संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ, आक्टा ने आपात बैठक कर शिक्षकों के कृत्य की निंदा की

जनहित याचिका में पक्षकार बनने के लिए कॉलेजों के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अपील करने का लिया निर्णय

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों में परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश रोकने के लिए विश्वविद्यालय के कुछ रिटायर्ड शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह जानकारी कॉलेजों के शिक्षकों को मिली तो इविवि संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ आक्टा की कार्यकारिणी की मंगलवार को आपात बैठक सीएमपी डिग्री कॉलेज में बुलाई गई। शिक्षकों ने एक स्वर में रिटायर्ड शिक्षकों के कार्यप्रणाली की निंदा करते हुए निर्णय लिया कि आक्टा इस जनहित याचिका में पक्षकार बनने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेगी।

जनहित के नाम पर षड़यंत्र

शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड शिक्षकों ने कुलपति से टकराव और दुर्भावना की वजह से ऐसा जनविरोधी कदम उठाया है। आक्टा के अध्यक्ष डॉ। सुनील कांत मिश्रा ने कहा कि जनहित के नाम पर षड़यंत्र किया जा रहा है। संचालन करते हुए महासचिव डॉ। उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि वर्षो संघर्ष के बाद कुलपति प्रो। आरएल हांगलू के प्रयास से डिग्री कॉलेजों में परास्नातक कक्षाएं प्रारंभ हुई हैं। बैठक में उपाध्यक्ष डॉ। रेखा रानी, पूर्व अध्यक्ष डॉ। आरपी सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ। केबी श्रीवास्तव, डॉ। राजेश कुमार गर्ग, डॉ। एसपी सिंह, डॉ। रमा सिंह, डॉ। संतोष श्रीवास्तव, डॉ। रणधीर सिंह, डॉ। रंजना त्रिपाठी, डॉ। अनिल कुमार सिंह सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।

आटा अध्यक्ष ने किया समर्थन

सीएमपी डिग्री कॉलेज में बैठक के दौरान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो। राम सेवक दुबे ने फोन कर जनहित याचिका दायर किए जाने की निंदा की। प्रो। दुबे ने डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को आश्वासन दिया कि इस मसले पर वह उनके साथ खड़े रहेंगे।