर्मी के चलते कंपनियों की ओर से अधिक ऑफर भी नहीं दिए जा रहे हैं। विनोद बताते हैं कि फ्रिज की कई वैरायटी मार्केट में मौजूद हैं।

एग्जास्ट और पंखे के दाम भी बढ़े

एसी, कूलर और फ्रिज के अलावा इस बार गर्मी में पंखे और एग्जास्ट की कीमत को भी पर लग गए हैं। जो पंखा दो हजार का था वह 2200 से 2300 रुपए में बिक रहा है। इसी तरह 2200 से 4000 रुपए का एग्जास्ट पांच सौ रुपए तक महंगा बेचा जा रहा है। कंपनियां एक साल तक वारंटी भी दे रही हैं। विक्रेता विजय सिंह कहते हैं कि इस बार अप्रैल में ही गर्मी ने रफ्तार पकड़ ली है इसलिए लोगों ने मई का इंतजार नहीं किया। इसके अलावा सहालग के चलते भी बाजार में बूम देखा जा रहा है।

देसी फ्रिज पर भी गर्मी का असर

जी हां, पारे की उछाल ने हमारे देसी फ्रिज यानी मटके के दामों में भी बढ़ोतरी कर दी है। इस समय मटके की बिक्री तेजी से हो रही है। जो मटका पिछले साल 50 रुपए का बिक रहा था वह इस बार सौ रुपए तक बेचा जा रहा है। अच्छी क्वालिटी के मटके दो सौ रुपए तक के बेचे जा रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि फ्रिज और वाटर कूलर के जमाने में मटके की डिमांड कम नहीं हुई है। अभी भी लोग इसके पानी के सोंधेपन को पसंद करते हैं।

चढ़ी महंगाई (रुपए)

कूलर - 1000

पंखा - 300

एग्जास्ट - 500

फ्रिज - 800

मटका - 50