दानिश के पिता गुलाम मुज्तबा ने बताया कि दानिश अभी दिल्ली में है। स्पोट्र्स फील्ड में अर्जुन एवार्ड सबसे बड़ा माना जाता है। हर प्लेयर की ख्वाहिश होती है कि उसे यह एवार्ड मिले। दानिश इस बार इस एवार्ड के लिए फाइट में है। उसने भी अर्जुन एवार्ड पाने के लिए फार्म भरा है। अगर चयनकत्र्ताओं को लगेगा कि दानिश इस एवार्ड को डिर्जव करता है तो उसे यह एवार्ड जरूर मिलेगा.
फारवर्ड प्लेयर से लेकर कैप्टन तक
हॉकी से जुड़े दानिश मुज्तबा शहर के कटघर एरिया में रहते हैं। दानिश की पूरी फैमिली हॉकी से जुड़ी है। नाना और मामा के अलावा उसके दोनों बड़े भाई भी हॉकी के क्रेजी हैं। बड़े भाई हमजा तो इंडियन टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। दानिश को भी बचपन से हॉकी से खास लगाव रहा। टीन एज में उसने हॉकी से जुड़े कई खिताब जीते और अपना बेस्ट प्रदर्शन किया। परफारमेंस के आधार पर ही उसे ओलंपिक में खेलने का मौका मिला। इस बार अजलान शाह कप के लिए दानिश को इंडियन टीम का कैप्टन बना दिया गया था.
इलाहाबाद में मिला सम्मान
इंडियन टीम का हिस्सा बनने के बाद इलाहाबादियों ने दानिश को वही सम्मान दिया जो वह डिजर्व करता था। दानिश को इलाहाबाद म्युजियम ने सम्मान दिया। उसकी मेडल, कपड़े, ओलंपिक के दौरान यूज होने वाले सभी सामान और सर्टिफिकेट को म्युजियम में लगाया गया है। अब दानिश का इंतजार है कि म्युजियम में पहुंच कर उसकी शोभा बढ़ाए.
अब सिर्फ मेडल
दानिश के पिता गुलाम मुज्तबा ने बताया कि दानिश अभी दिल्ली में है। स्पोट्र्स फील्ड में अर्जुन एवार्ड सबसे बड़ा माना जाता है। हर प्लेयर की ख्वाहिश होती है कि उसे यह एवार्ड मिले। दानिश इस बार इस एवार्ड के लिए फाइट में है। उसने भी अर्जुन एवार्ड पाने के लिए फार्म भरा है। अगर चयनकत्र्ताओं को लगेगा कि दानिश इस एवार्ड को डिर्जव करता है तो उसे यह एवार्ड जरूर मिलेगा.
फारवर्ड प्लेयर से लेकर कैप्टन तक
हॉकी से जुड़े दानिश मुज्तबा शहर के कटघर एरिया में रहते हैं। दानिश की पूरी फैमिली हॉकी से जुड़ी है। नाना और मामा के अलावा उसके दोनों बड़े भाई भी हॉकी के क्रेजी हैं। बड़े भाई हमजा तो इंडियन टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। दानिश को भी बचपन से हॉकी से खास लगाव रहा। टीन एज में उसने हॉकी से जुड़े कई खिताब जीते और अपना बेस्ट प्रदर्शन किया। परफारमेंस के आधार पर ही उसे ओलंपिक में खेलने का मौका मिला। इस बार अजलान शाह कप के लिए दानिश को इंडियन टीम का कैप्टन बना दिया गया था.
इलाहाबाद में मिला सम्मान
इंडियन टीम का हिस्सा बनने के बाद इलाहाबादियों ने दानिश को वही सम्मान दिया जो वह डिजर्व करता था। दानिश को इलाहाबाद म्युजियम ने सम्मान दिया। उसकी मेडल, कपड़े, ओलंपिक के दौरान यूज होने वाले सभी सामान और सर्टिफिकेट को म्युजियम में लगाया गया है। अब दानिश का इंतजार है कि म्युजियम में पहुंच कर उसकी शोभा बढ़ाए.
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