प्रयागराज (ब्यूरो)। महासचिव ने दावा किया कि बैंकों के निजीकरण से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बैंङ्क्षकग सेवाओं से वंचित होना पड़ेगा, क्योंकि बैंक तब फायदे की बातें करेंगी और सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं लागू नहीं करेंगी। किसानों, छोटे व्यापारियों, स्वयं सहायता समूहों, अनुसूचित जाति और जनजाति एवं कमजोर वर्गों के लिए ऋण सुविधाएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने सरकारी बैंकों एवं अन्य सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण के खिलाफ लोगों से एकजुट होने की अपील की। 30 नवंबर को नई दिल्ली के जंतर-मंतर में होने वाली रैली में बड़ी संख्या में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर निजीकरण के विरोध में एकताबद्ध लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान भी किया। कहा यह यात्रा उसी रोज समाप्त होगी। उप महासचिव, दीपक चौधरी, अमिताभ भौमिक, अर्थशास्त्री प्रसन्नजीत बोस ने भी सभा को संबोधित किया। अध्यक्षता संगठन के उपाध्यक्ष गिरधर गोपाल ने की। संचालन सचिव मनू राणा ङ्क्षसह ने किया। दिनेश चौबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर ऋतुराज श्रीवास्तव, दुर्गेश राय, प्रदीप कुमार, पवन कुमार, सुनील राजपाल, सौरभ ङ्क्षसह, काजल जायसवाल, नैंसी साहू आदि मौजूद थे।