-गुरुवार को हुआ आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाओं का आगाज

-पहले दिन हिंदी के पेपर में आसान सवालों ने बढ़ाया स्टूडेंट्स का कांफीडेंस

ALLAHABAD: आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाओं का आगाज गुरुवार को हो गया। पहले दिन हिंदी का पेपर ज्यादातर छात्रों का कांफीडेंस बढ़ाने वाला था। हिंदी के पेपर में उलझने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम थी। परीक्षा केन्द्र से बाहर निकलते छात्रों का फेशियल एक्सप्रेशन बता रहा था कि पेपर कैसा गया है। पूछने पर सामने आया रिएक्शन इस पर मुहर लगाने वाला था। उनका कहना था कि हिंदी को लेकर जितना मन में डर था, पेपर उसके ठीक विपरीत था।

क्भ् सेंटर्स पर आयोजित हुई परीक्षा

आईसीएसई बोर्ड परीक्षा इलाहाबाद में क्भ् सेंटर्स पर आयोजित की जा रही है। सभी स्कूल में सेल्फ सेंटर होने के कारण भी स्टूडेंट्स को काफी राहत रही। बिशप जॉन स्कूल एंड कालेज के प्रिंसिपल डॉ। विशाल सिंह ने बताया कि सेल्फ सेंटर होने से स्टूडेंट्स में आटोमेटिकली कांफीडेंस डेवलप होता है। इससे उन्हें सिर्फ अपने पेपर पर ही कंसंट्रेट करना होता है। क्लास टेंथ के हिन्दी के पेपर को लेकर उन्होंने बताया कि वास्तव में पेपर बेहद आसान तरीके तैयार किया गया था। इस हल करना सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स के लिए कठिन रहा होगा जो हिंदी में बेहद कमजोर हैं। सेंट मेरीज कान्वेंट की हुमरा ने बताया कि हिन्दी पेपर के सभी सेक्शन बेहद आसान थे। खासतौर पर गद्य व पद्य के सेक्शन में प्रश्नों का उत्तर अपनी भाषा में लिखना था, जो आसानी में समझ में आ गया। इसलिए प्रश्नों को सॉल्व करने में किसी भी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हुई।

-पेपर जैसा सोचा था, ठीक उसी तरह आया। हिन्दी को लेकर भी काफी टेंशन थी। लेकिन आसान पेपर होने की वजह से टेंशन खत्म हो गई।

हुमरा

- सुबह से पेपर को लेकर टेंशन थी, लेकिन आसान प्रश्न ने वो टेंशन भी खत्म कर दी।

मरियम

- पेपर देख कर तो उछल पड़ी। सच में बेहद आसान प्रश्न पूछे गए थे। होप आगे के पेपर भी आसान हो।

फरिन

-पहले तो डर लग रहा था, लेकिन पेपर देखा तो सारे क्वैश्चन के आंसर पता थे। पूरा पेपर अच्छे से फाइनल किया। अब आगे के पेपर की तैयारी करना है।

प्रज्ञा