प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सैम हिग्गिनबाटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट््स) के शिक्षक-कर्मियों ने दस महीने से वेतन की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे। सिविल लाइंस तक पैदल मार्च निकालने की तैयारी के साथ गए शिक्षक-कर्मियों को पुलिस ने मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद शिक्षकों ने एसीएम दिग्विजय ङ्क्षसह को ज्ञापन सौंपा और वाहनों से जूलूस की शक्ल में सिविल लाइंस के पत्थर गिरिजाघर पहुंचे और वहां धरना दिया। इस दौरान शिक्षक-कर्मियों ने तख्तियां बैनर लगाकर वेतन नहीं देने वाले शुआट््स के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

10 महीने से परेशान हैं 1300 परिवार
शुआट््स सोसाइटी पेड 1300 शिक्षक एवं कर्मचारियों को पिछले दस महीने से वेतन नहीं मिला है। सुरक्षाकर्मियों को भी नौ महीने से वेतन नहीं दिया गया। एसीएम को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि सभी शिक्षकों का पेंशन फंड जमा की जा रही थी वह भी बंद हो गई। बहुत से कर्मचारीयों के तनख्वाह से रकम काटी गई और जमा नहीं की गई। यह रकम वापस मांगने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। विश्वविद्यालय के ऊपर के सभी पदाधिकारी जैसे कि वाइस चांसलर, प्रति-कुलपति, कुलसचिव और दूसरे अधिकारी सरकारी वेतन के अलावा हमारी सोसाइटी के फंड से मानदेय या विशेष भत्ते के नाम पर लाखों रुपए हर महीने लेते हैं जो कि अवैध है इसकी रिकवरी की जानी चाहिए। यही लोग विश्वविद्यालय को इस हालात में लाकर खड़ा कर दिया है.विश्वविद्यालय सोसाइटी एवं सीनेट के माध्यम से चलती है और इन दोनों जगह पर आरबी लाल और उनके परिवार का ही कब्जा है। आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में प्रोन्नति की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं है। मनमाने तरीके से रिश्तेदारों और करीबियों को प्रोन्नत कर दिया जाता है। वेतन की मांग करने पर हर बार जांच का बहाना बना दिया जाता है।

प्रशासन से गुहार भी काम नहीं आयी
प्रशासन से गुहार भी कोई काम नहीं आई। आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की कोई भी डिग्री यूजीसी, आइसीएआर से मान्य नहीं है। विद्यार्थियों को कहीं भी अच्छी जगह एडमिशन लेने में समस्या आती है.कोई कंपटीशन पास करने के बाद किसी भी नियामक संस्था से प्रत्यायन और मान्यता न होने की वजह से मार्कशीट-प्रमाण पत्र सत्यापन के समय सवाल खड़े किये जाते हैं और अपमानित किया जाता है। इससे विद्यार्थी परेशान रहते हैं.शिक्षक-कर्मियों ने रिसीवर बैठाने की मांग की है।